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MUZAFFARNAGAR-पैगंबर की शान में गुस्ताखी पर भड़की जमीयत उलमा

बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ बर्बर हिंसा पर जताई नाराजगी, सरकार से अल्पसंख्यकों की हिफाजत करने की मांग, वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ उठाई आवाज, कहा-केन्द्र सरकार का नया कानून हमारे दीन के खिलाफ

MUZAFFARNAGAR-पैगंबर की शान में गुस्ताखी पर भड़की जमीयत उलमा
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मुजफ्फरनगर। जमीयत प्रदेश सचिव कारी जाकिर ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर सरकार को घेरा। युवाओं के लिए कहा कि पीढ़ी को नशे की लत से दूर करना होगा तभी समाज का युवा तरक्की की ओर बढ़ेगा। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुजूर की शान में गुस्ताखी करने वाले के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की मांग करते हुए इस और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देश के गृहमंत्री का ध्यान आकर्षित किया।

रविवार को जमीयत उलेमा जिला मुजफ्फरनगर की एक बैठक गहरा बाग के सामने थाना खालापार से आगे मस्जिद कुबा बाग वाली में आयोजित हुई। जमीयत उलेमा के प्रदेश सचिव कारी जाकिर ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में पैगंबर की शान में गुस्ताखी पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में भारत सरकार को कदम उठाने को कहा। इसके साथ ही वक्फ कानून में बदलाव का विरोध करते हुए इसे दीन के नियमों और शरीयत की व्यवस्था के खिलाफ बताते हुए इसके खिलाफ कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई।

बैठक में मुस्लिम समाज के युवाओं को नशे की लत से निकालकर उन्हें दीन का रास्ता दिखाने पर चर्चा हुई। कारी जाकिर ने कहा कि तमाम आलम का मुस्लिम समाज हुजूर की शान में गुस्ताखी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। मुसलमान अपने पैगम्बर के बारे में एक मामूली सी अपमानित टिप्पणी भी बर्दाश्त नहीं कर सकता, हम गृह मंत्री जी और महाराष्ट्र के मुख्य मंत्री जी से यह माँग करते हैं कि इस असामाजिक व्याक्ति को तुरन्त गिरफ्तार किया जाए। इस्लामोफोबिया की बढ़ती हुई घटनाएं किसी भी तरह से देशहित और समाज हित में नहीं हैं। भड़काऊ भाषण से समस्त मुस्लिम समाज की भावनाएं आहत हुई हैं और समाज में रोष है। सरकार को चाहिए कि ऐसे असामाजिक लोगों पर क़ानूनी शिकंजा कसा जाए और सख्त सज़ा दी जाए ताकि इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।

कारी जाकिर ने वक्फ कानून में किसी भी बदलाव की गुंजाइश को खारिज किया। उन्होंने कहा कि फिलहाल बिल ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के पास गया हुआ है। वक्फ में दी गई जगह और प्रॉपर्टी क़ौम के जरूरतमंद लोगों और मजहबी जिम्मेदारियां पूरा करने के लिए हैं। मुस्लिम समाज इस कानून में बदलाव किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। बांग्लादेश में हिंसा के सवाल पर उन्होंने कहा कि दुनिया भर में जहां भी अल्पसंख्यक हैं, उनकी हिफाजत उन मुल्कों की सरकारों को करनी चाहिए। उन्होंने भारत सरकार से इस मामले में गंभीरता से संज्ञान लेते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं की हिफाजत सुनिश्चित करने की मांग की।

जिलाध्यक्ष जनाब मुफ्ति बिन यामीन साहब ने कहा कि मुसलमान हर हाल में अपने बच्चे और बच्चियों को दीनी तालीम ज़रूर दिलाएं । आज के इस माहौल में उल्मा के साथ ही बच्चों के मां बाप की यह जिम्मेदारी है कि उनके ईमान की हिफाज़त रहे उसके लिए फ़िक्र मंद हो और बच्चों की पूरी निगरानी करें। उन्होंने कहा कि जमीयत उल्मा ए हिन्द की कोशिश है कि नई नस्ल के ईमान की हिफाज़त के लिए बच्चे और बच्चियों की तादाद के हिसाब से शहर, कस्बों, देहातांे में मोहल्ला मोहल्ला शिक्षा के लिए स्कूलों और मदरसों का कायम किया जाये। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष जनाब मुफ्ति बिन यामीन ने और संचालन ज़िला महासिचव एवं प्रदेश सेक्रेटरी कारी ज़ाकिर हुसैन क़ासमी ने किया। इस मौके पर मौलाना जमालुद्दीन, हाफिज फुरकान, मौलाना मूसा क़ासमी, शहर सदर हाफिज इकराम, मौलाना अरशद नसीरपुर, कारी मुहम्मद आदिल, नायब सदर मौलाना माज़ हसन, हाफिज गुलशेर, कारी अब्दुल माजिद, मुफ्ति निशात, मुफ्ती आस मोहम्मद, हाफिज अय्यूब त्यागी, मौलाना अरशद जड़ौदा, डॉ. मोहम्मद अखलाक, मौलाना इसरार, मुफ्ति फाजिल, कारी मुहम्मद सादिक, मौलाना अरशद नसीरपुर, मुफ्ति इक़बाल, वसीम आलम, मुफ्ति कलीम, फैज़ मुहम्मद, शमीम कुरैशी, मौलाना हुज़ैफा, डा. शमून, उमरदराज, मौलाना समीउल्लाह, कारी सफ़राज़, मुहम्मद शिबली, प्रधान सुलेमान, नूर मुहम्मद, मुफ्ति तैयब सहित अन्य उल्मा ए इकराम मौजूद रहे।

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