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सर्द रात में रैन बसेरा देखने निकली ईओ, न अलाव मिले न टीम

आरआई विजय कुमार से मांगा स्पष्टीकरण, ड्यूटी से गायब चार कर्मचारियों के वेतन पर लगी रोक, जवाब किया तलब, संचालन कर रहे एनजीओ को दी अंतिम चेतावनी

सर्द रात में रैन बसेरा देखने निकली ईओ, न अलाव मिले न टीम
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मुजफ्फरनगर। सर्द रातों में गरीबों और बेसहारा लोगों को खुले में सोने से बचाने के लिए नगर पालिका परिषद् के द्वारा शुरू किये गये रैन बसेरों में हालात और व्यवस्था का जायजा लेने के लिए बीती रात पालिका की अधिशासी अधिकारी ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान न तो उनको रैन बसेरे में सफाई मिली और न ही सड़कों पर अलाव जलता पाया गया। जो जिम्मेदारी पर लगाये गये वो भी गायब थे। ड्यूटी से गायब मिले राजस्व निरीक्षक से स्पष्टीकरण तलब किया गया है कि उन्होंने सड़कों पर सोते लोगों को रैन बसेरे में क्यों नहीं पहुुंचाया। ड्यूटी से बिना बताये गायब मिले चार पालिका कर्मियों के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए उनसे भी जवाब मांगा गया है। गंदगी मिलने पर रैन बसेरा चल रहे एनजीओ के प्रबंधक को अंतिम चेतावनी देते हुए दो दिनों में सफाई दुरूस्त करने के लिए निर्देश दिये।


बता दें कि नगरपालिका परिषद् के अधीन शहर में रेलवे स्टेशन के बाहर एक स्थाई रैन बसेरा है। इसके अलावा दो अस्थाई रैन बसेरों का संचालन भी पालिका द्वारा किया जा रहा है। पिछले दिनों डीएम उमेश मिश्रा ने रैन बसेरों में व्यवस्था का जायजा लेने के लिए रात्रि भ्रमण किया था और मिली खामियों को दूर करने के लिए ईओ पालिका डॉ. प्रज्ञा सिंह को निर्देश दिये गये थे। ईओ बीती शनिवार की देर रात औचक निरीक्षण पर निकली। उन्होंने रेलवे स्टेशन के रैन बसेरे पर पहुंचकर वहां सफाई और अन्य व्यवस्था को परखा तो वहां गन्दगी का आलम मिला।

कमरों में भी सफाई का अभाव था, बिस्तर फटे और गंदे मिले। इसको लेकर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुबंध के आधार पर रैन बसेरे का संचालन कर रहे एनजीओ आदर्श सेवा समिति के प्रबंधक योगेन्द्र शर्मा और कर्मचारी को अंतिम चेतावनी देते हुए सुधार पर जोर दिया। यहां पर चल रही मरम्मत के कार्य को भी जल्द निपटाने के लिए जेई निर्माण कपिल कुमार को कहा गया। साथ ही जब वो बाहर निकली तो सड़क पर कहीं भी अलाव जलते हुए नहीं पाये गये, जबकि सर्द हवा के कारण लोग ठिठुर रहे थे। ईओ ने तत्काल ही अलाव प्रभारी तनवीर आलम को मौके पर बुलाया और इसके लिए नाराजगी व्यक्त करते हुए अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। जिसके बाद रेलवे स्टेशन, रैन बसेरों के बाहर, रोडवेज बस स्टैण्ड आदि स्थानों पर अलाव जलवाये गये। ईओ ने प्रति दिन यह व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। ड्यूटी पर लगाये गये चार कर्मचारी बीसी शोभित कुमार, अनुचर विनोद कुमार, अरूण कुमार और बेलदार महबूब का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिये हैं और दो दिन में उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है।


ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि शनिवार देर रात किये गये निरीक्षण में स्थाई रैन बसेरे में कई खामियां मिली। वहां पर सफाई का अभाव बना नजर आया। कमरों में भी सफाई नहीं पाई गई। बिस्तर गंदे और फटे हुए मिले, बैड में दीमक लगी थी। उनके अंदर बिस्तर और कम्बल भरे पाये गये, लेकिन बाहर फटे हुए रखे थे। पंखों पर धूल काफी जमा थी। खिड़की के टूटे शीशे हुए थे, जिनके कारण अंदर हवा आ रही थी। एनजीओ प्रबंधक को दो दिन में सफाई आदि व्यवस्था करने के निर्देश देते हुए अंतिम चेतावनी दी गई कि दोबारा कमी मिली तो अनुबंध निरस्त कर कार्यवाही की जायेगी। ईओ ने बताया कि खिड़की के नए शीशे लगवाने, मरम्मत कार्य जल्द करवाने और व्हाइट वॉश भी जल्द निपटाने के निर्देश जेई निर्माण कपिल कुमार को दिए गये हैं। साथ ही ड्यूटी से गायब मिले चोरों कर्मियों का एक दिन का वेतन रोकने के साथ ही उनका और राजस्व निरीक्षक विजय कुमार का स्पष्टीकरण तलब किया गया है। दो दिन में उनसे जवाब मांगा है। ईओ ने बताया कि राजस्व निरीक्षक की ड्यूटी शहरी क्षेत्र में सड़क पर सोते लोगों को रात्रि भ्रमण करते हुए रैन बसेरों तक पहुंचने के लिए लगाई गई थी, लेकिन उन्होंने दायित्व नहीं निभाया। निरीक्षण के दौरान जेई निर्माण कपिल कुमार, राजस्व निरीक्षण विजय कुमार, लिपिक तनवीर आलम और अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।

सड़कों पर सोते लोगों को हाथ जोड़कर मनाया, रैन बसेरे में पहुंचाया

मुजफ्फरनगर। सर्दी में लोगों को रात गुजारने के लिए आश्रय देने के लिए पालिका की ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह पूरी टीम के साथ सड़कों पर उतरी नजर आई। इस दौरान शहर के कई स्थानों पर खुले में सड़क पर ही लोग सोते हुए मिले तो उनको उठाकर रैन बसेरों तक भिजवाने का काम किया गया। इसके लिए ईओ ने लोगों को हाथ जोड़कर मनाया और समझाया। एक महिला ने पालिका टीम की पूरी परीक्षा ली। वो खुद को जानसठ क्षेत्र की बता रही थी। बेसहारा होने की बात सामने आने पर ईओ खुद महिला के पास पहुुंची और उसको रैन बसेरे में व्यवस्था की जानकारी देते हुए वहां चलने के लिए आग्रह किया, लेकिन महिला ने जाने से इंकार कर दिया।

पालिका के कर्मचारियों ने भी उसको खूब समझाया, लेकिन वो अपने सड़क पर लगाये गये बिस्तर में दुबक गई और गरीबी का हवाला देते हुए कम्बल मांगती रही। हाथ जोड़ने पर भी महिला नहीं मानी तो ईओ के कहने पर कर्मचारियों ने महिला को बिस्तर सहित उठाकर रैन बसेरे तक पहंुचाया और वहां ठहरने की व्यवस्था की। ईओ का कहना है कि लोग सड़क से रैन बसेरे में नहीं जाना चाहते और लड़ते हैं, ऐसे में पुलिस फोर्स का भी साथ होना जरूरी है। बताया कि चार पांच लोगों को रात्रि में सड़क से उठाकर रैन बसेरों में पहुंचाने का काम किया गया।

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