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पौत्री से छेड़छाड़ पर की थी नेपाली बहादुर की हत्या

मीरापुर पुलिस ने किया घटना का खुलासा, चार हत्यारोपियों को किया गिरफ्तार

पौत्री से छेड़छाड़ पर की थी नेपाली बहादुर की हत्या
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मुजफ्फरनगर। थाना मीरापुर क्षेत्र में नहर के पास मिले नेपाली नौकरी बहादुर की मौत की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। नेपाली बहादुर की हत्या उसको 12 साल से पहचान रखने वाले व्यक्ति ने ही की थी। नेपाली बहादुर ने उसके घर में पौत्री से छेड़छाड़ की थी, जिसके कारण गुस्से में आकर नेपाली को पीटा गया, जिसमें उसकी मौत हो गई। पुलिस ने चार हत्योरोपियों को गिरफ्तार कर घटना का खुलासा कर दिया है।

पुलिस क्षेत्राधिकारी जानसठ यतेन्द्र सिंह नागर ने गुरूवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि प्रभारी निरीक्षक थाना मीरापुर बबलू कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम द्वारा नेपाली नौकर बहादुर की हत्या के अभियोग का अनावरण करते हुए चार हत्यारोपियों को दबोचा है। इनमें से 03 शातिर हत्याभियुक्तों को उपाध्याय कैन्टीन तथा एक अभियुक्त को मोन्टी तिराहा मीरापुर से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तगण के कब्जे से घटना में प्रयुक्त एक बोरा बरामद किया गया। सीओ यतेन्द्र नागर ने बताया कि गत तीन नवम्बर को थाना मीरापुर पुलिस को सिखरेड़ा नहर पुल के पास एक अज्ञात शव मिला था, शिनाख्त का प्रयास किया गया तो मृतक की पहचान बहादुर निवासी नेपाल के रूप में हुई। मृतक नेपाली बहादुर मगन सिंह के यहां नौकरी करता था। मामले में दो दिन बाद 5 नवम्बर को मगन सिंह पुत्र दिमाग सिंह निवासी ग्राम शिवपुरी थाना मीरापुर ने अज्ञात के खिलाफ तहरीर देकर बहादुर की हत्या के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज कराया था। घटना के खुलासे के लिए कई पुलिस टीमों को लगाया गया। पुलिस टीम द्वारा 6 नवम्बर की रात्रि में बहादुर की हत्या में शामिल रहे चार हत्यारोपियों हरपाल पुत्र ओमी, अजय पुत्र हरपाल और निक्की पुत्र मंगल निवासी मौहल्ला सराय दरवाजा कस्बा मीरापुर तथा राजेन्द्र पुत्र कर्म सिंह निवासी ग्राम पलड़ी थाना शाहपुर को गिरफ्तार करते हुए हत्या का खुलासा कर दिया गया है।

सीओ यतेन्द्र नागर ने बताया कि पकड़े गये लोगों से पुलिस ने घटना को लेकर पूछताछ की तो हरपाल ने पुलिस को बताया कि वह मृतक बहादुर को 10-12 वर्ष से जानता था और हरपाल ने ही कई जगह बहादुर को नौकरी पर लगवाया था। काम छूटने पर वह हरपाल के ही घर पर भी कई-कई दिन रहता था।करीब एक साल पूर्व हरपाल ने बहादुर को मगन सिंह के यहां पर काम पर लगवाया था। घटना से करीब 25 दिन पूर्व तबियत खराब होने पर वह काम छोड़कर हरपाल के पास आ गया था और वहीं रह रहा था। सीओ ने बताया कि एक नवम्बर की रात्रि को जब हरपाल के घर के सभी लोग सोये हुए थे, तभी नाबालिग पौत्री की चीख सुनकर हरपाल की आंख खुल गई। उसने देखा कि मृतक बहादुर नें कमरे में अकेली सो रही पौत्री को पकड़ रखा था। यह देखकर उसे गुस्सा आ गया तथा उसने अपने साले व पुत्र को बुला लिया और बहादुर के साथ मारपीट की जिसमें उसका सर दीवार से टकरा जाने से उसकी मृत्यु हो गयी। बहादुर की मृत्यु के बाद हरपाल आदि ने उसके शव को ठिकाने के लिये पडोस में रहने वाले निक्की को बुला लिया तथा उसकी ई-रिक्शा में शव को बोरे में भरकर सिखरेड़ा नहर पर ले गये और शव पुल से फैंक दिया। हत्यारोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक बबलू कुमार, निरीक्षक अपराध सुनील कुमार मिश्रा, उप निरीक्षक अजयपाल सोलंकी, प्रशिक्षु उप निरीक्षक प्रवीण कुमार, हैड कांस्टेबल जितेन्द्र सिंह और अनुज कुमार आदि मौजूद रहे।

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