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BYE ELECTION-मीरापुर की ताजपोशी को सियासी घमासान तेज

सपा और रालोद की दावेदारी के बीच मीरापुर सीट के उपचुनाव में चन्द्रशेखर की पार्टी की भी दमदार एंट्री, टिकट को याशिका चौहान, जियाउर्रहमान, कादिर राणा, शाहनवाज राणा, नवाजिश आलम का दावा

BYE ELECTION-मीरापुर की ताजपोशी को सियासी घमासान तेज
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मुजफ्फरनगर। लोकसभा चुनाव 2024 निपट चुका है। परिणामा ने सभी को चौंकाने का काम किया है, भाजपा बहुमत से दूर रही, लेकिन नरेन्द्र मोदी को जनता ने तीसरी बार प्रधानमंत्री का अवसर जरूर प्रदान कर दिया है। अभी तक भाजपा के प्रचंड बहुमत में सरकार चलाने वाले नरेन्द्र मोदी अब एनडीए गठबंधन सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेने की तैयारी में है। ऐसे में यह चुनाव परिणाम मुजफ्फरनगर को उपचुनाव की दहलीज पर लाकर खड़ा कर गया है। मीरापुर से रालोद विधायक चंदन चौहान के बिजनौर सीट से सांसद निर्वाचित होने के बाद अब मीरापुर सीट पर प्रस्तावित उपचुनाव को देखते हुए सियासी घमासान तेज हो गया है। इस सीट के रिक्त होने की घोषणा अभी बाकी है, लेकिन यहां पर सपा और रालोद के बीच मुख्य मुकाबला होने की संभावना को देखते हुए दोनों दलों से टिकट पाने वालों की भागदौड़ शुरू हो चुकी है। यहां पर इस बार चन्द्रशेखर की आसपा की भी मजबूत दावेदारी देखी जा रही है। चन्द्रशेखर की जीत के कारण उनकी पार्टी से भी टिकट पाने वालों की कतार लग गई है। नारायण सिंह परिवर की बहु के साथ ही राणा और आलम परिवार से भी टिकटार्थी सामने आने लगे हैं।

मीरापुर विधानसभा सीट पर मार्च 2022 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में रालोद और सपा गठबंधन में चुनाव लड़े यूपी के डिप्टी सीएम रहे स्व. नारायण सिंह के पौत्र चंदन सिंह चौहान ने चुनाव लड़ा और जीत दर्ज कराई थी। इस सीट पर उनके परिवार का बरसों पुराना दबदबा रहा है। जयंत ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पलटी मारी और भाजपा के साथ गठबंधन कर लोकसभा चुनाव में चंदन को बिजनौर सीट से प्रत्याशी बनाया। 2009 में इसी गठबंधन से उनके पिता संजय चौहान भी इस सीट से सांसद निर्वाचित हुए। 4 जून को परिणाम आया तो चंदन ने भी पिता की विरासत को संभाला और सांसद बने। उनके सांसद बनने के साथ ही मीरापुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की संभावना पैदा होने से जिले में एक बार फिर से चुनावी बयार बहने लगी है।

मीरापुर विधानसभा सीट भाजपा-रालोद गठबंधन में रालोद को मिलने की पूरी-पूरी संभावना है। ऐसे में यहां से सबसे पहला दावा चंदन चौहान की पत्नी याशिका चौहान का ही माना जा रहा है। लोकसभा जीतने के बाद चंदन अपनी पत्नी याशिका के साथ दिल्ली पहुंचे थे और रालोद मुखिया जयंत चौधरी से दोनों ने मुलाकात की थी। इस मुलाकात को बिजनौर सीट जीतने के साथ ही मीरापुर सीट से टिकट की चर्चा के रूप में भी देखा जा रहा है। हालांकि याशिका के साथ ही रालोद की ओर से मीरपुर सीट की सियासी जंग में टिकट के लिए बसपा से रालोद में आये जियाउर्रहमान और रामनिवास पाल, राष्ट्रीय कमेटी में शामिल रमा नागर, पूर्व सांसद और राष्ट्रीय महासचिव अमीर आलम के पुत्र पूर्व विधायक नवाजिश आलम, जिलाध्यक्ष संदीप मलिक, प्रदेश महासचिव संगठन अजित राठी और मंडल अध्यक्ष प्रभात तोमर के साथ ही कई अन्य नेताओं ने जयंत के समक्ष दावा पेश कर दिया है।

समाजवादी पार्टी से भी टिकट के दावेदारों की संख्या काफी नजर आ रही है। मीरापुर सीट के लिए यहां पर साल 2017 के चुनाव में भाजपा के सामने मात्र 193 वोटों के मामूली अंतर से पराजित होने वाले सपा के लियाकत अली, दो बार चुनाव लड़ चुके मेहराजुद्दीन, इस क्षेत्र से विधायक रहे पूर्व सांसद कादिर राणा, पूर्व जिलाध्यक्ष श्यामलाल बच्ची सैनी सहित कई अन्य नेताओं ने टिकट के लिए हाईकमान की भागदौड़ शुरू कर दी है। वहीं नगीना लोकसभा सीट से एनडीए और इंडिया गठबंधन से अलग अकेले अपने दम पर चुनाव लड़कर बड़ी जीत दर्ज कराने वाले आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद भी मीरापुर सीट पर दमदार एंट्री दर्ज कराने की तैयारी में लग गये हैं। इस सीट पर चन्द्रशेखर की जीत के कारण ही आसपा से टिकट पाने वालों की लम्बी फेहरिस्त बन चुकी हैं। इनमें पूर्व विधायक शाहनवाज राणा का नाम भी शामिल हैं। इसके साथ ही कई दूसरे दलों के नेताओं ने भी चन्द्रशेखर से सम्पर्क साधना शुरू कर दिया है।

रालोद जिलाध्यक्ष संदीप मलिक ने कहा कि मीरापुर सीट पर गठबंधन में रालोद का ही दावा पुख्ता है। यहां से रालोद के विधायक रहे और सांसद भी निर्वाचित हुए हैं। सभी को पार्टी में टिकट मांगने का अधिकार है। अंतिम निर्णय हाईकमान को करना है। सपा जिलाध्यक्ष जिया चौधरी का कहना है कि उनके समक्ष अभी पार्टी के किसी भी नेता ने कोई दावा पेश नहीं किया है, लेकिन काफी संख्या में दावेदारों का नाम उनके सामने आ रहा है। अभी मीरापुर सीट रिक्त घोषित नहीं हुए है। हाईकमान जिसे भी यहां उतारेगा संगठन उसको मजबूती के साथ चुनाव लड़ाने का काम करेगा। इससे पहले हम मीरापुर सीट पर बिजनौर लोकसभा प्रत्याशी की हार के लिए समीक्षा की तैयारी में है। यहां पर पार्टी विरोधी कार्य करने वालों के खिलाफ हाईकमान को रिपोर्ट भेजी जायेगी। आसपा जिलाध्यक्ष जगदीश पाल का कहना है कि पार्टी ने नगीना में मजबूत और बड़ी जीत दर्ज कराई है। यही कारण है कि अब मीरापुर सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए आसपा एक दमदार विकल्प बनकर उभर रही है। पार्टी से टिकट चाहने वालों की लंबी फेहरिस्त बनी है। दूसरे दलों में रहे लोग भी सम्पर्क कर रहे हैं, लेकिन पार्टी ने एक नीति बनाई है कि पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता को ही मीरापुर चुनाव लड़ाया जायेगा। अभी काफी समय है, टिकट का निर्णय शीर्ष नेतृत्व करेगा।

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