कानपुर शहर में छाया अंधेरा
-20 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें पड़ी बंद
कानपुर। कानपुर नगर में रात में अंधेरा छा जाने से लोग परेशान है। परेशान नागरिकों ने इसकी शिकायत कानपुर निगम पार्षद से भी की, मगर जवाब में सुनने को मिला कि कानपुर नगर निगम के मार्ग प्रकाश विभाग के पास तार, स्विच व अन्य उपकरण न होने की वजह से 20 हजार से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। बरसात की वजह से तारों में कार्बन आने से बंद हैं। इससे कार्बन छुड़ाने में भी परेशानी आ रही है। शहर के 110 वार्डों में 123555 स्ट्रीट लाइटें लगी हैं। इन्हें लगाने और रखरखाव व मरम्मत करने वाली कंपनी ईईएसएल भुगतान न होने के कारण एक साल पहले चली गई थी। तब स्ट्रीट लाइटें खराब होती देख तत्कालीन नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने सामान मंगाकर मरम्मत कराना शुरू किया, पर उनके जाने के बाद स्थिति बदतर हो गई। दूसरी तरफ नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने लाइटें ठीक कराने के लिए जो सामान मंगाने के लिए स्वीकृति दी है। वह ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर के है। दरअसल, जो फाइल स्वीकृत हुई, उसमें मात्र 90 वाट के ड्राइवर मंगाए हैं, जबकि शहर में करीब 90 हजार लाइटें 110 वाट की हैं। 200 वाट की लाइटें टावरों में लगी हैं। वरिष्ठ पार्षद नवीन पंडित, अभिषेक गुप्ता मोनू, लियाकत अली, निशा अकील शानू, मोहम्मद उमर, नीलम, कौशल, पूर्व पार्षद नीलम चौरसिया, अमित मेहरोत्रा बबलू आदि ने त्योहारों का हवाला देकर स्ट्रीट लाइटें जल्द सही कराने की मांग की है। जीटी रोड, कालपी रोड, घंटाघर से टाटमिल होते हुए यशोदानगर बाईपास रोड, गोविंदपुरी पुल, नयापुल, घंटाघर हैरिसगंज पुल, दादानगर पुल, गोशाला चौराहे से सोंटेबाबा मंदिर रोड, निरालानगर, गुलमोहर विहार, साकेतनगर, किदवईनगर, बाबूपुरवा, मंशीपुरवा, श्यामनगर, अशोकनगर में एएनडी कालेज से पूर्णादेवी गर्ल्स इंटर कालेज, हर्षनगर मार्ग, सिविल लाइंस में एमजी कालेज चौराहे से लालइमली चौराहा, बर्रा में सचान चौराहे से शास्त्री चौक होते हुए हरमिलाप स्कूल रोड, जाजमऊ सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट मार्ग सहित तमाम सड़कों की स्ट्रीट लाइटें बंद हैं।
नगर निगम के प्रभारी मुख्य अभियंता आरके पाल का कहना है कि स्ट्रीट लाइटें ठीक करने के लिए 40 लाख की फाइलें स्वीकृत हुई हैं। सामान आने लगा है। रोज करीब 700 लाइटें ठीक हो रही हैं। बरसात खत्म होने के बाद रोज एक हजार स्ट्रीट लाइटें ठीक कराऊंगा। दशहरा से पहले लाइटें ठीक हो जाएंगी। सात साल पुरानी होने की वजह से स्ट्रीट लाइटें ज्यादा खराब हो रही हैं।