MUZAFFARNAGAR-बदबू से बेहाल अस्पताल, डंपिंग ग्राउंड बन गया गलियारा
सफाई का दायित्व निभाने वाली कंपनी ने लद्दावाला में प्राथमिक विद्यालय के पास बना दिया कूड़ा ट्रांसफर सेंटर रोजाना 25-30 गाड़ी कूड़ा डलने से हालात हुए बदतर, सडांध के कारण लोगों का जीवन हुआ दुश्वार, मौके पर पहुंचे नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने हालात देखकर जताई नाराजगी
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के द्वारा शहर की सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जो भी प्रयास किये जा रहे हैं, उनको पलीता ही लग रहा है। शहर में स्वच्छता का माहौल बनाने के लिए 13 करोड़ रुपये में 14 महीने के लिए दिल्ली की कंपनी के साथ अनुबंध कर काम शुरू कराया गया, लेकिन इसके सार्थक परिणाम सामने आने के बजाये हालात बद से और बदतर हो रहे हैं। आलम यह है कि जिला अस्पताल और प्राथमिक विद्यालय के पास ही कंपनी ने एक गलियारे को डंपिंग ग्राउंड में बदल दिया, जहां पर डलाव घर होने के कारण रोजमर्रा मौहल्ले का थोड़ा बहुत कूड़ा करकट ही पड़ा नजर आता था, आज वहां गन्दगी का बड़ा अम्बार होने से सडांध और बदबू से लोगों का जीवन दुश्वार हो रहा है। इसको लेकर लोगों में नाराजगी पनप रही है। कंपनी के इस कूड़ा ट्रांसफर सेंटर के कारण यहां दिन भर गन्दगी का अम्बार लगा नजर आ रहा है। इस कारण इस गलियारे में आवागमन भी बंद हो गया। शिकायत मिली तो पालिका के अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर हालात देखे और नाराजगी जताई। खुद खड़े रहकर वहां से कूड़ा उठवाया गया।
शहर में 55 वार्डों के साथ ही डलाव घरों से कूड़ा निस्तारण के लिए पालिका के साथ अनुबंध कर कार्य कर रही कंपनी एमआईटूसी सिक्योरिटी एंड फैसिलिटीज प्रा. लि. दिल्ली की कार्यप्रणाली लगातार विवादों में बनी है। पहले कंपनी ने सरकूलर रोड पर मुख्य मार्ग पर ही कूड़ा ट्रांसफर सेंटर बना दिया था। इसको लेकर डीएम नाराज हुए तो ईओ प्रज्ञा सिंह ने कंपनी को फटकार लगाकर यह बंद कराया था, अब इससे भी बदतर हालात जिला अस्पताल के पास लद्दावाला को जाने वाले गलियारे के बने हुए हैं। यहां नाला बंद कराकर सड़क का निर्माण पालिका ने कराया था। यहां पर प्राथमिक विद्यालय भी है। इसके बावजूद इस गलियारे को कंपनी ने बड़े डंपिंग ग्राउंड में तब्दील कर दिया है। दरअसल जिला अस्पताल के बार का कूड़ा घर ईओ प्रज्ञा सिंह ने बंद कराया तो वहां का कूड़ा इसी गलियारे में डलने लगा। इसके बाद रोजाना निस्तारण कराने के बजाये कंपनी ने अपना कूड़ा ट्रांसफर सेंटर ही यहां पर स्थापित कर लिया, जिस कारण पूरे दिन ही यहां पर गन्दगी का बड़ा अम्बार लगा रहने के कारण बदबू से जीवन बेहाल हो रहा है।
यहां पर कंपनी ने अपना सुपरवाइजर और कर्मचारी तैनात कर दिये हैं। सुपरवाइजर बिट्टू ने बताया कि यहां पर प्रतिदिन वार्डों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली 25-30 गाड़ियों को खाली किया जा रहा है। इसके साथ ही वार्डों में लगे निजी कार्य करने वाले कर्मचारी भी अपना कूड़ा करकट यहां पर डाल रहे हैं। यहां प्रतिदिन करीब पांच-छह डम्फर कूड़ा डाला जा रहा है। इसके बाद यहां पर कूड़े की छंटाई का कार्य होता है और फिर कूड़ा उठान किया जाता है। इससे यहां पर दिन भर गन्दगी का वातावरण बना रहता है। बिट्टू सुपरवाइजर ने बताया कि बुधवार को भी यहां पर केवल 11 बजे तक एक ही डम्फर कूड़ा उठाया गया था।
जेसीबी चालक अहसान भी घंटों तक दूसरे डम्फर का इंतजार करता रहा, लेकिन नहीं पहुंचा तो सुपरवाइजर ने कंपनी को खबर कर दी। इसके बाद पालिका के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. अतुल कुमार भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने वहां पर गन्दगी का अम्बार देखकर नाराजगी जताई और कूड़ा उठान की जानकारी कंपनी के कर्मचारियों से ली। डा. अतुल ने तत्काल ही फोन कर डम्फर मंगाये और वहां से कूड़ा उठान कराया। उन्होंने बताया कि करीब पांच डम्फर कूड़ा उठवाया गया है। उन्होंने इस सम्बंध में ईओ को भी जानकारी दी। नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कंपनी को आज ही पालिका की ओर से चार और नये डम्फर हैंड ओवर किये जा रहे हैं। इससे पहले 8 डम्फर सहित 25 बड़े वाहन पहले दिये जा चुके हैं। उन्होंने कंपनी के द्वारा कूड़ा ट्रांसफर सेंटर बना दिये जाने पर कहा कि यहां पर मोबाइल काम्पेक्टर लगाकर सीधे उसमें कूड़ा निस्तारण कराने पर विचार किया जा रहा है, ताकि कूड़ा गलियारे में न डाला जाये। उन्होंने बताया कि यहां पर पालिका के द्वारा बंद कूड़ा डलाव घर बनवाने पर भी विचार किया जा रहा है।
ईओ की भी नहीं सुन रहे कंपनी के लोग, अभद्रता की शिकायत ज्यादा
मुजफ्फरनगर शहर में यहां वहां कूड़ा ट्रांसफर सेंटर बनाकर सड़कों पर ही गन्दगी फैलाने की कंपन के खिलाफ मिल रही शिकायतों को लेकर ईओ प्रज्ञा सिंह काफी गंभीर है। बुधवार को दोपहर में ईओ ने अपने कार्यालय में कंपनी के एमडी कमलजीत को तलब किया और नगर स्वास्थ्य अधिकारी के साथ मिलकर समस्याओं पर वार्ता की। ईओ प्रज्ञा सिंह ने इस बात पर नाराजगी जताई कि कंपनी और पालिका के बीच लगातार समन्वय का अभाव बना हुआ है।
पालिका से शिकायत का निस्तारण कराने में कंपनी नाकाम है, यहां तक कि कंपनी के यहां पर काम कर रहे परियोजना प्रबंधक और जोन वन के इंचार्ज पुष्पराज तथा अन्य लोग उनका भी फोन तक नहीं उठाते हैं। उन्होंने कंपनी के लोगों के द्वारा पालिका कर्मियों, अधिकारियों के साथ लगातार की जा रही अभद्रता को लेकर भी कड़ी नाराजगी जताई और सख्त निर्देश दिये कि सड़कों पर कहीं पर भी कूड़ा नहीं डाला जायेगा। उन्होंने यहां तक भी कह दिया कि यदि कम्युनिकेशन गेप पर कंपनी ने सकारात्मक दृष्टिकोण नहीं अपनाया और समस्या बनी रही तो पालिका अनुबंध निरस्त करने पर भी सोच विचार कर सकती है। बाद में कंपनी के एमडी ने ईओ के समक्ष खेद व्यक्त करते हुए आगामी दिनों से सुधार का पूरा भरोसा दिया है।