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पूंजीवादियों को खुश करना चाहती है सरकारः गौरव टिकैत

भाकियू के युवा विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किसानों से किया संघर्ष का आह्नान, कहा-किसानों को खेती से कारखानों की ओर लाने की साजिश रच रही सरकार

पूंजीवादियों को खुश करना चाहती है सरकारः गौरव टिकैत
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मुजफ्फरनगर। भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशव्यापी प्रदर्शन के तहत शुक्रवार को युवा विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि आज खेती और खेत से किसानों का मोहभंग करने की एक साजिश रची जा रही है। इसके लिए उनको तरह तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। महंगी बिजली, कम दाम से आर्थिक संकटों में घेरा गया है। इसी साजिश की पोल एक रिपोर्ट में खुली है।


भाकियू की ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा में प्रतिभाग करने बुलन्दशहर जनपद जाते समय सोशल मीडिया पर वीडियो बयान जारी कर गौरव टिकैत ने कहा कि नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नालाॅजी इंस्टीटयूट (नाबी) की सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट को मीडिया ने प्रकाशित किया है। इसमें नाबी ने केन्द्र सरकार को यही सुझाव दिया है कि किसान यदि खेती छोड़े तो ही देश का विकास संभव है। इस रिपोर्ट में खेती को छोड़कर कारखानों की ओर बढ़ने की सिफारिश की गई है। इससे साफ है कि किसानों को एक तरह से खेती और खेतों से हटाने की कोशिश की जा रही है। यह पूरी तरह से सरकार की पूंजीवादी नीति को प्रदर्शित कर रहा है और ऐसी ही रिपोर्ट को आधार बनाकर फिर से कृषि कानूनों को लाने की तैयारी भी की जा रही है।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नौ साल जनता से वादा किया था कि यदि केन्द्र सरकार में हमारी सरकार आयेगी तो 400 रुपये प्रति कुंतल गन्ना मूल्य दिया जायेगा। इन्होंने ये भी कहा था कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करते हुए लागत का डेढ़ गुणा मूल्य दिलाया जायेगा। सरकारी गन्ना शोध संस्थानों से सरकार रिपोर्ट लेकर मूल्य तय कर सकती है। गौरव ने किसानों ने इस प्रदेशव्यापी आंदोलन में शांतिपूर्वक ट्रैक्टर मार्च करने का आह्नान करते हुए कहा कि इस प्रदर्शन के साथ सरकार को यह भी बताने का काम किया जायेगा कि किसान से बढ़ा देशभक्त इस देश में नहीं है। इस प्रदर्शन में बाढ़ का मुआवजा, बिजली का मुद्दा और दस साल पुराने ट्रैक्टरों पर पाबंदी का भी बड़ा मुद्दा है। उन्होंने कहा कि किसान आज पुराने ट्रैक्टर लेकर आ रहा है, पुलिस प्रशासन उनको रोके और वाहन जब्त करे। जिला मुजफ्फरनगर में हिंडन और काली नदी की बाढ़ में 8.64 लाख रुपये के नुकसान का सर्वे प्रशासन ने किया है, जोकि पीड़ित किसानों के साथ एक भद्दा मजाक है। उन्होंने किसानों से इस प्रदर्शन के साथ ही आजादी का अमृत महोत्सव भी उत्साह पूर्वक मनाने की अपील करते हुए कहा कि संघर्ष से ही हम कुछ हासिल कर सकते हैं। इसलिए एकजुट होकर अंादोलन से जुड़ने का काम किया जाये।

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