MUZAFFARNAGAR-50 हजार मकानों पर टैक्स लगाने जा रही पालिका
सीमा विस्तार के बाद शामिल हुए नए क्षेत्र में भवनों का सर्वे कराने का प्लान तैयार, छह माह में पूरा होगा काम
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की आय बढ़ाने के लिए अब चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने कई मामलों में बड़े निर्णय लेने शुरू कर दिये हैं। उन्होंने सबसे पहले सीमा विस्तार के बाद पालिका क्षेत्र में शामिल हुए 15 गांवों को टैक्स के दायरे में लाने का काम शुरू किया है। इसके लिए बोर्ड पहले ही स्वीकृति प्रदान कर चुका है। अब टैक्स विभाग ने ब्लू प्रिंट बनाकर पूरा प्लान चेयरपर्सन के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है। नए क्षेत्र में करीब 50 हजार भवनों पर टैक्स लगाने की तैयारी है। इसके साथ ही इन भवनों को पालिका के द्वारा नया भवन नम्बर दिये जाने की योजना बनाई गई। इसके लिए इसी माह सर्वे शुरू कराने की कवायद है और छह माह में तीन चरणों में सर्वे पूरा कराकर अगले वित्तीय वर्ष से नए क्षेत्र में टैक्स लागू कर वसूला जायेगा।
बता दें कि सितम्बर 2022 में मुजफ्फरनगर शहर के आसपास के 15 गांवों के करीब 4524 हेक्टेयर क्षेत्रफल को नगरपालिका परिषद् क्षेत्र में शामिल करते हुए पालिका का सीमा विस्तार किया गया था। इसमें सबसे बड़ा भू-भाग गांव सूजड़ू के रूप में पालिका क्षेत्र में शामिल हुआ और इस सीमा विस्तार के बाद 11 आबाद गांवों में निवास करने वाली करीब 1.78 लाख आबादी ग्रामीणा अंचल से निकलकर शहरी हो गई थी। इसके बाद हुई पालिका चुनाव के बाद करीब सवा साल से पालिका इन क्षेत्रों में पथ प्रकाश, सफाई, पेयजलापूर्ति, सड़क और नाले-नाली निर्माण, जल निकासी, नालों की सफाई आदि सुविधाएं लगातार प्रदान कर रही है, लेकिन अभी तक इस नए क्षेत्र को टैक्स के दायरे में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन अब चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने पालिका की आय बढ़ाने के उद्देश्य से दी जा रही सुविधाओं के आधार पर नए क्षेत्रों को टैक्स के दायरे में लाने की तैयारी की गई है। इसमें 15 गांवों के क्षेत्रफल पर गृहकर और जलकर लगाने का काम अगले छह माह में पूरे करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के आदेशानुसार पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने टैक्स विभाग को इसके लिए कार्य करने के निर्देश दिये थे, टैक्स विभाग ने नए क्षेत्र में टैक्स वसूलने के लिए पूरा ब्लू प्रिंट तैयार करते हुए अपना प्लान चेयरपर्सन के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है। ईओ ने बताया कि 24 जुलाई 2024 को हुई बोर्ड बैठक में सीमा विस्तार के बाद पालिका में शामिल हुए नए क्षेत्रों में टैक्स लागू करने की सहमति सदन ने प्रदान कर दी है। इसके बाद ही टैक्स लगाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया है।
कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि सीमा विस्तार में सरवट, सहावली, मीरापुर, बीबीपुर, खान्जापुर, कूकड़ा, अलमासपुर, सूजड़ू, शाहबुद्दीनपुर, वहलना और मन्धेडा के साथ ही शेरनगर आंशिक, मुस्तफाबाद आंशिक, बिलासपुर आंशिक और मुजफ्फरनगर आंशिक के पूर्ण क्षेत्रफल को टैक्स के दायरे में रखा गया है। बोर्ड की स्वीकृति के बाद अब सर्वे का कार्य प्रारम्भ कराने की तैयारी है, जिसके लिए पूरा प्लान चेयरपर्सन के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है। एक दो दिन में सर्वे के लिए एजेंसी हायर करने को टैण्डर निकाला जायेगा। यह सर्वे तीन चरणों पहले मकानों का चिन्हीकरण, क्षेत्र का वार्डवार नक्शा और फिर सर्वे करते हुए मकानों को नये नम्बर के लिए नम्बर प्लेट का वितरण कराकर किया जायेगा। इसके लिए छह माह का समय निर्धारित किया गया है। मार्च-2025 से पहले पहले यह सर्वे पूरा कराया जाना है, पालिका का लक्ष्य अपै्रल 2025 से इस नए क्षेत्र में टैक्स लागू करते हुए राजस्व वसूली का है। उनका कहना है कि 11 आबाद गांवों में करीब 50 हजार भवनों का आंकलन पालिका ने किया है। भवन इससे अधिक भी हो सकते हैं। इन पर टैक्स लगाया जायेगा। गैर आबाद क्षेत्र के रूप में चार गांवों के आंशिक क्षेत्रफल को भी इसमें शामिल किया गया है, वर्तमान में यहां भले ही आबादी न हो, लेकिन भविष्य में यहां आबादी होने की संभावना है।
सर्वे टीम को नम्बर प्लेट के लिए देने होंगे 177 रुपये
मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद् के द्वारा सीमा विस्तार में मिले नए क्षेत्र में प्रत्येक भवन को संख्याबल के आधार पर एक नई पहचान देने की तैयारी भी की गई है। अभी तक ग्रामीण अंचल के रूप में इन भवनों को जो नम्बर दिया गया था, उसको बदला जायेगा। कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि नए क्षेत्र में भवनों को नया नम्बर देने का काम होगा। नए नम्बर के साथ यह भवन पालिका के रिकॉर्ड में दाखिल किये जायेंगे। सर्वे के दौरान टीम द्वारा पालिका द्वारा निर्धारित नम्बर की प्लेट घर घर वितरित की जायेगी। एक नम्बर प्लेट के लिए सर्वेकर्ता टीम को भवन स्वामी द्वारा 177 रुपये का भुगतान करना होगा। जो भवन स्वामी यह भुगतान नहीं करेगा, उसको नम्बर प्लेट नहीं दी जायेगी। ऐसी सभी नम्बर प्लेट पालिका टैक्स विभाग में जमा होंगी और पालिका के रिकार्ड में भवन दाखिल कराने के लिए यह नम्बर प्लेट पालिका से लेनी अनिवार्य होगी। ऐसी दशा में भवन स्वामी को जुर्माना के तौर पर यह प्लेट 350 रुपये का भुगतान देने के बाद उपलब्ध होगी।