MUZAFFARNAGAR-रेलवे स्टेशन की निष्क्रांत सम्पत्ति कब्जा मुक्त कराने की मांग
हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में दिया धरना, हिन्दू शक्ति संगठन ने सौंपा ज्ञापन
मुजफ्फरनगर। रेलवे स्टेशन के सामने स्थित मजिस्द और दुकानों के निर्माण को लेकर एक बार फिर से हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने आवाज बुलन्द करते हुए कलेक्ट्रेट में धरना दिया। इस दौरान राष्ट्रीय हिन्दू शक्ति संगठन के लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को सौंपते हुए विवादित भूमि को निष्क्रांत सम्पत्ति बताते हुए उसको जल्द से जल्द कब्जामुक्त कराये जाने और कब्जाधारियों से वसूली करने की मांग की है।
राष्ट्रीय हिन्दू शक्ति संगठन के संजय अरोरा के नेतृत्व में सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय के समक्ष हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। इस दौरान हिन्दू शक्ति संगठन की ओर से मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। इसमें कहा गया कि स्थानीय रेलवे स्टेशन के सामने खसरा नम्बर 930 निष्क्रांत सम्पत्ति घोषित हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी भूमि को कब्जा मुक्त कराये जाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है। उन्होंने ज्ञापन में कहा कि डीएम द्वारा गठित जांच कमेटी ने उक्त खसरा नम्बर को निष्क्रांत सम्पत्ति घोषित किया है। इस पर कब्जामुक्त करने की कार्यवाही करते हुए कब्जाधारियों को भू माफिया घोषित कर उनसे हर्जाना वसूलने की मांग की गयी है। ज्ञापन देने वालों में संजय अरोरा, सरिता शर्मा अरोरा, प्रवीण जैन, सोनू माहेश्वरी, संजय मलिक, संजय गोस्वामी, सुनील वर्मा, अमित मित्तल, श्याम वर्मा, प्रमोद वर्मा, राजू पाल, अंकित पाल, साहिल अरोरा, राजकुमार गर्ग, प्रदीप कुमार, संजीव शर्मा, प्रमोद उपाध्याय, नवीन त्यागी, संदीप कौशिक, सुन्दर सैनी, अमरीश शर्मा, मनोज शर्मा, संजय ठाकुर, सीमा ठाकुर आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
शिवसेना नेता लोकेश सैनी ने जिलाधिकारी पर लगाये आरोप
मुजफ्फरनगर। शिवसेना उ(व ठाकरे गुट के मंडल अध्यक्ष लोकेश सैनी ने रेलवे स्टेशन के सामने वाली भूमि के विवाद में जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी की कार्यप्रणाली को संदिग्ध बताते हुए उन पर दूसरी पार्टी से साठगांठ करने के गंभीर आरोप लगाये। राष्ट्रीय हिन्दू शक्ति संगठन के धरने पर समर्थन देने के लिए पहुंचे लोकेश सैनी ने कहा कि राष्ट्रीय हिंदू शक्ति संगठन के द्वारा लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व यह मामला प्रशासन के संज्ञान में लाया गया था कि रेलवे स्टेशन के ठीक सामने मस्जिद सरकारी संपत्ति पर अवैध रूप से कब्जा करके बनाई गई है। इसमें डीएम द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया। इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन एवं शिकायतकर्ता को उपलब्ध कराई है। जिसमें उक्त संपत्ति को निष्क्रांत संपत्ति घोषित किया गया है। नियम अनुसार कोई भी निष्क्रांत एवं शत्रु संपत्ति को तत्काल जिलाधिकारी के द्वारा अपने कब्जे में लेकर राज्य सरकार में निहित करना होता है। लेकिन मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी के द्वारा ऐसा नहीं किया गया जिससे हिंदू संगठनों में आक्रोश बढ़ रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी पर दूसरे पक्ष से मिली भगत का भी आरोप लगाते हुए कहा कि वो मुस्लिम पक्ष को कोर्ट जाने का मौका दे रहे हैं। जिससे यह मामला अटका रहे।