गलतफहमी में मत रहो-मंत्री चेतन चौहान से भी कोविड वार्ड में हुई थी अभद्रता
समाजवादी पार्टी के विधान परिषद् सदस्य सुनील सिंह ‘साजन’ ने उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण को लेकर उपचार की व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। उन्होंने योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के साथ कोविड वार्ड में हुई अभद्रता को सदन में उठाकर लोगों की आंख खोलने का काम किया है।
लखनऊ। सरकारी अस्पतालों में उपचार और व्यवस्था किस हद तक असंवेदनशील बनी रहती है, यह तो हम गाहे बगाहे सामने आने वाले प्रकरणों से देख ही लेते हैं, लेकिन क्या कोरोना काल के इस संकट में भी व्यवस्था इतनी खराब हो सकती है, कि किसी सरकार के कैबिनेट मंत्री के साथ भी डाक्टर अभद्रता कर जाये, हम इस पर यकीन नहीं कर पायेंगे, लेकिन कोरोना वायरस से अपना जीवन गवां चुके योगी सरकार के मंत्री चेतन चौहान को लेकर ऐसा ही खुलासा आज विधान परिषद् में किया गया है, जिससे कई सवाल उठे हैं। इस मामले को उठाने वाले समाजवादी पार्टी के लखनऊ-उन्नाव सीट से एमएलसी सुनील सिंह यादव उर्फ साजन ने राज्य में कोविड-19 के आम मरीजों को लेकर भी चिंता जाहिर की है।
जानिए कैसे कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के इलाज में लापरवाही हुई, एमएलसी सुनील साजन की कोरोना जांच 5 बार में नही कर पाया #PGILucknow. उत्तर प्रदेश में ये हाल जनप्रतिनिधियों का है। आम जनता की कल्पना कर लीजिए। #coronavirus की महामारी में योगी सरकार सीन से गायब है। pic.twitter.com/JeqBiubBU6
— Atul Chaurasia (@BeechBazar) August 22, 2020
विधानमंडल दल के मानसून सत्र के दौरान आज सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन ने मंत्री चेतन चौहान के कोविड उपचार को लेकर एसजीपीजीआई के चिकित्सकों की टीम के व्यवहार को लेकर सदन में एक कडुवा सच जाहिर किया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित कोई भी व्यक्ति गलतफहमी ना पाले, क्योंकि वह अपनी आंखों से योगी सरकार के मंत्री चेतन चौहान के साथ डाक्टरों का दुव्र्यवहार देख चुके हैं। सदन में उनके द्वारा उठाये गये इस मुद्दे की वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तेजी से वायरल हो रही है। सुनील सिंह ने सदन में बताया कि 11 जुलाई 2020 को वह कोरोना संक्रमित पाये गये। दोपहर को उनको उपचार के लिए एसजीपीजीआई के कोविड वार्ड में भर्ती करा दिया गया। यहां पर आठ बेड थे। शाम होने पर यहां कोरोना संक्रमण से पीड़ित होने के कारण राज्य की योगी सरकार के सैनिक कल्याण एवं होमगार्ड विभाग के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान को भी भर्ती किया गया। मैं बेड नम्बर 11 पर था और मंत्री चेतन चौहान को बेड नम्बर 12 पर रखा गया। मैं पेंट शर्ट पहने हुए था, तो मंत्री जी ने कुर्ता पायजामा पहन रखा था। इसी दौरान वहां चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की टीम पहुंचती है, एक चिकित्सक आवाज देकर पूछता है, यहां चेतन कौन है? मंत्री जी अपने बेड पर ही हाथ उठाकर इशारा करते हैं, तो चिकित्सकों की टीम वहां पहुंचती है, मैं इस टीम का यह अभद्र व्यवहार देखकर आश्चर्यचकित था, मंत्री जी के पास पहुंचकर एक चिकित्सक सवाल करता है, चेतन तुम क्या करते हो? मंत्री जी अपना परिचय देते हैं, मैं कैबिनेट मंत्री हूं, इस पर उनसे पूछा गया कहां के मंत्री हो? वह बताते हैं, यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हूं। सुनील सिंह आगे बताते हैं कि इस परिचय के बाद मैं समझ रहा था कि अब शायद चिकित्सकों के व्यवहार में बदलाव आये, लेकिन उनकी अभद्रता जारी रही, एक चिकित्सक ने फिर उनसे पूछा चेतन तुम्हारे घर में कौन-कौन संक्रमित हैं, यह देखकर उनको गुस्सा आया, वह चिकित्सकों से बोले-कि यह वह व्यक्ति है, जो देश के लिए क्रिकेट खेला है, इस पर चिकित्सक यह कहकर वहां से चले गये कि अच्छा यह वह चेतन है..! सुनील सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कैबिनेट मंत्री के बाद केवल मुख्यमंत्री ही होता है, तो क्या इस सरकार में केवल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ही सम्मान होगा? माननीय किसी व्यवस्था में सम्मान पाने के हकदार नहीं है। सुनील सिंह ने कहा कि इसी अभद्रता के कारण मंत्री चेतन चौहान घुटन में महसूस कर रहे थे, वह कोरोना से नहीं मरे, बल्कि इस अव्यवस्था ने उनको मारा है।
बता दें कि मंत्री चेतन चौहान को कोरोना पाजिटिव पाये जाने के बाद एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। यहां पर उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण उनको बाद में मेदांता हाॅस्टिपटल में भर्ती करवा दिया गया था, जहां उनका निधन हो गया था।
और जब अखिलेश यादव ने सुनील सिंह से कहा, तुम घर आ जाओ
एमएलसी सुनील सिंह यहीं पर नहीं रूके, उन्होंने एसजीपीजीआई में कोविड टेस्ट को लेकर वीआईपी के संबंध में भी बरती जा रही लापरवाही को उठाया। उन्होंने बताया कि वह 19 दिन अस्पताल में भर्ती रहे। वहां पर 11वें दिन उनका कोविड टेस्ट कराया गया, जिसकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आई। इसके चार दिन बाद फिर जांच हुई, उसमें भी मैं पाॅजिटिव आया। इसी बीच हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का फोन आया कि सरकार ने शासनादेश कर दिया है, आप घर पर रहकर भी उपचार करा सकते हो, इसलिए इस सरकार की व्यवस्था पर भरोसा मत करो और घर आ जाओ, वहीं पर आइसोलेट कर इलाज की व्यवस्था करा लो, मैंने उनसे अनुरोध किया कि मैं अपनी एक जांच और करा लेता हूं, मैंने जांच कराई फिर पाॅजिटिव आने की सूचना नर्स ने मुझे दी। चिकित्सकों से बात की तो उन्होंने कहा कि आप पाॅजिटिव हैं या नहीं दूसरा टेस्ट होगा। सुबह फिर टेस्ट हुआ, शाम को जानकारी मांगी तो कहा गया कि आपका रैपर बदल गया, दोबारा जांच होगी, शाम को ही फिर सैम्पल दिया गया, सुबह पूछा तो बताया, कि अब आपका सैम्पल बदल गया है, इसलिए आपका चैथी बार टेस्ट होगा। सुनील सिंह कहते हैं, हमारा चैथा टेस्ट हुआ, इसमें क्या हुआ, हमने रिपोर्ट पूछी तो बताया कि आपका फार्म ही लैब गया, सैम्पल यहीं रह गया। हमने पांचवीं बार सैम्पल दिया, इसके बाद मैंने एसजीपीजीआई में लिखित में दिया कि मुझे यहां इलाज नहीं कराना, मैं घर पर सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार अपना उपचार कराऊंगा।