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शहर को सड़ा रही कंपनी के खिलाफ सभासदों ने खोला मोर्चा

चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को पत्र लिखकर की शिकायत, कहा- कंपनी के कारण हो रही पालिका की बदनामी

शहर को सड़ा रही कंपनी के खिलाफ सभासदों ने खोला मोर्चा
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के साथ अनुबंध के आधार पर 92 लाख रुपये प्रतिमाह के भुगतान पर कूड़ा निस्तारण का कार्य कर रही दिल्ली की कंपनी एमआईटूसी अपनी नकारात्मक कार्यशैली के कारण जनता के साथ ही अब पालिका सभासदों के निशाने पर भी आ गई है। सभासदों ने पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप से शिकायत करते हुए कंपनी पर पालिका की छवि को धूमिल करने के लिए लगातार गलत कार्य करने और अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करते हुए कर्मचारियों का भुगतान नहीं करने तथा समस्त क्षेत्र में घरों से कूड़ा कलेक्शन नहीं करने के साथ ही टिपिंग फीस वसूलने के बाद लोगों को रसीद उपलब्ध नहीं कराने जैसे गंभीर आरोप लगाये हैं। सभासदों की शिकायत पर चेयरपर्सन ने कंपनी से भी जवाब तलब किया है।

पालिका प्रशासन के द्वारा शहरी क्षेत्र में सफाई का स्तर सुधारने के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों को कार्य करने के लिए आमंत्रित किया था। इसमें दिल्ली की एमआईटूसी सिक्योरिटी एण्ड फैसिलिटी प्रा. लि. को 92 लाख रुपये प्रतिमाह के भुगतान पर ठेका दिया था। कंपनी को डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने के साथ ही डलावघरों से कूड़ा निस्तारण करने का कार्य करना है। इसमें कंपनी पूरी तरह से फेल नजर आ रही है। इसको लेकर अब लोगों में आक्रोश और विरोध शुरू हो गया है। वहीं अब सभासदों ने भी कंपनी के खिलाफ पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है। पालिका सभासद राजीव शर्मा, मनोज वर्मा, कुसुमलता पाल, सीमा जैन और राजेश आदि द्वारा चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को शिकायत करते हुए पत्र सौंपा है।

सभासदों ने कंपनी पर अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप लगाये हैं। सभासदों का कहना है कि नगर मे डोर टू डोर कूडा कलैक्शन करने हेतु एम.आई. टू. सी. सिक्योरिटी एण्ड फैसिलिटीज से अनुबन्ध किया गया है। परन्तु कम्पनी द्वारा अनुबन्ध की शर्ताे का उल्लंघन करते हुये मनमाने ढगं से कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक वार्ड मे कूडा कलैक्शन हेतु गाड़ियां नहीं पहुँच पाने के कारण वार्डाें मंे जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुये हैं। आरोप लगाया कि अनेक वार्डाें मंे कूड़ा कलैक्शन के नाम पर कम्पनी द्वारा जो शुल्क वसूल किया जाता है, उस शुल्क की प्राप्ति रसीद नागरिकों को नहीं दी जा रही हैं। कंपनी के टोलफ्री नम्बर पर जो शिकायत दर्ज करायी जाती हैं, उनका गुणवत्तापूर्ण निस्तारण नहीं हो पाता है। कंपनी कर्मचारियों का न तो वेतन ही समय पर दे रही है और न ही इन कर्मचारियों का पीएफ का भुगतान किया जा रहा है। जिस कारण आये दिन कम्पनी की नीतियों के खिलाफ कर्मचारी हड़ताल आदि करते रहते हैं। इससे जनता की नजरों में पालिका बोर्ड की छवि धूमिल हो रही है। सभासदों ने कंपनी के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग की है।

चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने बताया कि कंपनी के खिलाफ सभासदों के साथ ही अन्य लोगों से भी शिकायत मिली हैं। कंपनी के लोगों को सख्त चेतावनी दी गई है। साथ ही कंपनी के खिलाफ मिल रही वित्तीय अनियमितता, सफाई नहीं कराने और कर्मचारियों का वेतन आदि भुगतान नहीं करने के मामले में हमने जांच के आदेश दिये हैं। यदि कोई भी अनियमितता साबित होगी तो गंभीर कार्यवाही की जायेगी। किसी भी सूरत में शहर और जनता के हितों के साथ हम समझौता नहीं करेंगे। कंपनी के साथ जिन शर्तों पर, जिस कार्य के लिए अनुबंध हुआ है, उसका पालन करना कंपनी का दायित्व है। हमें शहर को स्वच्छ बनाना है, जो सभी के प्रयासों से संभव होगा। कंपनी के अधिकारियों से भी शिकायतों के सम्बंध में हमने जवाब तलब किया है।

कंपनी को करना पड़ा कांवड़ का भुगतान, पैसा लेकर काम पर लौटे कर्मचारी

मुजफ्फरनगर। अपनी कार्यप्रणाली के लिए घिरी एमआईटूसी कंपनी को आखिरकार अपने कर्मचारियों को कांवड़ यात्रा के दौरान 13 दिनों की अतिरिक्त ड्यूटी का भुगतान करना ही पड़ा। इसके बाद ही कर्मचारी अपने कार्य पर लौटे और कामबंद हड़ताल खत्म हो पाई। बता दें कि एमआईटूसी कंपनी के द्वारा 40 कर्मचारियों को कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ मार्ग पर सफाई कार्य के लिए 13 दिन की अतिरिक्त ड्यूटी पर लगाया गया था। इसके लिए अलग से भुगतान करने का वादा कर्मचारियों से किया गया, लेकिन कांवड़ यात्रा के बाद ये भुगतान नहीं किया जा रहा था, जिस कारण आक्रोशित कर्मचारियों ने कांवड़ यात्रा का भुगतान और लम्बित वेतन की मांग करते हुए सोमवार को वाहन खड़े कर कामबंद हड़ताल कर दी थी। कर्मियों ने कंपनी के जिला कार्यालय का घेराव करते हुए परियोजना प्रबंधक पुष्पराज सिंह व अन्य अधिकारियों को बंधक बना लिया था।

शाम तक कर्मचारियों से काम पर लौटने के लिए वार्ता की गई, लेकिन कर्मचारी बिना भुगतान काम पर लौटने को तैयार नहीं हुए तो देर शाम कंपनी की ओर से 40 कर्मचारियों को कांवड़ यात्रा के अतिरिक्त कार्य के लिए भुगतान किया गया है। कंपनी के सेकेंड्री प्वाइंट इंचार्ज कुलदीप सिंह ने बताया कि कंपनी ने कांवड़ यात्रा के लिए 12 घंटे की 13 ड्यूटी के आधार पर प्रत्येक कर्मचारी के खाते में करीब 17-17 हजार रुपये का भुगतान जारी कर दिया है। कर्मियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है और कार्य शुरू करा दिया गया है। अक्टूबर माह का लम्बित वेतन भी दो दिन में कंपनी के द्वारा जारी करने का भरोसा कर्मियों को दिया गया है। उन्होंने बताया कि पालिका द्वारा भुगतान नहीं करने से परेशानी पैदा हो रही है। कंपनी पर 50 प्रतिशत का जुर्माना लगाकर 46 लाख रुपये का भुगतान सितम्बर माह से काटने के कारण कंपनी ने पालिका ईओ को पत्र लिखकर इसका कारण पूछा है। अभी तक पालिका प्रशासन की ओर से कोई भी कारण नहीं बताया गया है। अक्टूबर माह का भुगतान भी पालिका की ओर से अभी नहीं किया गया है।

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