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MUZAFFARNAGAR-सभासदों के ऐतराज पर नगर सृजन रुका, नगरोदय भी बदलेगा

नगरपालिका की बोर्ड बैठक में चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप की अध्यक्षता में 56 में से 54 प्रस्तावों पर लगी सहमति की मुहर

MUZAFFARNAGAR-सभासदों के ऐतराज पर नगर सृजन रुका, नगरोदय भी बदलेगा
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप की अध्यक्षता में सोमवार को हुई पालिका बोर्ड मीटिंग में नगर विकास के लिए 56 में से 54 प्रस्तावों पर सदस्यों ने सर्वसहमति से अपनी मुहर लगा दी। जबकि नगर सृजन के प्रस्ताव को दो वार्डों के काम नहीं रखने पर रोका गया है तो नगरोदय योजना में बनाई गई कार्ययोजना को भी सभासदों के आये ऐतराज के बाद संशोधित करने की तैयारी पालिका ने शुरू कर दी है। इसके साथ ही गत कार्यवाही की पुष्टि के एक प्रस्ताव पर भी ऐतराज करते हुए सभासदों ने अपना विरोध जताया है। बोर्ड मीटिंग में सबसे बड़ी शिकायत सभासदों ने इस बात पर की है कि निर्माण कार्यों को समय से लागू नहीं किया जा रहा है। कोई समयावधि बनाकर काम नहीं हो रहा है। नगर सृजन योजना में जो कार्य 8 माह पूर्व पारित हो चुके हैं, वो आज तक शुरू नहीं हो पाये। गैस पाइप लाइन के गडढे भरने का काम जनवरी से शुरू होना था, लेकिन आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया। इस पर चेयरपर्सन ने मीटिंग में ही अधिकारियों का जवाब तलब किया।

नगरपालिका परिषद् की बोर्ड मीटिंग सोमवार को करीब 40 मिनट चली। बोर्ड मीटिंग से पहले सदन में पहली बार पदेन सदस्य के रूप में सपा सांसद हरेन्द्र मलिक भी पहुंचे। बोर्ड की अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप और पूरे सदन ने उनका स्वागत किया। उनके उद्बोधन के बाद बोर्ड मीटिंग की कार्यवाही 11.35 बजे प्रारम्भ की गई। गत कार्यवाही की पुष्टि में ही सभासदों ने अडंगा अड़ा दिया। चेयरपर्सन के समक्ष एक पत्र सौंपा गया, जिसमें दावा किया गया कि गत कार्यवाही की पुष्टि में प्रस्ताव संख्या 270 जिसमें ईओ को गाड़ी देने का प्रावधान किया गया है, उस पर करीब 45 सभासदों का विरोध दर्ज किया जाये। इसको लेकर भाजपा के ही सभासन आमने सामने आ गये। राजीव शर्मा और मनोज वर्मा के इस पत्र के विरोध में योगेश मित्तल और शिवम मुन्ना ने आपत्ति दर्ज कराई। सभासद अन्नू कुरैशी ने अवैध होर्डिंग के प्रकरण में कार्यवाही नहीं होने का मसला उठाते हुए चेयरपर्सन से सख्ती करने की मांग की। इसके बाद हंगामे और शोरगुल के बीच बोर्ड मीटिंग की कार्यवाही चलती रही।


प्रस्ताव संख्या 378 में मुख्यमंत्री नगर सृजन योजना के तहत करीब 7.33 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण और पथ प्रकाश के कार्य रखे गये थे। इसमें पथ प्रकाश के लिए होने वाले कार्यों की सूची में सीमा विस्तारित क्षेत्र वार्ड संख्या 21 और वार्ड 52 को शामिल नहीं करने पर सभासद रजत धीमान ने कड़ा ऐतराज जताते हुए इसे निरस्त करने की मांग की। अन्य सभासदों ने भी ऐतराज जताते हुए दोनों वार्डों को सम्मिलित कर अगली बैठक में प्रस्ताव लाने की मांग की। वहीं प्रस्ताव संख्या 392 का भी विरोध हुआ। इसमें लोकसभा चुनाव के दौरान शहरी क्षेत्र के पोलिंग स्टेशनों पर हुए बूथों के निर्माण के कार्य का भुगतान कराने की अनुमति मांगी गयी थी। सभासदों ने कहा कि जो शासन से पैसा आया है, उससे ज्यादा का भुगतान पालिका नहीं करेगी। सहमति के कारण इस प्रस्ताव को भी अगली बैठक तक निरस्त किया गया।


प्रस्ताव संख्या 401 के अन्तर्गत लाई गई मुख्यमंत्री नगरोदय योजना की कार्ययोजना पर भी बोर्ड ने अनेक प्रकार की असहमति व्यक्त की। सभासदों ने इस बार पर ऐतराज जताया कि इतनी बड़ी कार्ययोजना बनाने से पहले सभासदों से कोई भी चर्चा नहीं की गई। सभासदों ने कूकड़ा में टाउनहाल निर्माण के प्रस्ताव का मुखर विरोध करते हुए कहा कि मौजूदा टाउनहाल का स्वरूप हम खत्म नहीं होने देंगे। यहीं पर मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का निर्माण कराने का प्रस्ताव नगरोदय में लाया जाये, जिसमें एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण भी शामिल हो ताकि आय भी बढ़े। इसके साथ ही प्रस्ताव संख्या 402 में पालिका की 17 मार्किट के 509 दुकानदार और 173 क्वार्टरों के किरायेदारों में शिकमी और अवैध किरायेदारों को बेदखल करते हुए नये सिरे से आवंटन करने, शिकमी, वारिसान और 15 साला वाले तमाम प्रकरणों के निस्तारण के लिए टैक्स विभाग के द्वारा उपविधि बनाई गई, इसमें भी सभासदों ने दुकानदारों का उत्पीड़न न करने वाली नीतियों से बचने की अपनी सलाह दी।

चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने बोर्ड बैठक समाप्त होने पर सभी सभासदों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों के अनुसार ही नगर के चहुंमुखी विकास के लिए ये एजेंडा सर्वसहमति से पारित कराया है। सभासदों ने नगर के हित को लेकर जो भी सुझाव या सवाल यहां उठाये हैं, उनको भी लेकर हम काम करेंगे। पालिका को एक परिवार के रूप में हम लेकर चल रहे हैं। विकास के मामले में बिना भेदभाव के काम हो रहा है और सबका साथ व सबका विकास की नीति फलीभूत हो रही है। इस एजेंडे के पारित होने से और भी बेहतर विकास कार्य होंगे और कामकाज को गति मिलेगी। अधिकारियों को भी हमने नसीहत दी है कि सभासदों के सम्मान में कोई त्रुटि न हो और जिन निर्माण कार्यों में देरी हो रही है, उनको तत्काल प्रारम्भ कराया जाये।

ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि सोमवार की बोर्ड मीटिंग में कुल 56 प्रस्तावों का एजेंडा शामिल किया गया था, इसमें मुख्य रूप से टैक्स विभाग द्वारा किरायेदारी को लेकर बनाई गई उपविधि, नगरोदय और नगर सृजन योजना के कार्य सहित जलापूर्ति, पथ प्रकाश और कर्मचारियों के बकाया देयकों के भुगतान के लिए प्रस्ताव शामिल रहे। कांवड़ यात्रा के दौरान हुए कार्यों के भुगतान के लिए भी बोर्ड ने अनुमोदन किया। इसमें प्रस्ताव संख्या 378 और 392 को सर्वसहमति के बाद निरस्त करते हुए संशोधन के साथ अगली बोर्ड मीटिंग में लाने का निर्णय किया गया है। नगरोदय योजना में एक साल के प्लान और पांच साल के विजन के लिए दी गई कार्ययोजना में भी सभासदों की आपत्ति आने के बाद इसमें संशोधन करने का काम किया जायेगा। इसके लिए चेयरपर्सन से जो दिशा निर्देश प्राप्त होंगे उनको लेकर काम करेंगे। बोर्ड मीटिंग में 55 सभासदों में से एक सभासद मिथलेश देवी अनुपस्थित रही हैं। मीटिंग में सीमा जैन, कुसुमलता पाल, राखी पंवार, पारूल मित्तल, नवाज जहां, मुसीरा, हकीम इरशाद अंसारी, राजीव शर्मा, मनोज वर्मा, योगेश मित्तल, अन्नू कुरैशी, नौशाद खां, नवनीत गुप्ताा, प्रशांत गौतम सहित अन्य सभासदों के साथ ही कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार, एई निर्माण अखण्ड प्रताप, एई जलकल सुनील कुमार, टीएस नरेश शिवालिया, जेई जलकल धर्मवीर सिंह, लेखाकार प्रीति रानी, चीफ योगेश कुमार आदि अधिकारी मौजूद रहे।

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