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वक्फ बोर्ड को भंग करने की मांग लेकर सड़कों पर उतरे ललित मोहन के सिपाही

शिवसेना और क्रांतिसेना के कार्यकर्ताओं ने बढ़ती मुस्लिम जनसंख्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ किया प्रदर्शन

वक्फ बोर्ड को भंग करने की मांग लेकर सड़कों पर उतरे ललित मोहन के सिपाही
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मुजफ्फरनगर। देश में बढ़ती मुस्लिम आबादी पर अंकुश, वक्फ बोर्ड द्वारा अवैध रूप से कब्जाई जा रही संपत्तियां तथा देश में अवैध रूप से घुसे करोडों बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने की मांग करते हुए बुधवार को शिवसेना शिंदे गुट के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रमुख और क्रांतिसेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने नगर में जुलूस निकालने के बाद कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा। बारिश के बीच भी कार्यकर्ताओं में भरपूर जोश बना हुआ नजर आया।


पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार शिवसेना शिंदे गुट के पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रमुख ललित मोहन शर्मा के नेतृत्व में सैंकड़ों कार्यकर्ता भगवा ध्वज के साथ नारेबाजी करते हुए जुलूस के रूप में बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित डीएम कार्यालय परिसर में पहुंचे और जनसंख्या नियंत्रण की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप को दिया। ज्ञापन में ललित मोहन शर्मा ने कहा कि देश में मुस्लिम आबादी विस्फोटक रूप से बढ़ रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मुसलमानों की जो आबादी 1950 के दौरान महज साढ़े तीन करोड़ थी वह 70 सालों के भीतर दस गुुनी रफ्तार से बढ़ते हुए आज 35 करोड़ से अधिक हो गयी है, जबकि हिन्दुओं की जनसंख्या जो आजादी के समय लगभग 30 करोड थी वह आज केवल तीन गुना बढ़कर 90 करोड़ तक ही हो पायी है। मुस्लिम आबादी देशहित के लिए गंभीर खतरा है, जिस पर अंकुश लगाना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड भी हिन्दू संपत्तियों के लिए गंभीर संकट पैदा कर रहा है। वक्फ बोर्ड द्वारा हिन्दू समुदाय की आबादी वाली अनेक कॉलोनियों और बाजारों की कीमती संपत्तियों पर कब्जा कर उनपर अपना अधिकार जमा लिया गया है। मांग करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड में संशोधन के बजाय वक्फ बोर्ड को सिरे से खत्म किया जाना जनहित व देशहित में अति आवश्यक है। इसके अतिरिक्त देश में अवैध रूप से घुसपैठ किये रोहिंग्या एवं बांग्लादेशी को बाहर करने की भी मांग की गई है।


प्रदर्शन में मुख्य रूप से महामंडलेश्वर संजीव शंकर, मुकेश त्यागी, शरद कपूर, आनंद प्रकाश गोयल, मंडल अध्यक्ष महिला मोर्चा पूनम अग्रवाल, जिलाध्यक्ष पूनम चौधरी, प्रबुद्ध प्रकोष्ठ मंडल अध्य्ाक्ष अलोक अग्रवाल, शालू चौधरी, देवेंद्र चौहान, संजय आर्य, अनुज चौधरी, संजीव वर्मा, अमित गुप्ता, नरेन्द्र ठाकुर, राजन वर्मा, भुवन मिश्रा, आशीष मिश्रा, चेतन देव विश्कर्मा, जोगिंदर सैनी, नरेश सैनी, अजय सैनी, ललित रुहेला, पिंकू कश्यप, नीरज सैनी, बृजपाल कश्यप, मानुज कश्यप, मिंटू मेहरा, सहनदार कश्यप, आशीष मिश्रा, सुनील प्रजापति, दीपक धीमान, अनिल, मनोज कुमार, अनिल पंडित, शैलेंद्र विश्वकर्मा, अमित शर्मा, राजेंद्र तायल, अंकुर जैन, चौधरी ब्रह्मपाल, जसवीर, वीर सेन मास्टर, सुनीता, रश्मि, पूनम चौहान, पिंकी तिवारी, कमलेश, राखी प्रजापति, सुरेश कुमार, राकेश, हेमराज कश्यप, सूरजपाल, अनोखी देवी, शशि, अजय आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।

सख्त कदम न उठाया तो बांग्लादेश-पाकिस्तान जैसी स्थिति बन जायेगीः ललित मोहन

शिवसेना के पश्चिम उत्तर प्रदेश अध्यक्ष व क्रांति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा ने कहा कि देश के अंदर तेजी के साथ बढ़ रही मुस्लिम आबादी देश के विकास के लिए एक नासूर बन चुकी है। अगर जल्द ही इस समुदाय की बढ़ती आबादी पर रोक नहीं लगी तो हिंदू समुदाय अपने ही देश में अल्पसंख्यक हो जाएगा और बांग्लादेश व पाकिस्तान जैसे हालात का सामना हिंदू समुदाय को करना पड़ेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से शीघ्र ही मुस्लिम जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग की। राष्ट्रीय महासचिव संजीव शंकर ने कहा कि सत्ता में आने से पहले भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में रोहिंग्या बांग्लादेशी घुसपैठियों को बाहर करने की बात कही थी, लेकिन 10 साल के पूर्ण बहुमत के शासन में भाजपा ने कोई भी कठोर कदम इन घुसपैठियों को बाहर करने के लिए नहीं उठाया। उल्टा भाजपा की सत्ता की भूख ने भाजपा को भी मुसलमानों का विश्वास जीतने के लिए मजबूर कर दिया। मंडल अध्यक्ष क्रांति सेना शरद कपूर व शिवसेना जिला अध्यक्ष मुकेश त्यागी व क्रांतिसेना महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष पूनम चौधरी ने संयुक्त रूप से कहा कि वक्फ बोर्ड भी देश और हिन्दू समुदाय के लिए गंभीर समस्या बन चुका है किसी भी इस्लामिक देश में वक्फ बोर्ड की कोई व्यवस्था नहीं है तो भारत में ऐसी व्यवस्था क्यों है। केंद्र सरकार को वक्फ बोर्ड में संशोधन की जगह उसे को पूरी तरह समाप्त करना चाहिए।

कमजोर बताने वाले विरोधियों को ललित मोहन ने दिया करारा जवाब

मुजफ्फरनगर। शिवसेना और क्रांति सेना जैसे हिन्दूवादी विचारधारा वाले संगठनों के सहारे समाज के हितों को लेकर संघर्ष के सहारे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक खास मुकाम हासिल कर चुके हिन्दूवादी नेता ललित मोहन शर्मा ने बुधवार को हुए प्रदर्शन के सहारे न सिर्फ हिन्दू समाज के बुनियादी अधिकारों को लेकर आवाज उठाते हुए सरकार की आंख खोलने का काम किया है, वहीं उनको कमजोर बताकर संगठन से अलग होने वाले विरोधियों को भी करारा जवाब देने का काम किया है। आज खराब मौसम और संगठन की टूट के बावजूद भी ललित मोहन शर्मा के नेतृत्व में जिस प्रकार से कार्यकर्ताओं और समाज के लोगों ने इस प्रदर्शन में हिस्सेदारी की, उसने ललित मोहन के संघर्ष को तो साबित किया है, इससे उनकी नेतृत्व क्षमता की भी गवाही मिली। हिन्दू समाज के लिए करीब तीन दशक से ज्यादा समस ये ललित मोहन संघर्ष कर रहे हैं, उनके सामने संगठनात्मक रूप से कई चुनौतियां आई, कई बार लोग उनको छोड़कर अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए दूसरे संगठनों में गये, लेकिन वो वापस आये तो ललित मोहन ने उनको सम्मान देकर अपनाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी, इसके बावजूद भी इन लोगों ने विश्वासघात किया। आज का प्रदर्शन और उसमें जुटी कार्यकर्ताओं की भीड़ ने ललित मोहन को एक बार फिर से साबित करने का काम किया है।

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