कम बिजली से सूख रहे खेत, फसल हो रही प्रभावित-राकेश टिकैत
भाकियू नेता राकेश टिकैत ने सीएम योगी को लिखा पत्र, कहा-कम से कम 12 घंटे हो विद्युत आपूर्ति

मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कृषि के लिए दी जा रही विद्युत आपूर्ति को बेहद कम बताते हुए कहा कि बिजली नहीं मिलने के कारण भीषण गर्मी में खेत सूखने से किसान परेशान और चिंतित हैं, क्योंकि इसका दुष्प्रभाव फसलों पर पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से कृषि फीडरों के लिए कम से कम 12 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग की है।
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्रदेश भर में किसानों को खेतों की सिंचाई के लिए दी जा रही विद्युत आपूर्ति की समस्या को उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्दर कृषि में नहरी व्यवस्था के साथ में निजी नलकूप सिंचाई करने के लिए एक महत्वपूर्ण अंग है, जिससे समय पर किसान फसलों को सिंचित कर रहा है। विगत एक माह पहले एक आदेश जारी हुआ, जिसमें कृषि पोषक फीडर से विद्युत समय 10 घंटे से घटाकर 7 घंटे कर दिया गया था। इस आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के चलते इसे बढ़ाकर 9 घंटे कर दिया गया, लेकिन फिर भी इसकी सप्लाई दो भागों में ही वर्गीकृत कर दी गयी, जिसका समय सुबह 5ः00 बजे से 12ः00 बजे तक और दोपहर बाद 4ः00 बजे से शाम 6ः00 बजे तक निर्धारित कर दिया गया।
किसान नेता ने इस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि विद्युत आपूर्ति के समय किसी भी तकनीकी कारणों से की गयी कटौती को इन 9 घंटों में पूर्ण नहीं किया जा रहा है, जिससे तकनीकी खराबी का समय भी इन्हीं घंटों में जुड़ रहा है। इस कारण विद्युत आपूर्ति नौ घंटे से भी कम समय में हो रही है। इतने कम समय में कटौती के साथ में किसान फसलों की सिंचाई समय से नहीं कर पाएगा। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि दूसरी तरफ गर्मी का मौसम शुरू हो गया है और फसलों में कम समय में सिंचाई करनी पडे़गी। 2 भागों में वर्गीकृत यह समय दूरी की सिंचाई को प्रभावित करेगा, जिसका सीधा नुकसान फसलों पर पड़ेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में कृषि पोषक फीडरों पर एक मुश्त बिना किसी कटौती के 12 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था कराने के लिए जल्द ही इसका आदेश जारी किया जाए, जिससे खेतों की सिंचाई से वंचित हो रहे किसानों को राहत मिल सके।