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RAMLEELA---भगवान शिव ने तोड़ा लंकापति रावण का अभिमान

श्री आदर्श रामलीला पटेलनगर में रावण और जानकी जन्म की लीला का सुन्दर मंचन, दर्शकों की उमड़ रही भीड़

RAMLEELA---भगवान शिव ने तोड़ा लंकापति रावण का अभिमान
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मुजफ्फरनगर। श्री आदर्श रामलीला भवन समिति द्वारा पटेलनगर में आयोजित कराये जा रहे 48वें श्री रामलीला महोत्सव के अन्तर्गत दूसरे दिन रावण और जानकी जन्म लीला का स्थानीय कलाकारों के द्वारा सुन्दर और मनभावन मंचन किया गया। लीला के दौरान कैलाश गमन के दौरान भगवान शिव ने लंकापति रावण के अभिमान का दमन किया तो रावण भगवान शंकर का अनन्य भक्त बन गया। कलाकारों ने इन्द्र-मेघनाद यु(, रावण- मंदोदरी विवाह, रावण वरदान की लीला को पारम्परिक अंदाज में प्रस्तुत कर दर्शकों का भरपूर मंनोरंजन किया। रामलीला देखने के लिए देर रात तक यहां पर दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी रही। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने दर्शकों और अतिथियों का स्वागत किया।


श्री आदर्श रामलीला भवन समिति के द्वारा पटेलनगर में प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित श्री रामलीला का सुन्दर मंचन कराया जा रहा है। रामलीला महोत्सव के दूसरे दिन की लीला का शुभारम्भ रामलीला महोत्सव के संयोजक एवं पूर्व सभासद विकल्प जैन, विकास भारद्वाज द्वारा संयुक्त रूप से की गई। इसके पश्चात यहां पर रावण की तपस्या और उनको मिले वरदान की लीला का कलाकारों ने सुन्दर मंचन किया। इस लीला के उपरांत मयराष्ट्र के राजा अपनी पुत्री मंदोदरी को लेकर लंका पहुंचते हैं और लंकापति रावण के साथ मंदोदरी का विवाह का प्रस्ताव रखता है। इसके पश्चात लंका में रूपमति मंदोदरी का विवाह रावण के साथ सम्पन्न होता है और इसी के साथ रावण तीनों लोक में अपने प्रभाव और सत्ता के लिए यु( करता है।


लंका में मंदोदरी रावण के दो पुत्रों को जन्म देती है तो खुशियां छा जाती हैं, चारों ओर हर्ष का वातावरण बन जाता है। रावण के दरबार में नृत्यांगना झूमती हैं, तो दर्शक भी इस लीला का भरपूर आनंद लेते हैं। इसके पश्चात वेदवती संवाद, भगवान इन्द्र और मेघनाद के बीच यु( लीला का मंचन भी सराहनीय रहा। कैलाश गमन के दौरान रावण का पुष्पक विमान रोकने पर क्रोधित रावण के अभिमान को भगवान शिव जब चकनाचूर करते हैं तो दर्शक भी उत्साहित नजर आते हैं। अभिमान टूटने पर रावण भगवान शिव का भक्त बनकर लंका वापस लौटता है। जानकी जन्म की लीला में राजा जनक का अभिनय सभी ने सराहा। लीला में मंचीय प्रस्तुति के दौरान रावण का सुन्दर और प्रभावशाली अभिनय नारायण ऐरन ने किया। इसके साथ ही यश चैधरी वेदवती, देवेन्द्र पतला राजा इन्द्र, केशव मारीच, सोनू भगवान शंकर, अभिषेक कुमार मंदोदरी, जतिन कुमार विभीषण, आर्यन कुम्भकर्ण और विवेक कुमार मेघनाद के स्वरूपों में दर्शकों पर अपने कला अभिनय का प्रभाव छोड़ने में सफल नजर आये।

रामलीला समिति के अध्यक्ष गोपाल चैधरी, मुख्य प्रबंधक अनिल ऐरन, कार्यक्रम संयोजक सभासद विकल्प जैन, महामंत्री सुरेंद्र मंगल, मंत्री जितेंद्र कुच्छल, प्रमोद गुप्ता, धर्मेंद्र पंवार नीटू, मुख्य निर्देशक विजय मित्तल, पंकज शर्मा, निर्देशक अमित शर्मा, गोविंद शर्मा, नारायण ऐरन, ज्योति ऐरन, मीना ऐरन, कन्दर्प ऐरन, जितेंद्र नामदेव, विनय गुप्ता टिंकू, पीयूष शर्मा, राकेश बंसल, अनिल गोयल, राकेश मित्तल, अंकुशल गुप्ता, विपुल मोहन, अज्जू जैन, आकाश गोयल, गौरव मित्तल, अनुराग अग्रवाल एडवोकेट आदि मौजूद रहे।

समर्पित दर्शक को सभासद सीमा जैन देंगी चांदी का सिक्का

श्री आदर्श रामलीला भवन समिति द्वारा आयोजित किये जा रहे 48वें श्री रामलीला महोत्सव में लोगों को अपने धर्म और संस्कृति से जोड़ने तथा युवाओं में रामलीला की संस्कृति के प्रति प्रेरणा जागृत करने के उद्देश्य से अनोखा पुरस्कार दर्शकों के लिए तय किया गया है। कार्यक्रम में प्रतिदिन जो भी दर्शक सबसे पहले आकर सबसे बाद तक लीला का मंचन देखने के लिए उपस्थित रहेगा, उसको वार्ड 33 से सभासद सीमा जैन और उनके पति रामलीला कार्यक्रम संयोजक पूर्व सभासद विकल्प जैन की ओर से चांदी का सिक्का पुरस्कार स्वरूप भेंट करते हुए रामलीला के मंच पर सम्मानित किया जायेगा। विकल्प जैन ने रामलीला मंचन के दौरान इस अनोखे पुरस्कार की घोषणा की, जिसको लेकर दर्शकों में भारी उत्साह नजर आया। विकल्प जैन ने बताया कि रामलीला मंचन हमारी प्राचीन संस्कृति का हिस्सा है। इससे ही हमें अपने गौरवशाली धार्मिक इतिहास की जानकारी मिलती है। युवा आज इंटरनेट की दुनिया में अपनी संस्कृति, समाज और धर्म से कुछ विमुख हो रहा है। ऐसे में हमने रामलीला की संस्कृति से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने के लिए यह पुरस्कार प्रतिस्पर्धा का आयोजन किया है। प्रतिदिन लीला के विराम के पश्चात भाग्यशाली दर्शक के नाम का ऐलान करते हुए मंच पर चांदी का सिक्का देकर सम्मानित किया जायेगा।

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