MUZAFFARNAGAR-16 केन्द्रों पर कड़ी सुरक्षा में हुई पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा
देश की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षा में केंद्रों को बनाया गया छावनी, थ्री लेयर सुरक्षा में सघन चेकिंग के बाद मिला प्रवेश, एसएसपी अभिषेक सिंह सहित तमाम पुलिस अधिकारी रहे सतर्क, परीक्षा केन्द्रों का होता रहा औचक निरीक्षण
मुजफ्फरनगर। देश की सबसे बड़ी उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षी भर्ती की लिखित परीक्षा शुक्रवार से शुरू हो गई। यह परीक्षा पांच दिन तक चलेगी। इसके लिए जिले में 16 परीक्षा केन्द्रों को पूरी तरह से छावनी में बदल दिया गया था। यहां पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बीच सघन चैकिंग के बाद ही अभ्यर्थियों को परीक्षा प्रवेश मिला। समय से करीब तीन घंटे पहले ही परीक्षार्थी परीक्षा केन्द्रों पर पहंुच गये थे। अपने अपने परीक्षा कक्ष की जानकारी लेने के बाद वो पूरी तरह से कतारब( नजर आये। जिले में दो पालियों की परीक्षा में करीब 15 हजार अभ्यर्थी शामिल रहे। एसएसपी अभिषेक सिंह सहित तमाम पुलिस अधिकारियों के द्वारा परीक्षा केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया जाता रहा।
यूपी पुलिस सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा शुक्रवार से शुरू हो गई। पांच दिन तक चलने वाली पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर भारी गहमागहमी रही। पहले दिन शुक्रवार को पहली पाली के लिए अभ्यर्थी सुबह 7 बजे ही केंद्रों पर पहुंच गए। जबकि परीक्षा 10 बजे प्रारम्भ होने वाली थी। परीक्षा केन्द्रों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। वहीं, परीक्षार्थियों को लगातार लाउडस्पीकर के माध्यम से कोई भी सामग्री केंद्र में नहीं ले जाने की सलाह दी जा रही है। जिले में सहारनपुर, शामली, बिजनौर, मेरठ आदि जिलों के साथ ही उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और दिल्ली प्रदेश के अभ्यर्थियों को परीक्षा के लिए पंजीकृत किया गया है। मुजफ्फरनगर में 16 केंद्रों पर पहली पाली की परीक्षा सुबह 10 बजे से 12 तक चली।
शहर के राजकीय इंटर कालेज, चौधरी छोटूराम इंटर कालेज, नगर पालिका कन्या इंटर कालेज, एसडी इंटर कालेज, छोटूराम पीजी कॉलेज, डीएवी इंटर और डीएवी डिग्री कॉलेज सहित सभी 16 परीक्षा केन्द्रों पर बाहर जमा हुए अभ्यर्थी प्रवेश पाने के लिए इंतजार में बैठे रहे। जब प्रवेश के लिए कतारब( होने की घोषणा कर पुलिस फोर्स हरकत में आई तो अभ्यर्थियों में भी भगदड़ सा आलम बन गया था। सुबह 6 बजे से ही केंद्रों पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था और इसी के साथ अभ्यर्थियों के पहुंचने का दौर भी शुरू हो गया था।
अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्र पर परीक्षा शुरू होने से ढाई घंटे पहले बुलाया गया था, लेकिन कुछ अभ्यर्थियों के द्वारा तीन से साढ़े तीन घंटे पहले ही परीक्षा केन्द्र पर अपनी आदम दर्ज करा ली गई थी। परीक्षा के दौरान व्यवस्थाओं का जायजा लेने और नकल आदि रोकने के लिए एसएसपी अभिषेक सिंह के साथ ही तमाम पुलिस अधिकारी और व्यवस्था में लगाये गये सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्टेटिक मजिस्ट्रेट भ्रमणशील रहे। आठ बजे के बाद परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष के लिए प्रवेश दिया जाना शुरू कर दिया गया था। साढ़े नौ बजे अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्रों पर प्रवेश देना बंद कर दिया गया था। इस दौरान परीक्षा के लिए सघन चैकिंग से गुजरना पड़ा। सभी परीक्षा केंद्रों पर ही स्टोर रूम बनाए गए हैं, जिनमें परीक्षार्थियों ने अपने साथ लाये गये मोबाइल फोन और अन्य सामान को सुरक्षित रखा। पहली पाली में लगभग 7000 परीक्षार्थी पंजीकृत किये गये थे, इनमें से काफी संख्या में परीक्षार्थी नदारद भी रहे।
परीक्षार्थियों को परीक्षा के लिए खोलनी पड़ी बहनों की राखियां
मुजफ्फरनगर। पुलिस की परीक्षा देने आए छात्र-छात्राओं को परीक्षा केंद्र के अंदर जाने से पहले सघन चैकिंग के दौर से गुजरना पड़ा। इसके लिए महिला कांस्टेबल व पुरुष कांस्टेबल द्वारा छात्र-छात्राओं की सघन चैकिंग करने के बाद परीक्षा केंद्र के अंदर जाने की अनुमति दी गई। पुलिस द्वारा यह भी चेतावनी दी जाती रही कि परीक्षा देने आए छात्र-छात्राएं केवल तीन ही चीज परीक्षा केंद्र के अंदर ले जा सकते हैं, जिनमें एक आधार कार्ड, पैन और अपना एडमिट कार्ड शामिल हैं। चैकिंग के दौरान युवकों के हाथ में बंधी राखियां, कलावे, ब्रासलेट आदि भी खुलवा दिए गए। नोडल अधिकारी एसपी यातायात कुलदीप सिंह ने बताया कि परीक्षा केंद्रों पर नकल को रोकने के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही एसटीएफ भी जिले में सक्रिय है।
थ्रीलेयर सुरक्षा के बीच परीक्षा कराई जा रही है। सीसीटीवी दो दिन पहले ही लाइव कर दिए गए हैं। इनकी निगरानी कंट्रोल रूम से की जा रही है। केंद्रों पर अभ्यर्थियों के फोटो आदि मिलान के लिए आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक का प्रयोग किया गया है। आधार की ओटीपी के जरिए जांच की गई। सेक्टर मजिस्ट्रेट ट्रेजरी से प्रश्न-पत्र केंद्र तक लाए। केंद्र व्यवस्थापकों के अलावा स्टेटिक मजिस्ट्रेट और सीओ-इंस्पेक्टर को केंद्रों पर लगाया गया है। ट्रेजरी के स्ट्रांग रूम से लेकर केंद्र पर पेपर का लिफाफा खोले जाने की वीडियोग्राफी कराई गई और यह सारी प्रक्रिया लाइव सीसीटीवी के सामने कराई गई। बताया कि अगर कोई परीक्षा में नकल कराते हुए या नकल करते पकड़ा गया तो उसके खिलाफ उप्र सार्वजनिक परीक्षा ;अनुचित साधनों का निवारणद्ध विधेयक-2024 के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज की जाएगी। इसमें 10 वर्ष की सजा के साथ एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।