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SOCIAL WORK-शिव से क्रांति तक ललित ने पूरे किये सेवा के 31 साल

क्रांति सेना के कांवड़ सेवा शिविर में प्रतिदिन हो रही 5 हजार शिवभक्तों की सेवा, शुक्रवार को सम्पन्न होगा जिले में सबसे लम्बा चलने वाला कांवड़ सेवा शिविर

SOCIAL WORK-शिव से क्रांति तक ललित ने पूरे किये सेवा के 31 साल
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मुजफ्फरनगर। सनातन संस्कृति और हिन्दुत्व के प्रति समर्पित रहते हुए समाज की सेवा के लिए एक सकारात्मक सोच के साथ प्रयासरत क्रांति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा ने सेवा के प्रति समर्पण के 31 साल का सफर आज पूरा कर लिया है। सावन मास की कांवड़ यात्रा के दौरान जिले का सबसे लम्बा कांवड़ सेवा शिविर आयोजित करने वाले ललित मोहन शर्मा का यह सफर अपने सहयोगियों के सहार तीन दशक से ज्यादा का इतिहास समेटे हुए हैं। बाला साहब ठाकरे की विचारधारों से प्रभावित होकर समाज और हिन्दुत्व की सेवा के लिए उठ खड़े होने वाले ललित मोहन ने शिवसेना से क्रांति सेना तक के अपने सफर में कई चुनौतियों और विपरीत परिस्थितियों के साथ ही संगठनात्मक स्तर पर बड़ी टूट का भी सामना किया, लेकिन वो अपने पथ और उद्देश्य से डिगे नहीं।

आज हम आपका एक ऐसे व्यक्तित्व से परिचय कराने जा रहे हैं, जो पिछले 31 साल से सेवा को समर्पित है। बाला साहब ठाकरे की शिवसेना में सनातन संस्कृति की रक्षा और हिन्दुत्व के लिए एक कार्यकर्ता बनकर समाज के प्रति अपनी सेवा की शुरूआत करने वाले ललित मोहन शर्मा आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है। मुजफ्फरनगर ही नहीं वरन पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शिवसेना को एक मजबूत संगठन शक्ति देकर हिन्दूवादी विचारधारा को स्थापित करने वाले ललित शिवसेना में टूट और बगावत के बावजूद भी कमजोर नहीं पड़े। शिवसेना के तथाकथित प्रदेशाध्यक्ष अनिल कुमार ने उनके सामने कई चुनौतियां पेश की और संगठन से अलग करने का प्रयास किया तो उन्होंने उस दौर की शिवसेना को छोड़कर क्रांति सेना नामक हिन्दूवादी संगठन का गठन करते हुए अपनी संगठनात्मक सूझबूझ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जनाधार को साबित करने का काम किया। शिवसेना में दो फाड़ हुए तो उनको फिर से शीर्ष नेतृत्व ने महाराष्ट्र बुलाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंपते हुए उनको सीएम एकनाथ शिंदे गुट में सम्मान बढ़ाया गया। ललित मोहन शर्मा के सामने एक दूसरी चुनौती उस समय बनी, जबकि उनके संगठन में बगावत के बाद बड़ी टूट होने लगी। इससे वो विचलित नहीं हुए, बल्कि इसका दृढ़ता से सामना किया। यह टूट ज्यादा दिन नहीं चल पाई, क्योंकि जो लोग ललित मोहन शर्मा का साथ छोड़कर अन्य हिन्दूवादी दलों में गये, वो वहां का सारा खेल समझकर घर वापसी करते हुए नजर आये और फिर से ललित के नेतृत्व में वही पुरानी टीम सेवा को समर्पित नजर आई। आज हिन्दूवादी संगठनों में ललित मोहन एक ऐसे नेता के रूप में उभरे हैं, जिनका समाज में अपना एक जनाधार और संगठन शक्ति है।

ललित मोहन शर्मा पिछले तीन दशक से कांवड़ यात्रा के दौरान शहर के आनन्द भवन के शिव मंदिर परिसर में सबसे लम्बा सेवा शिविर आयोजित करते रहे हैं। इस साल उन्होंने 31वां कांवड़ सेवा शिविर आयोजित किया, जिसका समापन शुक्रवार को होने जा रहा है। सावन मास के लगते ही उनका यह शिविर शुरू होता है और शिवरात्रि के दिन इसका समापन किया जाता है। इससे पहले 240 किलोमीटर लम्बे कांवड़ मार्ग वाले इस जिले में कोई भी सेवा शिविर प्रारम्भ नहीं होता। ललित मोहन शर्मा के अनुसार इस बार उनका शिविर 21 जुलाई को शुरू किया गया था। शिविर के पहले ही दिन से आज तक करीब 4 से 5 हजार शिव भक्त कांवड़ियों को शिविर में सेवा प्रदान की गयी। सुबह की चाय नाश्ते के साथ ही दोपहर और रात्रि के भोजन की व्यवस्था की जाती है। इसके साथ ही उनके शिविर में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा भी प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि सेवा के लिए इतना लम्बा सफर वो अकेले तय नहीं कर सकते थे, इसके लिए उनके सहयोगियों का संघर्ष और साथ भी उनकी सफलता का कारण है। उन्होंने बताया कि शिविर का समापन 2 अगस्त को किया जा रहा है। इसके बाद सभी साथी हरिद्वार जाकर गंगा स्नान करने के साथ ही भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे और फिर अपने परिवारों में लौटेंगे। उन्होंने शिविर में सहयोग करने वाले सभी दान दाताओं, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों का आभार भी प्रकट किया।

शिविर में ललित मोहन शर्मा के साथ डॉ. योगेन्द्र शर्मा, शरद कपूर, मनोज सैनी, आनन्द प्रकाश गोयल, पूनम चौधरी, मुकेश त्यागी, लोकेश सैनी, देवेन्द्र चौहान, अमित गुप्ता, संजीव वर्मा, ओमकार पंडित, शैलेन्द्र विश्वकर्मा, उज्जवल पंडित, आलोक अग्रवाल, पूनम अग्रवाल, अनुज चौधरी, गौरव गग्र, आशीष शर्मा, नरेन्द्र ठाकुर, अंजू त्यागी, नेहा गोयल, प्रेमलता शर्मा, राखी चौधरी, सुनसील सैसनी, ललित रूहेला सहित अन्य कार्यकर्ताओं का भरपूर सहयोग रहा।

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