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PALIKA-चार शातिर ठेकेदारों के ईओ प्रज्ञा सिंह ने कतरे पर

निर्माण कार्यों के ई-टैण्डरों में नियमों के खिलाफ एफडीआर का प्रयोग कर पालिका की छवि को धूमिल करने का है आरोप

PALIKA-चार शातिर ठेकेदारों के ईओ प्रज्ञा सिंह ने कतरे पर
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में प्रस्तावित निर्माण कार्यों की ई-निविदाओं में शातिराना अंदाज दिखाते हुए नियमों के विपरीत जाकर दस्तावेज लगाने वाले चार ठेकेदारों के खिलाफ आखिरकार पालिका प्रशासन ने कार्यवाही का कदम उठा ही लिया है। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के सख्त रवैये के कारण पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने इन चारों आरोपी ठेकेदारों के पर कतरने का काम किया है। उन्होंने हाल ही में पालिका प्रशासन के द्वारा प्रस्तावित 110 निर्माण कार्यों की निविदा प्रक्रिया में इन चारों ठेकेदार फर्मों को प्रतिभाग करने से प्रतिबंधित करते हुए भविष्य में कठोर विभागीय कार्यवाही करने की चेतावनी भी जारी कर दी है।

नगरपालिका परिषद् के द्वारा लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पूर्व शहरी विकास के लिए 102 निर्माण कार्यों को हरी झण्डी दी गई थी। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप का प्रयास था कि आचार संहिता से पहले ही इन निर्माण कार्यों को शुरू कराया जाये। इसके लिए निर्माण विभाग की ओर से चेयरपर्सन के आदेश पर इन निर्माण कार्यों की ई निविदा निकालने के लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी, जिसमें 11 दिन की प्रक्रिया के आधार पर निविदा आमंत्रित की गई, लेकिन इसी बीच कुछ सभासदों ने इसे नियमों के विपरीत बताते हुए कम से कम 21 दिन की प्रक्रिया के नियम का हवाला देते हुए निरस्त करने की मांग चेयरपर्सन से की तो यह निविदा प्रक्रिया रोक दी गई थी। इससे पहले कि 21 दिन की अवधि के लिए निविदा आमंत्रित की जाती, लोकसभा चुनाव का ऐलान होने के साथ ही आचार संहिता लागू कर दी गई थी। चुनाव निपटने के बाद 102 निर्माण कार्यों को धरातल पर लाने के लिए चेयरपर्सन के आदेश पर निर्माण विभाग के एई अखंड प्रताप सिंह ने ई-निविदा आमंत्रित की, लेकिन 102 में से केवल 15 निर्माण कार्यों की ई-निविदा ही खुल पाई, जबकि अन्य निविदा एक या दो ठेकेदार तथा फर्जी एफडीआर होने के कारण निरस्त कर दी गई।

इसमें जब निर्माण विभाग के लिपिकों के द्वारा ई निविदाओं में ठेकेदार फर्मों प्रपत्रों की जांच की गई तो वो चौंक गये। कई ठेकेदारों ने अधिकांश निरस्त ई निविदाओं में फर्जीवाडा करते हुए नियमों के विपरीत गलत एफडीआर लगाई गई थी। इसी फर्जीवाडे के कारण इन ई निविदाओं को निरस्त करना पड़ा। मामले का खुलासा हुआ तो ठेकेदारों के इस शातिराना अंदाज पर खूब शोर मचा। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप तक शिकायत पहुंची तो उन्होंने भी ठेकेदारों के द्वारा फर्जी एफडीआर लगाये जाने पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसकी जांच के आदेश दे दिये थे।

इस मामले में चेयरपर्सन की सख्ती के कारण अब कार्यवाही हुई है। पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बुधवार को जांच में दोषी पाये गये चार ठेकेदारों को नोटिस जारी करते हुए आगामी दिनों में खुलने वाली निर्माण कार्यों की ई निविदाओं में इन चारों फर्मों के भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि 102 निर्माण कार्यों की ई निविदा में निर्माण विभाग में पंजीकृत ठेकेदार फर्म शिव कन्सट्रक्शन के शानू चौधरी निवासी भरतिया कालोनी, बुढीना खुर्द निवासी नवीन कुमार कान्ट्रैक्टर, कम्बलवाला बाग नई मंडी निवासी श्याम कुमार कान्ट्रैक्टर और प्रेमपुरी निवासी रोबिन गोयल कान्ट्रैक्टर को नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि इन चारों ठेकेदार फर्म द्वारा 102 निर्माण कार्यों की ई निविदाओं में फर्जी एफडीआर लगाने का कृत्य किया गया है।

ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि राज्य वित्त आयोग की धनराशि के अन्तर्गत बोर्ड से पारित 102 निर्माण कार्यों के लिए 23 फरवरी को निर्माण विभाग द्वारा ई-निविदा आमंत्रित की गई थी। इन कार्यों की तकनीकी बिड 15 मार्च को ईओ के समक्ष डाउनलोड करने के बाद एई निर्माण अखंड प्रताप सिंह और जेई कपिल कुमार ने संयुक्त रूप से परीक्षण किया। इस जांच में पाया गया कि कई ठेकेदारों ने ई निविदा में नियमों के विपरीत जाते हुए फर्जी तरीके से एफडीआर लगाई है। जिसके कारण ऐसे सभी ठेकेदारों की ई निविदाओं को निरस्त किया गया। ईओ ने बताया कि चेयरपर्सन के आदेश पर दोषी पाये गये चारों ठेकेदारों शानू, रोबिन, श्याम और नवीन की फर्मों को प्रतिबंधित किया गया है। ये फर्म राज्य वित्त एवं 15वें वित्त के अन्तर्गत आगामी दिनों में 85 व 25 कुल 110 निर्माण कार्यों की निविदा प्रक्रिया में प्रतिभाग नहीं करेंगे। इसके लिए ठेकेदारों को नोटिस भेजे गये हैं।

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