पाटीदार समेत तीन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
लखनऊ l मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अनियमितता और भ्रष्टाचार के मामलों में और कड़ी कार्रवाई करते हुए प्रयागराज के निलंबित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक दीक्षित और महोबा के निलंबित पुलिस अश्रीक्षक मणि लाल पाटीदार की संपत्तियों की जांच के निर्देश दिए हैं। पाटीदार समेत तीन अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के साथ विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए हैं।मुख्यमंत्री योगी ने कड़ी कार्रवाई करने के आदेश देते हुए दोनों निलंबित अधिकारियों की संपत्तियों की जांच विजिलेंस के माध्यम से कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश गृह विभाग के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि निलंबित अधिकारियों द्वारा की गई अनियमितताओं में संलिप्त पुलिसकर्मियों की अलग से जांच कर उन्हें दंडित करने के भी निर्देश पर दिए गए हैं। इस आदेश के बाद मणिलाल पाटीदार के खिलाफ गुरुवार को महोबा के नगर कोतवाली में केस दर्ज कर लिया गया। उनके अलावा चरखारी के तत्कालीन निरीक्षक राकेश कुमार सरोज, एसओ खरेला रहे राजू सिंह के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई पीपी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि के डायरेक्टर नीतीश पांडेय की तहरीर पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और 384 आईपीसी की तहत हुई है।
पीपी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के डायरेक्टर नीतीश पांडेय की तहरीर पर यह रिपोर्ट भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और 384 आईपीसी के तहत की गई है। महोबा में एसपी रहते समय मणिलाल पाटीदार पर क्रेशर कारोबारियों से अवैध वसूली के आरोप लगे थे । चित्रकूट धाम मंडल के पुलिस महानिरीक्षक की जांच में सामने आया कि पीपी पांडेय इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट मैनेजर की 46 गाड़ियां बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे में गिट्टी परिवहन में लगी हुई हैं। इस दौरान सिपाही राजकुमार कश्यप ने अमित तिवारी को फोन कर 29 और 30 मई को तत्कालीन एसपी मणिलाल से मुलाकात कराई। एसपी ने हर माह दो लाख रुपए की मांग की। इस काम में चरखारी के तत्कालीन निरीक्षक राकेश कुमार सरोज, एसओ खरेला रहे राजू सिंह की भी संलिप्तता मिली थी