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कीर्ति भूषण ने 21 साल बाद छोड़ा पालिका आवास से कब्जा

ईओ के आदेश पर कर निर्धारण अधिकारी ने पालिका परिसर का क्वार्टर खाली कराकर लिया कब्जा

कीर्ति भूषण ने 21 साल बाद छोड़ा पालिका आवास से कब्जा
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के मुख्यालय टाउनहाल के क्वार्टर में अवैध कब्जे को लेकर चल रही लड़ाई में कोर्ट के आदेश का पालन कराते हुए पालिका प्रशासन ने आवास को खाली कराने में सफलता अर्जित कर ली। यहां पर अपने परिवार के साथ अवैध रूप से काबिज रिटायर्ड लिपिक कीर्ति भूषण ने शुक्रवार को आवास पूरी तरह से खाली कर दिया। इसके बाद पालिका प्रशासन ने अपने आवास पर कब्जा प्राप्त कर लिया।

नगरपालिका परिषद् में लिपिक रहे कीर्ति भूषण अग्रवाल ने पालिका प्रशासन पर आरोप लगाया था कि उनके रिटायरमेंट के बाद पेंशन आदि देयकों का भुगतान नहीं किया गया है। इसको लेकर वो 2018 में पालिका के खिलाफ हाईकोर्ट चले गये थे। कोर्ट ने उनकी सुनवाई करते हुए पालिका को नो प्रतिशत ब्याज सहित उनके सभी बकाया देयकों का भुगतान करने के निर्देश दिये तो पालिका ने कोर्ट को अवगत कराया था कि पालिका की सम्पत्ति पर अवैध रूप से काबिज रहने के कारण ही उनका पेंशन निर्धारण नहीं किया गया है। इसके बाद कोर्ट ने शासन और पालिका प्रशासन को निर्देश दिये थे कि आवास खाली कराया जाये। पालिका ने उनके देयकों का बकाया भुगतान तय किया और किराया के रूप में अपने भी बकाया 46 लाख की मांग की। पेंशन आदि देयकों का बकाया भुगतान काटने के बाद शेष 29.22 लाख रुपये की मांग कीर्ति भूषण से की गई थी।

कर निर्धारण अधिकारी दिनेश यादव ने बताया किय 14 जून 1976 को ईओ द्वारा उनको पड़ाव भूमि पर पालिका के क्वार्टर संख्या 11 स्थाई रूप से आवंटित कर दिया था। किराया वेतन का दस प्रतिशत तय किया गया था। कीर्ति भूषण ने 16 नवम्बर 1992 को अध्यक्ष से आदेश कराते हुए पड़ाव के बजाये पालिका केम्पस में स्थित क्वार्टर नम्बर 3 को 75 रुपये प्रतिमाह किराया दर पर आवंटित करा लिया और तभी वो इस पर काबिज बने हुए हैं। जबकि वो सितम्बर 2003 में सेवानिवृत्त हो गये। इसके बाद 4 फरवरी 2013 को तत्कालीन ईओ मसूद अहमद ने उनको आवंटन निरस्त करते हुए खाली करने का नोटिस दिया गया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई और इसके बाद कीर्ति भूषण 2018 में पालिका के खिलाफ होईकोर्ट चले गये। 7 जनवरी को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने आवास खाली करने के निर्देश दिये थे। इसी को लेकर आज कार्यवाही करते हुए आवास खाली कराते हुए अपना कब्जा ले लिया है। इससे ईओ और चेयरपर्सन को भी अवगत करा दिया गया है। अब बकाया वसूली के लिए भी नोटिस भेजने की तैयारी है।

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