MUZAFFARNAGAR-नया मकान बनाने वालों पर नया टैक्स लगाने की तैयारी
नगरपालिका ने शहर में शुरू कराया कर निर्धारण का अभियान, 25 भवन स्वामियों को टीएस ने भेजे नोटिस, राजस्व निरीक्षकों की रिपोर्ट पर किया गया नया कर निर्धारण, आपत्ति दाखिल करने को दिया 30 दिन का समय
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की ओर से अपनी आय बढ़ाने के लिए उठाये जा रहे कदमों की कड़ी में अब शहरी क्षेत्र के ऐसे आवासीय और व्यवसायिक भवनों ने नजरें टेढ़ी करने का काम किया है, जोकि पुराने भूखण्ड पर नये स्वरूप में निर्मित कराये गये हैं और इनका नया स्वरूप पालिका के टैक्स के दायरे से बाहर है। ऐसे भवनों की तलाश के लिए पालिका ने टैक्स विभाग के राजस्व निरीक्षकों से भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट मांगी है। इसमें स्थलीय निरीक्षण करते हुए भवनों का चिन्हीकरण का कार्य शुरू करने के साथ ही ऐसे नये भवनों पर नया कर निर्धारण करते हुए भवन स्वामियों को नोटिस भेजने का काम भी शुरू कर दिया गया है। पहले चरण में 25 भवन स्वामियों को कर निर्धारित करते हुए नोटिस भेजे जा चुके हैं, इनको निर्धारित किये गये नये कर पर अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है।
नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के निर्देशन में टैक्स विभाग इन दिनों पालिका की अपनी आय में बढ़ोतरी करने के लिए नये नये निर्णय लेकर काम कर रहा है। कर निर्धारण अधिकारी दिनेश कुमार यादव द्वारा सीमा विस्तार के बाद पालिका में शामिल नये क्षेत्र में कर निर्धारण की प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही शहरी क्षेत्र के होटल, बैंकट हॉल, नर्सिंग होग आदि को भी लाइसेंस के दायरे में लाने के लिए नोटिस भेजने की कार्यवाही की जा रही है तो अब पालिका प्रशासन की नजरों में वो भवन खटकने लगे हैं, जो पुराने भूखंड पर भी नवनिर्मित किये गये हैं। ऐसे भवनों का चिन्हीकरण कराने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही नये स्वरूप में वजूद में आये इन आवासीय और व्यवसायिक भवनों को नये सिरे से टैक्स के दायरे में लाने की तैयारी है। कर निर्धारण अधिकारी दिनेश यादव ने बताया कि शहरी क्षेत्र में पुराने भूखंडों पर कई स्थानों पर नये आवासीय और व्यवसायिक भवनों का नवनिर्माण होने की जानकारी मिली है। ऐसे में पालिका के टैक्स विभाग की ओर से ऐसे सभी भवनों को नये टैक्स के दायरे में लाया जा रहा है। इन पर अभी तक पुराने भवन की स्थिति के आधार पर ही टैक्स लगा हुआ है, जबकि इनमें से अनेक भूखंडों पर बड़े व्यवसायिक कॉम्पलैक्स भी बना लिये गये हैं। ऐसे में इन पर पूर्व निर्धारित टैक्स का स्वरूप भी बदला जाना आवश्यक हो गया है।
पालिका के तीनों राजस्व निरीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वो अपने अपने क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए ऐसे नये भवनों का चिन्हीकरण करते हुए विभाग को रिपोर्ट देंगे और इसके साथ ही इन भवनों पर नया टैक्स निर्धारण करते हुए उसको लागू करने के लिए भवन स्वामियों को नोटिस भी जारी करायेंगे। नोटिस जारी करने के लिए कर अधीक्षक को निर्देशित किया गया है। कर अधीक्षक नरेश शिवालिया ने बताया कि पालिका की आय बढ़ोतरी के लिए शहरी क्षेत्र के नये भवनों पर मौजूदा स्थिति के आधार पर वार्षिक मूल्य का निर्धारण करते हुए नया टैक्स लगाया जा रहा है। राजस्व निरीक्षकों के द्वारा क्षेत्रवार चिन्हीकरण किया जा रहा है। अभी तक राजस्व निरीक्षकों ने जिन भवनों पर अपनी रिपोर्ट दी है, उनको नया कर निर्धारित करते हुए नोटिस जारी किये जा चुके हैं। बताया कि इसमें अभी तक करीब 25 भवन स्वामियों को नोटिस भेजे गये हैं और कार्यवाही जारी है। इसमें नये कर निर्धारण पर यदि भवन स्वामी को कोई आपत्ति है तो वो 30 दिन के भीतर टैक्स विभाग में सम्बंधित पटल पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए अपने भवन का स्वःकर निर्धारण प्रणाली के अन्तर्गत स्व घोषित कर लागू करा सकता है। जो भवन स्वामी समया अवधि में आपत्ति दर्ज नहीं करायेगा, उसके भवन पर तय नया टैक्स लागू करते हुए वसूली के लिए बिल जारी कर दिया जायेगा। इसके बाद कोई सुनवाई संभव नहीं हो पायेगी।