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MUZAFFARNAGAR--मूसलाधार बारिश से पूरा जिला जलमग्न

दिन भर चला रात से शुरू हुई बारिश का जबरदस्त दौर, इस सीजन की सबसे बड़ी बारिश होने के कारण शहरी सड़कों से गांव-देहात के खेतों तक पानी ही पानी, बारिश के कारण कई दिनों से बनी उमस और घोट से मिली राहत, तापमान ने कई डिग्री लगाया गोता

MUZAFFARNAGAR--मूसलाधार बारिश से पूरा जिला जलमग्न
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मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर समेत पश्चिमी यूपी में देर रात से शुरू हुई बारिश का दौर बुधवार को पूरे दिन बना रहा। इस मूसलाधार बारिश के कारण पूरा जिला ही जलमग्न नजर आया। शहरी सड़कों से लेकर गांव और देहात के खेत खलिहान तक पानी ही पानी नजर आया। इस बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी है। बुधवार को इस सीजन की सबसे बड़ी बारिश रिकार्ड की गई। शाम तक भी रुक-रुक कर बारिश होती रही। मौसम वैज्ञानिक अभी मौसम ऐसे ही बना रहने का दावा कर रही है और इसके कारण तापमान में भी गिरावट आएगी। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो यह बारिश फसलों के लिए भी लाभकारी है। वहीं वेस्ट यूपी के ज्यादातर जिलों में बारिश के चलते जगह शहर में जनजीवन प्रभावित हो गया, जिस कारण से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जनपद में भी इस बारिश का प्रतिकूल प्रभाव नजर आया। शहरी निचले इलाके जलमग्न हो गये तो वहीं मीरापुर क्षेत्र के गांव में एक मकान गिर जाने के कारण एक बच्ची घायल हो गई। परिवार को बारिश में भारी परेशानी हुई।


मुजफ्फरनगर जनपद में पिछले काफी दिनों से बनी भीषण गर्मी, उमस और घोट के कारण लोग हलकान हो रहे थे और बारिश का इंतजार लंबे समय से किया जा रहा था। कहने को तो सोमवार से ही बारिश का दौर बना हुआ था और जिले में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश भी हुई, लेकिन इससे उमस और बढ़ जाने के कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। देर रात शुरू हुई बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई और लोगों को गर्मी से राहत तो मिले, लेकिन रुक-रुककर हो रही बरसात से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। शहर में जगह-जगह जलभराव की स्थिति बन गई। शहर के निचले इलाकों जनकपुर, इंद्रा कालौनी, किदवईनगर, खालापार, लद्दावाला, साकेत कालोनी, पटेलनगर, रामलीला ग्राउंड, रामपुरी, आबकारी मोहल्ला, मल्हुपुरा के साथ ही मलिन बस्तियों में जलभराव के कारण दयनीय हालात बन गए। उधर, शहर की सड़कों से लेकर गांव देहात के खेतों तक भी पानी भर गया है। इससे सब्जी की फसलों को नुकसान हो सकता है। देरी से बुआई किए गए चारे की फसल भी प्रभावित होगी। सोलानी और हिंडन नदी का जलस्तर भी एक बार फिर से लगातान बढ़ने के कारण क्षेत्र में फिर बाढ़ की संभावना बन जाने से किसान परेशान नजर आये। तेज बारिश के कारण न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। वातावरण में आद्रता का स्तर भी ऊंचाई पर रहा। जल भराव से लोगों को दिक्कत हुई। लेकिन किसानों के चेहरे खिल गए।


मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार बुधवार को हुई यह बारिश इस सीजन की सबसे बड़ी बारिश बनी है। देर रात से बुधवार सुबह तक ही जिले में 91.4 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई। शाम तक बारिश का रिकार्ड 100 मिली मीटर तक पहुंच गया था। सुबह के दौरान न्यूनतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस रहा। बुधवार को न्यूनतम तापमान में मंगलवार के मुकाबले 2 डिग्री की कमी देखी गई। तापमान में गिरावट आने से लोगों को राहत महसूस हुई। बुधवार सुबह वातावरण की आर्द्रता 98 प्रतिशत रही। इससे पहले कहने को तो सोमवार और मंगलवार को भी जिले के कुछ स्थानों पर बारिश हुई, लेकिन बुधवार की यह अच्छी बारिश 4 अगस्त के बाद हुई है। 4 अगस्त को 25 मिली मीटर बारिश रिकार्ड की गई थी। अभी तक इस सीजन में 8 जुलाई को सर्वाधिक 98.2 मिली मीटर बारिश रिकार्ड की गयी है। इसके अलावा 9 जुलाई को 83.4 और 2 मई को 87.8 मिली मीटर बारिश हुई है। अगस्त माह के दौरान अब तक छह बार बारिश हुई है। आंकड़ों के अनुसार इस माह 129.6 मिली मीटर बारिश हो चुकी है। लगातार हो रही बारिश खेतों में खड़ी धान और गन्ने की फसल के लिए वरदान साबित हो सकती है। मौसम विभाग के विशेषज्ञ पान सिंह का कहना है कि बारिश से फसलों को लाभ पहुंचेगा। हालांकि नमी से मक्का की फसल को नुकसान हो सकता है। उन्होंने बताया कि मक्का की फसल पक रही है। आशंका जताई कि ऐसे में नमी के चलते फंगस का हमला उस पर हो सकता है।

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