undefined

रेशू ने दिया “श्रीणेय कांवड़ आयोग” गठन का सुझाव

-जुलाई माह में प्रस्तावित कांवड़ यात्रा के मद्देनजर समाजसेवी एवं उधमी सत्यप्रकाश रेशू ने प्रधानमंत्री, यूपी और उत्तराखंड सहित कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को भेजा पत्र -कावड़ियों के आनलाइन रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस की व्यवस्था लागू कराये जाने का आग्रह

रेशू ने दिया “श्रीणेय कांवड़ आयोग” गठन का सुझाव
X

मुजफ्फरनगर। वरिष्ठ समाजसेवी और उधमी सत्यप्रकाश रेशू ने जुलाई माह में प्रस्तावित कांवड़ यात्रा के मद्देनजर कांवड़ियों की सुगम और सुरक्षा के लिए कार्ययोजना तैयार कर प्रधानमंत्री, यू.पी., पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, बिहार व उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों को भेजी हैं, जिसमें अमरनाथ, वैष्णों देवी की तर्ज पर कांवड़ियों के आनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए श्रीणेय कांवड़ आयोग के गठन का सुझाव दिया गया हैं। कांवड़ यात्रा में आने वाले शिवभक्तों के इंश्योरेंस को अनिवार्य करने की सलाह भी दी गई है।

दरअसल सावन माह में होने कांवड़ यात्रा में करोड़ों कांवड़िये उत्तराखंड और यूपी की सीमा से होकर गुजरते हैं। इस बार यह यात्रा जुलाई माह में प्रस्तावित है। लंबे समय से कांवड़ यात्रा से जुड़े रहे वरिष्ठ समाजसेवी सत्यप्रकाश रेशू ने सभी पहलुओं पर मंथन करने के बाद कांवड़ यात्रा को लेकर एक कार्ययोजना तैयार की है। इस कार्ययोजना का पूरा प्रारूप डिजिटल और दस्तावेजी हिसाब से तैयार किया गया। समाजसेवी रेशू ने आगामी कांवड़ के मद्देनजर पूरा फार्मूला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यू.पी. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भेजा है।

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजे सुझाव पत्र में सत्य प्रकाश रेशू ने कहा है कि सावन मास की कांवड़ यात्रा का स्वरूप दूसरी बड़ी धार्मिक यात्राओं से कम नहीं है। हर साल करोड़ों की संख्या में शिवभक्त इस यात्रा में शामिल होते हैं। देश में अमरनाथ यात्रा, वैष्णो देवी यात्रा, मानसरोवर यात्रा, बालाजी तिरुपति यात्रा में यात्रियों के रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस और मेडिकल की सुविधा उपलब्ध रहती है। उसी तरह कांवड़ यात्रा को सुरक्षित व्यवस्थित बनाने के लिए “श्रीणेय कांवड़ आयोग” का गठन जरूरी है। आयोग की साइट पर जाकर कोई भी शिवभक्त कांवड़ियां निर्धारित शुल्क के साथ रजिस्ट्रेशन करा सकेगा। रजिस्ट्रेशन के साथ ही प्रत्येक कांवड़िए के इंशोरेन्स की व्यवस्था भी लागू होनी चाहिए, ताकि किसी भी अप्रिय घटना की दशा में पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद की जा सके। बताया गया कि यदि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा आदि राज्य मिलकर “श्रीणेय कांवड़ आयोग” का गठन करते है और प्रत्येक रजिस्ट्रेशन के बदले 300 से लेकर 500 रूपये की राशि ली जाती है, तो उससे कांवड़ियों के इंशोरेंस, लाईट व्यवस्था, यातायात व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था को व्यवस्थित करने में मदद मिलेंगी।

Next Story