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1.17 करोड़ में बिक गया भरतिया कालोनी का विवादित मकान

मकान खरीद में सरकार का स्टाम्प चोरी कर राजस्व का चूना लगाने वाले नदीम ने बेचने में भी किया बड़ा खेल, हिन्दूवादी नेता ललित माहेश्वरी ने जिलाधिकारी से शिकायत कर लगाये गंभीर आरोप, नियम विरुद्ध किया एग्रीमेंट, बैंक से लिया है 80 लाख का लोन

1.17 करोड़ में बिक गया भरतिया कालोनी का विवादित मकान
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मुजफ्फरनगर। पिछले दिनों हिन्दूवादी संगठनों के नेताओं के निशाने पर आये भरतिया कालोनी के विवादित मकान का सौदा 1.17 करोड़ रुपये में कर दिया गया है। हिन्दू बाहुल्य इलाके में इस मकान को गैर सम्प्रदाय के व्यक्ति द्वारा खरीद लिये जाने के बाद से ही हिन्दूवादी संगठनों के द्वारा स्थानीय नागरिकों के साथ मिलकर लगातार आंदोलन और प्रदर्शन करते हुए जांच की मांग की जा रही थी। मकान खरीदने में स्टाम्प चोरी और सरकारी भूमि कब्जाने के आरोप लगाये तो वहीं इसको बेचने में भी बड़ा खेल होने का संदेह व्यक्त करते हुए मकान की खरीद और फरोख्त मामले की उच्च स्तरीय समिति गठित करते हुए जिलाधिकारी से जांच की मांग की गयी है।

नई मंडी थाना क्षेत्र के मौहल्ला भरतिया कालोनी की वाल्मीकि बस्ती में पिछले दिनों एक दो मंजिला मकान को लेकर खासा विवाद खड़ा हो गया था। यह पूरा इलाका हिन्दू बाहुल्य माना जाता है, लेकिन इस मकान को एक मुस्लिम द्वारा खरीद किये जाने और उसमें राजनीतिक पार्टी का कार्यालय चलाने को लेकर स्थानीय नागरिकों ने हल्ला बोल दिया था। इसके बाद हिन्दूवादी संगठनों ने इस प्रकरण को लेकर आंदोलन शुरू करते हुए जांच के साथ ही कार्यवाही की मांग की। इसी बीच इस मकान का सौदा भी कर दिया गया है। विश्व हिन्दू परिषद् के नेता ललित माहेश्वरी ने जिलाधिकारी उमेश मिश्रा से की गई शिकायत में इस मकान को खरीदने से लेकर बेचने तक गंभीर रूप से स्टाम्प चोरी करते हुए सरकार को राजस्व हानि पहुंचाने और मकान में सरकारी नाले की भूमि को कब्जाने के आरोप लगाते हुए डीएम से उच्च स्तरीय समिति गठित करते हुए जांच कराये जाने की मांग की है।

ललित माहेश्वरी के अनुसार तहसील सदर के खसरा नम्बर 213 अलमासपुर अन्दर हदूद के अन्तर्गत कायम भरतिया कालोनी वाल्मीकि बस्ती की उक्त सम्पत्ति के रूप में दर्ज मकान मौहम्मद नदीम पुत्र लियाकत अली निवासी ग्राम हुसैनाबाद भनवाडा, बुढ़ाना ने मकान मालिक लक्ष्मी भारती पत्नी अशोक भारती निवासी पटेलनगर से 25 जून 2024 को बजरिये बैनामा खरीदा था। उस दौरान मकान की मालियत 40 लाख रुपये दर्शायी गई थी। इसमें तथ्यों को छिपाते हुए सम्पत्ति का क्षेत्रफल करीब 333 वर्ग गज दर्शाया गया है, जबकि मौके पर यह सम्पत्ति करीब 475 वर्ग गज है, इसलिए बड़े पैमाने पर स्टाम्प चोरी की गई। निर्माण नक्शे में केवल भूमि पर दो कमरे पीछे बने दिखाये गये और ओपन टू स्काई में बैनामा करा लिया गया, जबकि मौके पर दो मंजिला भवन निर्मित है, जिसका नक्शा भी एमडीए से पास नहीं है। नदीम ने मकान खरीदने के बाद कॉमर्शियल श्रेणी में उक्त मकान पर 80 लाख रुपये का बैंक से लोन भी स्वीकृत करा लिया। बैंक लोन होने के बावजूद भी विक्रय करने के लिए एग्रीमेंट (इकरारनामा) किया गया है।

09 सितम्बर 2024 को कराये गए इस इकरारनामे में मौहम्मद नदीम द्वारा दीपचन्द पुत्र अतर सिंह निवासी मकान नम्बर 84 मौहल्ला रैदासपुरी, मुजफ्फरनगर और अरविन्द कुमार पुत्र )षिपाल निवासी 110, बस स्टैण्ड कुटबा, मुजफ्फरनगर को सम्पत्ति 1.17 करोड़ रुपये में विक्रय करने का सौदा तय कर 10 लाख रुपये बतौर बयाना प्राप्त किये हैं। आरोप है कि इस इकरारनामे को भी स्टाम्प शुल्क की चोरी करते हुए फर्जी तरीके से कराया गया है और खरीदार अरविन्द एवं दीपचंद पर ही बैंक का 80 लाख रुपये का लोन चुकाने का जिम्मा रखा गया है, बैनामा नवम्बर तक कराने का समय निर्धारित किया गया है। बैनामे पर शेष 27 लाख नदीम को खरीदारों द्वारा देना तय हुआ है। जून में नदीम द्वारा मकान खरीदने की कीमत 40 लाख थी, जो तीन महीने में ही बढ़कर एक करोड़ के पार हो गई। ललित माहेश्वरी ने डीएम से की गई शिकायत में कहा कि ये सीधे तौर पर सब रजिस्ट्रार को गुमराह करते हुए स्टाम्प शुल्क की चोरी करते हुए धोखाधड़ी का मामला है। उन्होंने उच्च स्तरीय समिति का गठन कर बिन्दूवार जांच कराये जाने की मांग की है। उनका कहना है कि हिन्दू बाहुल्य क्षेत्र में गैर सम्प्रदाय के व्यक्ति द्वारा मकान खरीद लिये जाने के कारण हिन्दूवादी संगठनों और क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है, किसी दिन इसमें धार्मिक उन्माद के कारण शहर का माहौल खराब होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है, इसलिए इसको गंभीरता से लिया जाये। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी शिकायत पत्र भेजा है। उनका कहना है कि प्रशासन यदि ऐसे धोखेबाजों के खिलाफ कार्यवाही नहीं करता तो सभी लोगों को साथ लेकर हम बड़ो आंदोलन करेंगे।

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