MUZAFFARNAGAR-पालिका में 800 नामांतरण पत्रावलियों का निस्तारण
करीब तीन वर्षों से लटका हुआ था सम्पत्तियों के दाखिल-खारिज का प्रकरण, खामी मिलने पर 12 मामलों को किया खारिज, मामले निपटने पर लोगों को मिली राहत, 10 मामलों में आपत्ति आने पर कर निर्धारण अधिकारी दिनेश यादव ने शुरू की सुनवाई
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में कर निर्धारण अधिकारी की नियुक्ति होने के बाद से काम पटरी पर लौटने लगा है। पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के मार्गदर्शन में पालिका में लम्बित चल रहे सम्पत्ति नामांतरण के मामलों का निस्तारण कराने में सफलता पा ली गई है। सम्पत्ति दाखिल खारिज के करीब 800 लम्बित प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है। इसमें खामियां मिलने पर 12 नामांतरण प्रकरणों को खारिज कर दिया गया है। जबकि करीब दस पत्रावलियों में आपत्ति दाखिल होने पर इनके निस्तारण के लिए सुनवाई शुरू कर दी गई है। पालिका में करीब दो साल बाद सम्पत्ति नामांतरण के प्रकरणों का निस्तारण होने पर लोगों को बड़ी राहत मिली है।
साल 2022 के जुलाई माह में तत्कालीन चेयरपर्सन अंजू अग्रवाल के अधिकार सीज होने के बाद पालिका में गहराये प्रशासनिक संकट के बाद से ही कामकाज प्रभावित हो गया था। इसमें साल 2023 में नया बोर्ड निर्वाचित होने के बाद चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के नेतृत्व में विकास तो पटरी पर लौटा लेकिन पालिका में संपत्तियों के नामांतरण का मामला अधर में ही लटका रहा। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के लाख प्रयासों के बावजूद भी सम्पत्तियों का नामांतरण सुचारू नहीं हो पा रहा था, हालांकि उन्होंने पूर्व बोर्ड की लम्बित करीब सौ से ज्यादा पत्रावलियों का निस्तारण कराया था, लेकिन इसके चलते अधिकारियों में आपसी विवाद की स्थिति बनने के कारण सम्पत्ति नामांतरण के प्रकरण लम्बित ही होते चले गये। टीएस नरेश शिवालिया और ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह के बीच सम्पत्ति नामांतरण पत्रावलियों के निस्तारण को खींचतान पैदा होने के बाद इसका हल नहीं निकल पा रहा था। इसी बीच शासन ने यहां पर दिनेश कुमार यादव के रूप में कर निर्धारण अधिकारी की नियुक्त कर दी।
इसके बाद चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने सबसे पहले सम्पत्ति नामांतरण के प्रकरणों का निस्तारण करने का निर्देश दिया। कर निर्धारिण अधिकारी दिनेश यादव ने बताया कि करीब 800 सम्पत्ति नामांतरण के प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है। अब पालिका में सम्पत्ति नामांतरण को लेकर कोई भी पत्रावली लम्बित नहीं है। इसमें से करीब 12 पत्रावलियों में गंभीर त्रुटि मिलने के कारण उनके आवेदन को निरस्त किया गया है, जबकि करीब 10 पत्रावलियों में आपत्ति आने के कारण उनके निस्तारण के लिए सुनवाई शुरू कर दी गई। उन्होंने कहा कि इन प्रकरणों का भी जल्द ही निस्तारण कर दिया जायेगा। सम्पत्ति नामांतरण के प्रकरणों का निस्तारण होने के कारण सालों से पालिका के चक्कर काटने वाले लोगों को राहत मिली है। इसके साथ ही नये बिल बनने से पालिका को भी इन सम्पत्तियों से टैक्स के रूप में राजस्व प्राप्त होने का रास्ता साफ हुआ है।