ओमवीर सिंह रिटायर्ड-पालिका में एक युग की सेवा का अंत
38 साल की नौकरी के बाद अपने मूल विभाग से ही सेवानिवृत्त हुए चिर-परिचित नगरपालिका के बड़े बाबू
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के मुख्यालय टाउनहाल में मंगलवार को सेवा और समर्पण की कहानी के एक युग का अंत हो गया। पालिका में अपने सेवाकाल के दौरान बड़े बाबू के नाम से एक चिर-परिचित पहचान बनाने वाले ओमवीर सिंह 38 साल के सेवाकाल के बाद अधिवर्षता आयु पूर्ण करते हुए रिटायर्ड हो गये और उनके साथ ही पालिका के उतार-चढ़ाव और बनने बिगड़ने के किस्सों का एक युग भी शांत हो गया। सेवानिवृत्ति के अवसर पर पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप, ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह सहित अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनको भावपूर्ण विदाई देते हुए उनके सेवाकाल की प्रशंसा की।
नगरपालिका परिषद् मुजफ्फरनगर की बात करें तो स्टेनोग्राफर कीर्ति भूषण के सेवाकाल के बाद से ही यह दो धूरियों गोपाल त्यागी और ओमवीर सिंह पर ही घूमती रही है। कर्मचारी राजनीति के ये दोनों ही धुरंधर रहे हैं। पालिका में ओमवीर सिंह अपने लठ तोड़ अंदाज के लिए जाने जाते रहे हैं, तो गोपाल त्यागी को उनके दबंग अंदाज के लिए पहचाना जाता रहा है। ओमवीर और गोपाल त्यागी ये दोनों नाम ऐसे रहे हैं, जिनके बीच हमेशा ही शह और मात का खेल चलता रहा और इसी खेल में दोनों ने अज्ञातवास जैसा समय भी व्यतीत किया।
इन दोनों की रस्साकसी की कहानी के बीच आज हम ओमवीर सिंह की बात करते हैं। ओमवीर सिंह मंगलवार को अपनी अधिवर्षता आयु पूर्ण करते हुए नगरपालिका में जलकल विभाग में अपने मूल पद से सेवानिवृत्त हो गये। ओमवीर सिंह ने पालिका में जलकल विभाग से अपनी सेवा का काल आरम्भ किया और 38 साल की इस नौकरी में अनेक उतार व चढ़ाव देखे। उन्होंने सिटी बोर्ड को नगरपालिका और चेयरमैन बने तक की व्यवस्था को देखा। मूल रूप से उत्तराखंड राज्य के जनपद हरिद्वार के गांव हरजौली जट निवासी ओमवीर सिंह तीन भाई थे, एक भाई का हाल ही में निधन हो गया था। ओमवीर सिंह अपने परिवार के साथ शहर की जाट कालौनी में निवास कर रहे हैं। उनकी नौकरी पालिका में उस समय लगी थी, जबकि सिटी बोर्ड में सुपरशेषन का दौर चल रहा था। यानि सारी व्यवस्था प्रशासन के हाथ में थी। प्रशासन का ओसी चेयरमैन की जगह होता था। इसके बाद उनके कार्यकाल में वर्ष 1989 में लक्ष्मी चंद सिंघल पहले चेयरमैन बने और फिर चेयरमैनी का दौर भी उन्होंने खूब देखा। ओमवीर सिंह के अनुसार उस दौर में पालिका की नौकरी आसान नहीं थी। वेतन पाना ही टेढ़ी खीर था। सीधा संदेश रहता था कि कुआ खोदकर पानी पी लो, यानि की वो दौर चुंगी व्यवस्था का था, चुंगी से ही कर के रूप में एकत्र होने वाले राजस्व से कर्मचारियों का वेतन दिया जाता था।
कई-कई महीने तक वेतन ही नहीं मिला करता था, गांव में खेती होने के कारण घर का गुजारा वहां से चल जाता था, लेकिन आज पालिका में ऐसी कोई भी परिस्थिति नहीं है। ओमवीर सिंह सुपरशेषन के दौर में नौकरी पाने वाले पालिका के एकमात्र कर्मचारी शेष थे, जो अब रिटायर्ड हो गये और उनके साथ ही पालिका में सेवा का एक युग शांत हो गया है। ओमवीर सिंह ने पालिका में जलकल विभाग से नौकरी शुरू की। बिल बांटे, चुुंगी पर वसूली की और वो तीन चेयरमैन के कार्यकाल में कार्यवाहक कार्यालय अधीक्षक के पद पर भी रहे। निर्माण विभाग, लाइट और अन्य दूसरे प्रमुख विभागों में भी कामकाज संभाला। उनकी सेवाकाल का सबसे बड़ा काम साल 2011 की जनगणना का रहा। इसके लिए नगरीय क्षेत्र में गणना कराने का जिम्मा उनको दिया गया था। वो कहते हैं कि उनके समय का पालिका में अब कोई कर्मचारी नहीं रहा है। अब सभी या तो 1989 के लक्ष्मी चंद सिंघल के समय के कर्मचारी हैं या फिर मृतक आश्रित में नौकरी पाने वाले युवा कर्मचारी हैं, इनके सहारे ही अब पालिका का भविष्य और अस्तित्व है। ओमवीर सिंह बताते हैं कि 38 साल की नौकरी में उन्होंने पालिका में अपने 29 साथियों को खोया है, यह भी दुख उनके मन में रहेगा।
हालांकि उनके निधन के बाद उनके परिवारों के लोग मृतक आश्रित में नौकरी कर रहे हैं। वो कहते हैं कि पालिका से आज रिटायर्ड होने के कारण वो एक पूरे युग और पालिका के अनेक ऐतिहासिक किस्सों को अपने साथ लेकर जा रहे हैं। उनको दुख है कि सेवाकाल के अंतिम समय में एक साजिश के तहत उनका नाम कुछ विवादों से जोड़कर बदनाम करने की कोशिश की गयी, लेकिन प्रभु के आशीर्वाद से वो ससम्मान कार्यकाल पूर्ण कर विदा हो रहे हैं। उन्होंने इस सेवाकाल में साथ देने वाले सभी शुभचिंतकों का आभार जताते हुए उनका भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने हमेशा ही उनका विरोध कर उनमें संघर्ष की ज्वाला को शांत नहीं होने दिया और ऐसे ही उनको विपरीत परिस्थिति में भी काम करने का साहस और प्रेरणा मिली। मंगलवार को उनके सम्मान में स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन के द्वारा पालिका सभागार में दोपहर बाद विदाई समारोह का आयोजन किया। इस समारोह में चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप, सभासद शौकत अंसारी, शिवम मुन्ना, अन्नू कुरैशी, नौशाद पहलवान, शहजाद चीकू, बृजेंद्र पाल, देवेश कौशिक, आशु गुप्ता, प्रशांत कुमार, पूर्व उपाध्यक्ष धर्मेंद्र नीटू, ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह, टीएओ दिनेश यादव, एई अखंड प्रताप, जेई कपिल कुमार, एई सुनील कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल कुमार, राजस्व निरीक्षण पारूल यादव, अमरजीत, विजय कुमार, अमित कुमार, चीफ योगेश कुमार, पलकसा मनवाल, संगठन के अध्यक्ष ब्रजमोहन, मौहम्मद सालिम, सुनील वर्मा, विकास शर्मा, तनवीर आलम, राजीव कुमार, विकास कुमार, दुष्यंत सिंह, कैलाश नारायण, मैनपाल सिंह, अशोक ढींगरा, गोपी चंद वर्मा, संदीप यादव, प्रवीण कुमार सहित सैंकड़ों कर्मचारी मौजूद रहे।