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नहर में पानी नहीं आने पर किसानों ने घेरी पुलिस चौकी, भाकियू नेता को भी रोका

सिंचाई विभाग के अफसरों ने मौके पर पहुंचकर दिया भरोसा, 24 घंटे में नहर में छोड़ा जायेगा पानी

नहर में पानी नहीं आने पर किसानों ने घेरी पुलिस चौकी, भाकियू नेता को भी रोका
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मुजफ्फरनगर। नहर में पानी नहीं आने के कारण अपने खेतों में खड़ी फसलों की सिंचाई नहीं कर पाने से परेशान किसानों के सब्र का बांध टूटा तो कई गांवों के किसानों ने भारी संख्या में एकत्र होकर पुलिस चौकी पहुंचकर घेराव करते हुए धरना शुरू कर दिया। इसी बीच हरिद्वार में शुरू हुए किसान चिंतन शिविर में जा रहे भाकियू नेता विकास शर्मा के काफिले को भी किसानों ने रोककर अपने साथ बैठा लिया और समस्या का समाधान होने तक उनको नहीं जाने देने का ऐलान कर दिया। इसके बाद पुलिस और सिंचाई विभाग के अफसर किसानों के बीच पहुंचे, भरोसा दिया गया कि 24 घंटे के भीतर नहर और राजबाहों में पानी आ जायेगा। इसके बाद किसानों ने धरना समाप्त किया। भाकियू नेता ने चेतावनी दी कि यदि नहर में पानी नहीं आया तो हरिद्वार शिविर के बाद बड़ा आंदोलन किया जायेगा।

चरथावल क्षेत्र में नहर में पानी नहीं आने के कारण किसानों को अपनी फसलों की सिंर्चाइ के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक की काफी किसानों की फसल पानी नहीं मिलने के कारण सूखने लगी है। इससे परेशान क्षेत्र के गांव बिरालसी, रोनी हरजीपुर, मंगनपुर, नगला पिथौरा और पीपलहेडा आदि गांवों के किसानों ने शनिवार को बिरालसी पुलिस चौकी पहुंचकर धरना शुरू कर दिया। इसी बीच वहां से गुजर रहे भाकियू नेता विकास शर्मा के काफिले को भी किसानों ने रोक लिया।


विकास शर्मा शनिवार से हरिद्वार में शुरू हुए भाकियू के चार दिवसीय चिंतन शिविर में प्रतिभाग करने के लिए जा रहे थे। किसानों ने उनको गाड़ी से उतारकर अपने ही धरने पर बैठा लिया और समाधान होने तक नहीं जाने देने का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही किसानों ने सड़क पर अवरोधक लगाकर यातायात भी जाम कर दिया। भाकियू नेता विकास शर्मा ने पुलिस और सिंचाई विभाग के अधिकारियों से फोन पर वार्ता की। इसके बाद पुलिस भी पहुंची और सिंचाई विभाग से भी अधिकारियों ने किसानों के बीच पहुंचकर उनकी समस्या को सुना। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन देते हुए कहा कि 24 घंटे के भीतर नहर में पानी छोड़ दिया जायेगा। इसके बाद किसानों ने सिंचाई विभाग के अफसरों को चेतावनी दी कि यदि पानी नहीं आया तो बड़ा आंदोलन किया जायेगा। बाद में धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया।

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