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टैण्डरों में पूल से पालिका का इंकार, सभासदों-ठेकेदारों में चलती रही तकरार

नगरपालिका परिषद् के 202 निर्माण कार्यों के लिए सोमवार से शुरू हुई टैण्डर डालने की प्रक्रिया, दो स्लॉट में पालिका ने मांगे टैण्डर, पालिका चेयरपर्सन और जिलाधिकारी से भी की गई पूल की शिकायत

टैण्डरों में पूल से पालिका का इंकार, सभासदों-ठेकेदारों में चलती रही तकरार
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में जुलाई माह में हुई बोर्ड मीटिंग में पारित निर्माण कार्यों को शुरू कराये जाने की प्रक्रिया शुरूआत में ही विवाद से जुड़ गई। दो सौ से ज्यादा प्रस्तावित निर्माण कार्यों के लिए टैण्डरों में सभासद और ठेकेदारों का गठजोड़ बनाकर पूल कराये जाने की चर्चाओं के बीच ही पालिका निर्माण विभाग में सोमवार को 100 निर्माण कार्यों के लिए टैण्डर डाले गये, जबकि 102 निर्माण कार्यों के टैण्डर मंगलवार को डाले जाने की तैयारी विभागीय स्तर पर पूरी कर ली गयी है। इसी बीच सोमवार को भी कुछ सभासद और ठेकेदार पालिका मुख्यालय से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक सक्रिय देखे गये तो कुछ सभासदों ने चेयरपर्सन को भी पूल की शिकायत करते हुए टैण्डर रुकवाने की मांग की, लेकिन उनके सभी प्रयास विफल हो गये। चेयरपर्सन ने टैण्डरों में किसी भी प्रकार के पूल की बात को भ्रम बताते हुए कहा कि अभी टैण्डर डाले जा रहे हैं, इनके खुलने पर निष्पक्ष जांच होगी।

नगरपालिका के निर्माण विभाग के द्वारा शहरी विकास के लिए सभी 55 वार्डों में प्रस्तावित सड़क और नाली निर्माण के कार्यों के टैण्डरों में पूल कराकर बंदरबांट करने के आरोप लगाते हुए सभासदों और ठेकेदारों में नाराजगी बनने की खबरों ने एक नया विवाद पैदा कर दिया। कहा गया कि एटूजेड कालोनी में स्थित एक मकान में टैण्डरों में पूल कराने को लेकर एक गोपनीय बैठक हुई। इस बैठक में राज्य वित्त की करोड़ों की धनराशि से होने वाले 202 निर्माण कार्यों के टैण्डरों में बंटरबांट का खेल किया गया और टैण्डरों का समय बढ़ाने के लिए भी प्रयासा किये गये। निर्माण कार्यों में पूल कराने को लेकर बैठक करने के आरोप लगाते हुए कुछ सभासदों और ठेकेदारों ने इसका विरोध किया, जिसके बाद कई सभासद और ठेकेदार बैठक छोड़कर चले गये और इन टैण्डरों को रुकवाने का प्रयास शुरू कर दिया गया।

वहीं इन आरोप प्रत्यारोप के बीच ही चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के आदेशों के अनुसार निर्माण विभाग ने निर्धारित समय पर 100 निर्माण कार्यों के लिए मांगे गये टैण्डर डलवाने प्रारम्भ कर दिये थे। तीन बजे तक ठेकेदारों ने टैण्डर डाले। जबकि आज भी कुछ ठेकेदार और सभासद इन टैण्डरों को डालने से रोकने के लिए कभी पालिका, कभी चेयरपर्सन आवास और कभी जिलाधिकारी कार्यालय पर नजर आये। कुछ सभासदों ने इसमें जिलाधिकारी से भी शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की और चेयरपर्सन से भी मिलकर पूल की शिकायत कर टैण्डर रोके जाने की मांग की गई। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने इस बारे में कहा कि शहर के विकास के लिए हम पूरी तरह से निष्पक्ष होकर कार्य कर रहे हैं, भ्रष्टाचार के प्रति हमारी नीति जीरो टोलरेंस पर ही है। निर्माण कार्यों के टैण्डरों को लेकर एक भ्रम फैलाया गया है, जबकि अभी टैण्डर केवल डाले जा रहे हैं, हम भरोसा दिलाते हैं कि एक भी टैण्डर नियमों के खिलाफ स्वीकार नहीं किया जायेगा। जनता का हित सर्वोपरि है और हम जनहित से कोई भी समझौता नहीं करेंगे। वहीं निर्माण विभाग के सहायक अभियंता अखण्ड प्रताप सिंह ने बताया कि शहर के 55 वार्डों में प्रस्तावित 202 निर्माण कार्यों के लिए दो स्लॉट में टैण्डर आमंत्रित किये गये हैं। 100 निर्माण कार्यों के लिए सोमवार को तथा 102 निर्माण कार्यों के लिए मंगलवार को टैण्डर डालने का समय निर्धारित रहा। आज टैण्डर डाले गये हैं। पूल के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि जब तक टैण्डर नहीं खुल जाते कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। यदि कोई टैण्डर नियमों के विपरीत होता भी है तो वो स्वीकार नहीं होगा। टैण्डर अधिशासी अधिकारी डॉ. प्रज्ञा सिंह के अवकाश से लौटने के बाद ही खोले जायेंगे। फिलहाल ईओ 18 अक्टूबर तक मेडिकल अवकाश पर हैं।

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