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MUZAFFARNAGAR-मंडी समिति पर बकाया 3.42 करोड़ रुपये वसूलेगी पालिका

कृषि उत्पादन मंडी समिति की टैक्स कम करने की अपील को पालिका ने किया खारिज, वित्तीय वर्ष 2024-25 तक का बिल जारी, मण्डी समिति सचिव ने टैक्स निर्धारण को ज्यादा बताकर नौ बिन्दुओं पर की थी आपत्ति दर्ज

MUZAFFARNAGAR-मंडी समिति पर बकाया 3.42 करोड़ रुपये वसूलेगी पालिका
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् ने अपने खजाने को बढ़ाने के लिए अब बड़े बकायादारों पर नजरे तिरछी करने का काम किया है। इसमें सबसे पहले सरकारी भवनों पर कायम बड़ा बकाया वसूलने की तैयारी को कमर कसी जा रही है। सबसे पहले कृषि उत्पादन मण्डी समिति को निशाने पर लिया गया है। मण्डी समिति को पालिका के टैक्स विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 तक के बकाया का बिल जारी करते हुए अपनी बकाया रकम 3.42 करोड़ की मांग की है। जबकि मण्डी समिति सचिव ने बिल जारी होने से पूर्व टैक्स निर्धारण की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए नौ बिन्दुओं पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए टैक्स कम करने की अपील दायर की थी, जिसको सुनवाई के बाद टैक्स विभाग ने सिरे से खारिज कर दिया है। टैक्स विभाग का दावा है कि मण्डी समिति की स्व घोषित सम्पत्ति पर ही नियमानुसार टैक्स लगाया गया है और एक बार इसको कम किया जा चुका है, अब निर्धारित टैक्स कम नहीं होगा। यदि मण्डी समिति ने 15 दिन में बकाया टैक्स धनराशि जमा नहीं की तो 12 प्रतिशत सरचार्ज भी देना होगा।

नगरपालिका परिषद् ने अपनी आय में बढ़ोतरी करने के लिए कई बड़े फैसले लिये हैं। इसी कड़ी में पालिका बड़े बकायादारों से राजस्व की वसूली के लिए अब सख्ती बरने के मूड में आ गयी है। पालिका का सरकारी भवनों पर भी बड़ा बकाया चल रहा है। इसकी वसूली के लिए भी अब दबाव बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। सबसे पहले कृषि उत्पादन मण्डी समिति को टारगेट किया गया है। पालिका के टैक्स विभाग की ओर से बकाया वसूली के लिए दबाव बनाने के बाद कृषि उत्पादन मण्डी समिति के सचिव कुलदीप सिंह के द्वारा पालिका को पत्र भेजकर मण्डी समिति की सम्पत्ति पर टैक्स निर्धारण प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए नौ बिन्दुओं के साथ अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए टैक्स कम करने की अपील की गयी थी। उनकी अपील पर सुनवाई करते हुए इसको खारिज कर दिया गया है।

कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार यादव ने बताया कि कृषि उत्पादन मण्डी समिति के सचिव की ओर से टैक्स ज्यादा लगाये जाने की बात कहते हुए पत्र भेजा गया है। इस सम्बंध में सुनवाई करते हुए अपील को खारिज कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व में मण्डी समिति की सम्पत्ति पर 8 करोड़ 39 लाख 56 अजार 353 रुपये का वार्षिक मूल्यांकन पालिका के टैक्स विभाग की ओर से प्रस्तावित किया गया था। इस पर 21 अक्टूबर 2023 को उप निदेशक निर्माण द्वारा मण्डी समिति का विवरण पुनः उपलब्ध कराकर नये सिरे से टैक्स निर्धारण की मांग की गई थी। इसी स्व घोषित सम्पत्ति के आधार पर पालिका के द्वारा पुनः गणनाकर 28 अक्टूबर 2023 को अंतिम रूप से कर निर्धारण करते हुए 3 करोड़ 43 लाख 8 हजार 244 रुपये की वार्षिक मूल्यांकन प्रस्तावित करते हुए टैक्स निर्धारित कर दिया गया था। कर निर्धारण अधिकारी ने बताया कि उप निदेशक निर्माण के स्व घोषित सम्पत्ति के आधार पर पालिका द्वारा दोबारा वास्तविक मूल्यांकन निर्धारित किया जा चुका है, इसलिए ही मण्डी समिति सचिव की आपत्ति को खारिज करते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 तक का बकाया टैक्स का बिल मण्डी समिति का जारी कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि मण्डी समिति की सम्पत्ति पर वार्षिक गृहकर और जलकर 68 लाख 61 हजार 648 रुपये बैठता है। इसमें 34 लाख 30 हजार 824 गृहकर और इतना ही जलकर शामिल है। वर्तमान में मण्डी समिति पर पालिका का टैक्स के रूप में 3 करोड़ 56 लाख 30 हजार 632 रुपये बकाया चल रहा है। इसमें 20 प्रतिशत छूट के साथ 3 करोड़ 42 लाख 58 हजार 302 रुपये का बिल मण्डी समिति का जारी कर दिया गया है। यदि 15 दिन की छूट अवधि में मण्डी समिति द्वारा यह बिल जमा नहीं किया जाता है तो इस रकम पर 12 प्रतिशत सरचार्ज लागू कर वसूली की जायेगी। कर निर्धारण अधिकारी दिनेश यादव ने बताया कि इसी प्रकार दूसरे बड़े बकायादारों से भी टैक्स वसूली के लिए राजस्व निरीक्षकों को दिशा निर्देश दिये जा चुके हैं। सभी के बिल बनाकर भेजे जा रहे हैं।

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