कूड़ा डलावघर बंद करने के विरोध में धरने पर बैठे सफाई कर्मी
10 मांगों को लेकर पालिका परिसर में आंदोलन किया शुरू, पालिका प्रशासन पर उत्पीड़न करने का आरोप
मुजफ्फरनगर। एक लम्बे समय के बाद मंगलवार को एक बार फिर से नगरपालिका परिषद् के मुख्यालय टाउनहाल के बरामदे में सफाई कर्मचारियों ने पालिका प्रशासन के खिलाफ दरी बिछाकर आंदोलन शुरू कर दिया, लेकिन गौर करने की बात यह है कि इस आंदोलन की अगुवाई करने के लिए सफाई कर्मचारी संघ के मौजूदा पदाधिकारी अपने कर्मचारियों से दूरी बनाये रहे। पूर्व अध्यक्ष ने आंदोलन शुरू करते हुए 10 सूत्री मांग पत्र पूर्ण करने का दबाव पालिका प्रशासन पर बनाया है। वहीं चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप का कहना है कि हम शहर हित में कोई भी अनावश्यक बाधा बर्दाश्त नहीं करेंगे, कर्मियों के हितों का सवाल है तो बैठकर समाधान के लिए प्रयास किये जायेंगे। कूड़ा डलावघर का बंद होना शासन, एनजीटी की नीति है और शहर की स्वच्छता के लिए यह जरूरी है।
बता दें कि शासन के निर्देशानुसार शहरी क्षेत्र को गारबेज फ्री बनाने के लिए कूड़ा डलावघर बंद कराने के लिए नगरपालिका परिषद् के द्वारा कार्यवाही लगातार की जा रही है। ऐसे में एक-एक कर पहले 13 डलावघरों को बंद कराकर कॉम्पेक्टर व्यवस्था की गई तो वहीं पिछले दिनों चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के निर्देश पर ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने आर्य समाज रोड और जिला अस्पताल के पास स्थित डलाव घर सहित सभी शेष 15 कूड़ा डलाव घरों को एक ही साथ बंद कराते हुए सफाई नायकों को वार्डों से निकलने वाले कूड़ा करकट को कॉम्पेक्टर और टिपर वाहनों से एमआईटूसी सिक्योरिटी एण्ड फैसिलिटीज प्रा. लि. के कूड़ा ट्रांसफर सेंटर मखियाली भिजवाने की व्यवस्था के निर्देश दिये। इसके बाद से ही सफाई कर्मी संगठनों के नेताओं में रोष बना नजर आ रहा है। इसके लिए पिछले दिनों बुलाई गई त्यौहारी सीजन की बैठक में कुछ नेताओं ने विरोध किया तो ईओ नाराज होकर बैठक से चली गई थीं। बाद में सफाई कर्मचारी संघ की ओर से 10 सूत्री मांग पत्र दिया गया था, जिस पर वार्ता न बुलाने से नाराज होकर मंगलवार को सफाई कर्मचारियों ने पालिका मुख्यालय पर धरना शुरू कर दिया। इस दौरान नेताओं ने उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कूड़ा डलावघर बंद कराने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए विरोध जताया।
सफाई कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष चमन लाल ने धरने का नेतृत्व करते हुए कहा कि पालिका प्रशासन लगातार सफाई कर्मचारियांे का उत्पीड़न कर रहा है। सफाई कर्मचारियों की काफी समस्याएं लम्बित हैं, जिनका नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि पालिका प्रशासन द्वारा कूड़ा डलावघर एक ही दिन में बन्द कराये जाने का आदेश जारी किया गया है, जो हमारे सफाई कर्मचारी हाथ रेहडा पर सफाई कार्य करते हैं, वह अपने वार्ड का कूडा कहां डाले इसके लिए कोई भी वैकल्पिक व्यवस्था पालिका प्रशासन द्वारा नहीं की गई है। जबकि इतना बड़ा निर्णय लेने से पहले एक समन्वय मीटिंग पालिका प्रशासन को सफाई नायकांे के साथ करनी चाहिए थी। नगर पालिका द्वारा एमआईटूसी कम्पनी के साथ अनुबन्ध होने से पालिका प्रशासन को 92 लाख रूपये प्रति माह की वित्तीय हानि हो रही है। कम्पनी द्वारा पालिका प्रशासन के साथ अनुबन्ध में समस्त 55 वार्डों में एवं प्रातिष्ठानांे खाली प्लाटों और प्राईमरी वेस्ट प्वाइंट का कूडा उठाने का अनुबन्ध हुआ है, जिसका कम्पनी द्वारा शत प्रतिशत पालन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सुनवाई नहीं हुई तो बेमियादी धरना होगा और हड़ताल भी कई जायेगी।
कर्मियों के हितों को लेकर हम संवेदनशील, लेकिन राजनीति बर्दाश्त नहींः मीनाक्षी स्वरूप
चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने कहा कि कर्मियों के हितों को लेकर हम संवेदनशील हैं, 7 अक्टूबर की बैठक में ही सफाई कर्मियों के चिकित्सीय देयकों के साथ ही 2023-24 की ठण्डी वर्दी का बकाया भुगतान की भी स्वीकृति प्रदान की गई। लगातार उपकरण उनको उपलब्ध कराये जा रहे हैं। कंपनी के साथ आकर काम करने से व्यवस्था बेहतर हुई हैं। कूड़ा डलावघर बंद करना शहर के हित में बड़ा निर्णय है। इससे सड़कों पर दिखने वाला कूड़ा और गन्दगी की समस्या से निजात मिली है। हम कर्मचारियों की समस्याओं का हल वार्ता से करने के पक्षधर है, यदि कोई भी व्यक्ति कर्मचारियों को बरगलाकर अनावश्यक विवाद या व्यवस्था में बाधा पैदा करता है तो हम सख्ती से निपटेंगे। जो डलावघर बंद हुए हैं, वहां व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सफाई नायकों की है, यदि अव्यवस्था हुई तो वो कार्यवाही से बचेंगे नहीं।
डलावघर बंद हुए हैं, उनको खोला नहीं जायेगा-ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह
ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने कहा कि सफाई कर्मियों से कोई भी अभद्रता या उत्पीड़न जैसी बात नहीं की गई है। बल्कि कांवड़ में, स्वच्छता पखवाड़ा और डलावघरों को बंद कराने में सहयोग करने वाले सफाई कर्मियों को पालिकाध्यक्ष द्वारा सम्मानित किया गया है। जो लोग काम नहीं करेंगे और आदेशों की अवहेलना होगी, उनके खिलाफ हम विभागीय और विधिक दोनों कार्यवाही करने से पीछे नहीं हटेंगे। जो वास्तविक समस्या हैं, उनको हल करने के लिए हम पूरी तरह से सकारात्मक विचारधारा अपनाकर कर्मियों के साथ खड़े हैं, लेकिन अनावश्यक राजनीति नहीं होने दी जायेगी। डलावघर बंद हुए हैं, उनको खोला नहीं जायेगा। धरने पर चमन लाल ढिंगान के अलावा राजू वेद, देवी प्रसाद, पाल्लेराम, आशीष, रोहित कुमार, अजीत कुमार, राजेश, राजकुमार, जीवन, मिलन कुमार आदि मौजूद रहे।