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MUZAFFARNAGAR--अपनी मर्जी का जिलाध्यक्ष लाये मंत्री संजीव बालियान

भाजपा हाईकमान ने जारी की जिलाध्यक्षों की सूची, मुजफ्फरनगर में सुधीर सैनी को कमान, विजय शुक्ला, विनीत कात्यान और बिजेन्द्र पाल सहित कई नेता थे दावेदार, मिशन 2024 को लेकर जिलाध्यक्ष पर हुआ फैसला।

MUZAFFARNAGAR--अपनी मर्जी का जिलाध्यक्ष लाये मंत्री संजीव बालियान
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मुजफ्फरनगर। मिशन 2024 के लिए तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में संगठन को ताजगी देने के लिए नये जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान कर दिया है। सूची जारी करने के साथ ही भाजपा में नई हलचल भी पैदा हो गयी है। भाजपा शीर्ष नेतृत्व की हरी झण्डी मिलने के बाद यूपी भाजपा के अध्यक्ष ने जिलाध्यक्षों की फेहरिस्त जारी की। इसमें जनपद मुजफ्फरनगर में एक बार फिर से भाजपा हाईकमान ने खतौली निवासी सुधीर सैनी को संगठन का मुखिया बनाते हुए जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है। सुधीर सैनी के लिए केन्द्रीय राज्यमंत्री डाॅ. संजीव बालियान पार्टी में यूपी से लेकर दिल्ली तक एक मजबूत पैरवी कर रहे थे और आखिरकार वो जिले में अपनी मर्जी का जिलाध्यक्ष बनवाने में सफल भी हुए हैं। भाजपा ने सुधीर सैनी के सहारे अपने मजबूत ओबीसी वोट बैंक को साधने का संदेश दिया है। यह नियुक्ति पूरी तरह से मिशन-2024 की नीति का हिस्सा ही मानी जा रही है।


भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने शीर्ष नेतृत्व से हरी झण्डी मिलने के बाद यूपी में संगठन स्तर पर बनाये गये छह क्षेत्रों में जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान कर दिया है। इनमें कई जिलों में पुराने जिलाध्यक्ष ही कुर्सी पर काबिज किये गये हैं, तो अधिकांश जनपदों में नये जिलाध्यक्ष बनाये गये हैं। इनमें सहारनपुर, मेरठ, बिजनौर, गाजियाबाद के साथ ही मुजफ्फरनगर जनपद भी शामिल है। पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेशाध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने पश्चिम क्षेत्र में 19, अवध क्षेत्र में 15, गोरखपुर क्षेत्र में 12, काशी क्षेत्र में 16, बृज क्षेत्र में 19 और कानपुर क्षेत्र में 17 जिलाध्यक्षों के नामों की सूची जारी की है।


जनपद मुजफ्फरनगर में भाजपा ने पिछड़ा कार्ड खेला है। यहां पर इस बार पिछड़ा वर्ग से ही नया जिलाध्यक्ष तय माना जा रहा था, क्योंकि भाजपा का बेस वोट बैंक ओबीसी ही माना जाता है। इसके साथ ही 2024 का लोकसभा चुनाव सामने देखकर भाजपा ने जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की है। मुजफ्फरनगर से ओबीसी से आरएसएस नेता के पुत्र विनीत कात्यान, पूर्व सभासद बिजेन्द्र पाल और पूर्व जिलाध्यक्ष सुधीर सैनी को ही मजबूत दावेदार माना जा रहा था। जबकि ब्राह्मण समाज से वर्तमान जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला ही अपना दूसरा कार्यकाल मांग रहे थे। इसके साथ ही अन्य दावेदार भी अपना अपना दावा ठोंककर पैरवी करने में जुटे हुए थे, इसमें दावेदारों को लेकर जिले से आने वाले दोनों मंत्रियों की पसंद अलग अलग थी। केन्द्रीय राज्यमंत्री और स्थानीय सांसद डाॅ. संजीव बालियान शुरूआत से ही खतौली निवासी सुधीर सैनी के नाम की पैरवी कर रहे थे और यूपी से लेकर दिल्ली तक इसके लिए उन्होंने पूरे प्रयास किये। कुछ दिन पूर्व यह भी तय माना जाने लगा था कि केन्द्रीय मंत्री की मजबूत पैरवी के कारण सुधीर सैनी ही जिलाध्यक्ष के लिए फाइनल हो चुके हैं, लेकिन नाम का ऐलान नहीं होने पर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। पार्टी हाईकमान ने जो फैसला दिया, वो लोगों के बीच बनी चर्चाओं के आधार वाला ही रहा और शीर्ष नेतृत्व ने एक बार फिर से विश्वास व्यक्त करते हुए सुधीर सैनी को जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी है।

सुधीर सैनी के साथ जुड़ा एक अजीब संयोग

मुजफ्फरनगर भाजपा में एक बार फिर से जिलाध्यक्ष बनाये गये सुधीर सैनी की ताजपोशी से एक अजीब संयोग जुड़ गया है। उनको यह दूसरा कार्यकाल लोकसभा चुनाव से पहले ही मिला है। साल 2018 में उनको भाजपा ने उस समय जिलाध्यक्ष बनाया था, जबकि भाजपा के तत्कालीन जिलाध्यक्ष रूपेन्द्र सैनी आॅडिया वायरल प्रकरण में फंस गये थे। सुधीर सैनी 5 दिसम्बर 2019 तक जिलाध्यक्ष पद पर कार्यरत रहे। उनके कार्यकाल में ही साल 2019 के लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुए और डाॅ. संजीव बालियान विपक्ष के प्रत्याशी पूर्व मंत्री चै. अजित सिंह जैसे बड़े नाम को पराजित कर दूसरी बार सांसद बने थे। सुधीर के नाम दूसरा संयोग यह है कि उस समय भी उनको सितम्बर माह में ही जिलाध्यक्ष घोषित किया गया था। 28 सितम्बर को उनके नाम का ऐलान प्रदेशाध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने किया गया था और इस बार भी सितम्बर माह में ही उनकी ताजपोशी जिलाध्यक्ष पद पर हुई है। सुधीर सैनी साल 2012 में खतौली विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। वो 19 हजार से ज्यादा मत लेकर चौथे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में रालोद के करतार सिंह भड़ाना विजयी रहे थे।

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