SHAMLI-मुनव्वर हसन के वफादार वीर सिंह ने छोड़ा इकरा का साथ
रालोद विधायक प्रसन्न चौधरी के साथ दिल्ली जाकर की जयंत चौधरी से मुलाकात, सपा छोड़कर रालोद की ज्वाइन
शामली। लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी को जनपद शामली में बड़ा झटका लगा है। यहां हसन परिवार के वफादार माने जाने वाले पूर्व सांसद मुनव्वर हसन के खासम-खास दोस्त वीर सिंह मलिक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह दिल्ली में आज रालोद में शामिल हो गए।
समाजवादी पार्टी को शामली में बड़ा झटका लगा है। यहां वीर सिंह मलिक ने चुनावी तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है। बता दें कि वह पिछले 20 वर्ष से सपा के साथ जुड़े थे। उन्होंने आज सपा से अपना नाता तोड़कर राष्ट्रीय लोकदल का दामन थाम लिया। दिल्ली में चौधरी जयंत सिंह ने उन्हें पार्टी ज्वाइन कराई। वीर सिंह मलिक के रालोद खेमे में आने को शामली जिले में सपा को बड़ा झटका लगा है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य वीर सिंह मलिक गांव भिक्का माजरा के रहने वाले हैं। उन्होंने शुक्रवार को राजनीतिक पैंतरा दिखाते हुए दिल्ली में रालोद की सदस्यता ग्रहण कर ली। उन्हें रालोद सुप्रीमो चौधरी जयंत सिंह ने रालोद की सदस्यता ग्रहण कराई।
वीर सिंह मलिक वर्ष 2005 से सपा में थे। इसके अलावा वह 2005 से लेकर 2015 तक जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं। 2016 में वह शामली गन्ना परिषद के चेयरमैन भी चुने गए थे। 2019 में वीर सिंह मलिक को सपा ने शामली विधानसभा का प्रभारी बनाया था। वीर सिंह के रालोद की सदस्यता ग्रहण करने पर सपा को नुकसान होन की संभावना का दावा किया जा रहा है। वीर सिंह मलिक को शामली के रालोद विधायक प्रसन्न चौधरी दिल्ली लेकर पहुंचे थे और वहां उन्होंने जयंत चौधरी से मुलाकात के बाद रालोद ज्वाइन की। वीर सिंह मलिक का कहना है कि सपा में कोई भी जाट नेता नहीं है, सभी रालोद में हंै, इसलिए मैंने भी समाज के हित को देखते हुए आज रालोद की सदस्यता ग्रहण की है।
उन्होंने कहा कि अब लोकसभा चुनाव में कैराना सीट से रालोद-भाजपा के प्रत्याशी को जिताने के लिए कार्य किया जाएगा। वीर सिंह मलिक को हसन परिवार का काफी खास माना जाता रहा है। वीर सिंह पूर्व सांसद रहे मुनव्वर हसन के बेहद खास सिपहसालारों में शामिल रहे हैं। यही कारण है कि दुर्घटना में उनकी मौत होने के बाद भी वीर सिंह मलिक ने हसन परिवार का साथ नहीं छोड़ा। मुनव्वर हसन के बाद उनकी पत्नी तबस्सुम हसन, पुत्र नाहिद हसन और अब इकरा हसन के चुनाव के लिए वो जुटे हुए थे, लेकिन इसी बीच उन्होंने हसर परिवार से अलग होकर समाज का साथ देने का मन बनाया है। इसे इकरा हसन के चुनाव के लिए भी नुकसानदायक माना जा रहा है।