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पालिका को जमीन देने को तैयार नहीं दो गांवों के किसान

नीदरलैंड की कंपनी ने हाईवे से मांगा था प्लांट पर जाने का रास्ता, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट के लिए पानीपट-खटीमा राजमार्ग से सड़क बनाने का काम अधर में लटका

पालिका को जमीन देने को तैयार नहीं दो गांवों के किसान
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मुजफ्फरनगर। शहर में कूड़े से बिजली बनाने का प्रोजेक्ट मार्च-2025 तक चालू कराने के लिए नगर पालिका परिषद् की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप प्रतिब( नजर आ रही हैं। नीदरलैंड की कंपनी को पालिका प्रशासन पूरी तरह से हर बाधा को दूर कर एक स्मूथ वे उपलब्ध कराने में जुटा हुआ है, यही कारण है कि पालिका ने प्लांट तक रास्ता देने के लिए लोक निर्माण विभाग को भी ग्रांट जारी कर दी, लेकिन कंपनी द्वारा हाईवे से प्लांट तक के लिए मांगे गये रास्ते का निर्माण कराये जाने में बड़ी बाधा भूमि का अधिग्रहण बनकर सामने आ रहा है। दो गांवों के किसानों ने पालिका प्रशासन को भूमि देने से इंकार कर दिया है। वो निर्धारित मूल्य से ज्यादा की डिमांड पर अडिग हैं, जिस कार पानीपत-खटीमा राजमार्ग से प्लांट तक पहुंच के लिए बनने वाली सड़क का प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है। हालांकि किसानों के अड़े रहने से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की स्थापना पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि कंपनी को उनके मानक की सड़क पालिका देने जा रहे है, लेकिन इसके बावजूद भी पालिका प्रशासन इन किसानों को मनाने के प्रयासों में जुटा हुआ है।

नगरपालिका परिषद् के ड्रीम प्रोजेक्ट में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट सर्वाधिक महत्व रखता है। इसके लिए करीब 15 साल से विशेष प्रयास किये जाते रहे हैं और अब इस प्लांट के वजूद में आने की पूरी संभावना बनी हुई है। इस प्लांट को यहां पर लगाने के लिए यूपी सरकार से करार करने वाली नीदरलैंड की कंपनी जीसी इंटरनेशनल की सिस्टर कर्न्सन जीसी आईएनटी सॉल्यूशंस प्रा. लि. नई दिल्ली की ओर से पालिका प्रशासन से किदवईनगर एटूजेड प्लांट तक पहुंचने के लिए पानीपत खटीमा राजमार्ग से रास्ता मांगा गया था ताकि कंपनी को हैवी ट्रांसपोर्टेशन करने के लिए कोई परेशानी न बने। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजकर किसानों से भूमि अधिग्रहण का रास्ता साफ कराने के साथ ही काली नदी पर एक पुल का निर्माण कराने की स्वीकृति हासिल की गई।

सरकार ने राज्य सेतू निगम को पुल निर्माण के लिए 14 करोड़ रुपये का बजट भी जारी कर दिया, पुल का निर्माण अंतिम दौर में चल रहा है, लेकिन पुल के आगे हाईवे तक सड़क निर्माण के लिए पालिका के लाख प्रयासों के बावजूद भी किसान भूमि देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। इस क्षेत्र में सूजड़ू, खान्जापुर और मंधेडा के किसानों की भूमि आ रही है, जिसका अधिग्रहण सरकार द्वारा तय रेट के अधीन किया जाना है। इसमें पालिका प्रशासन द्वारा सूजड़ू के किसानों को मनाकर उनसे भूमि अधिग्रहण में बैनामे करा लिये गये हैं, लेकिन मंधेडा और खान्जापुर गांवों के किसान पालिका को सरकार के तय रेट पर अपनी जमीन देने को तैयार नहीं हो रहे हैं। इसी कारण सड़क निर्माण अधर में लटक गया है। वहीं नीदरलैंड की कंपनी को रास्ता देने के लिए पालिका प्रशासन ने खालापार कोतवाली से एटूजेड प्लांट तक सड़क निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग को 2.17 करोड़ रुपये की राशि जारी की ताकि कंपनी को रास्ता दिया जा सके। यह सड़क निर्माण जल्द पूर्ण होने वाला है। इसके साथ ही पालिका प्रशासन दोनों गांवों मंधेडा और खान्जापुर के किसानों को भी मनाने के प्रयासों में लगा हुआ है।

पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि किसानों के द्वारा निर्धारित सरकार मूल्य पर अपनी जमीन देने के लिए इंकार किया जा रहा है, लेकिन हम लगातार प्रयासरत हैं। मंधेडा और खान्जापुर के करीब 50-60 किसानों से थोड़ी-थोड़ी भूमि का अधिग्रहण किया जाना हैं, इनमें से कुछ किसान मान गये हैं, संभवतः सोमवार को उनका बैनामा कराया जायेगा, शेष किसानों को भी मनाकर जल्द ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए यहां पर हाईवे से प्लांट तक सड़क का निर्माण करा लिया जायेगा। इसके अधर में लटकने से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की स्थापना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि प्लांट तक जाने के लिए दूसरी सड़क तैयार हो रही है। हमारा प्रयास है कि हम मार्च से पहले पहले ही प्लांट का शुभारंभ करा लें।

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