MUZAFFRANAGAR-प्राइवेट सफाई कर्मियों ने किया शहर में हंगामा
पालिका के डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन ठेके के विरोध में शिव चौक से लेकर डीएम दफ्तर तक निकाला जुलूस, किया प्रदर्शन
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के द्वारा शहरी की सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दिल्ली की कंपनी को डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का ठेका दिये जाने के बाद से ही लगातार विरोध और प्रदर्शन का दौर बना हुआ है। मंगलवार को एक बार फिर से सफाई कर्मचारियों ने सड़क पर उतरकर इस ठेके को निरस्त करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। शिव चौक पहुंचे प्राइवेट सफाई कर्मचारियों न जाम लगाने का प्रयास किया। यहां से जुलूस के रूप में कर्मचारी कलेक्ट्रेट स्थित डीएम दफ्तर पर पहुंचे और प्रदर्शन करते हुए डीएम के नाम ज्ञापन दिया। इसमें चेतावनी दी गई कि यदि उनके पेट पर लात मारने का प्रयास इस ठेके के सहारे किया गया तो वो आत्मदाह कर लेंगे। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन से इस ठेके को निरस्त कराने की मांग की है।
वाल्मीकि समाज के नेता मनोज कुमार निवासी गांधीनगर और गुरू गौहर वाल्मीकि के नेतृत्व में मंगलवार को वाल्मीकि समाज के सैंकड़ों महिला और पुरुष शिव चौक पर एकत्र हुए और यहां पर अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन करते हुए जाम लगाने का प्रयास किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नगरपालिका के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। यहां लोगों के हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंचे शहर कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर महावीर सिंह चौहान ने उनको समझाने का प्रयास किया और उनको सड़क से हटवाया। इसके बाद ये लोग जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और डीएम दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया। इस दौरान डीएम के नाम एक ज्ञापन दिया गया। इसमें कहा गया कि करीब 20 साल से वो शहर के वार्डों में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने का काम कर रहे हैं।
इसके ऐवज में वो घरों से 30 से 50 रुपये माहवार वसूल कर रहे हैं, जिससे उनके घर की रोजी रोटी चल रही है। बताया कि वो एटूजेड प्लांट लगने के बाद एटूजेड के कर्मचारी के तौर पर लगाये गये थे, लेकिन प्लांट बंद हो जाने के बाद संघर्ष में घिरने के बाद उन्होंने निजी कर्मी के रूप में डोर टू डोर कूड़ा उठाना जारी रखा। बीच में आरके कंपनी आई और उसने धोखाधड़ी करते हुए कर्मचारियों को लूटने का काम किया। वो वेतन आदि पैसा लेकर भाग गई। अब फिर से एक कंपनी को डोर टू डोर कूड़ा उठाने का ठेका दिया गया है। वार्डों में गाड़ियां लगा दी गई हैं। इससे उनकी रोजी रोटी पर संकट आन खड़ा हुआ है। उनको इसी कंपनी के साथ काम करने को कहा जा रहा है। इन निजी कर्मियों का आरोप है कि कंपनी के लोग प्रत्येक कर्मचारी से 10 हजार रुपये सिक्योरिटी मनी जमा करने को कह रहे हैं। उनको डर है कि दूसरी कंपनियों की तरह ही यह कंपनी भी पैसा एकत्र कर भाग जायेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि कई बार प्रदर्शन के बाद भी प्रशासन उनकी सुनवाई नहीं कर रहा है, यदि ये ठेका निरस्त नहीं किया गया तो वो बड़ा आंदोलन या आत्मदाह करने को विवश होंगे। प्रदर्शन में मनोज वाल्मीकि और गुरू गौहर के अलावा ओमवीर, पप्पू सिंह, राजेन्द्र, मोनू, मनोज, रविन्द्र, विनीत, सुरेशपाल, शिखा, सुशील सहित सैंकड़ों लोग शामिल रहे।