यूपी विधानसभा में खाली हैं सात सीट, जनता खो चुकी है चार विधायक
यूपी विधानसभा का सत्र शुरू होगा, सदन की सात सीटें खाली नजर आयेंगी। इनमें चार विधायकों का निधन हो चुका है। यूपी में जिन सात सीटों को रिक्त घोषित किया गया है, इनमें से पांच सीटें भाजपा और दो सीट समाजवादी पार्टी के कब्जे में थीं।
मुजफ्फरनगर। 20 अगस्त से एक नये अंदाज में उत्तर प्रदेश में विधानमंडल का सत्र शुरू होने की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 60 साल से ज्यादा उम्र के सदस्यों को इस सदन में फिजिकल प्रजेंट से दूर रखा गया है, ऐसे विधायक वर्चुअल प्रजेंट रहकर अपनी मौजूदगी का अहसास कराने के साथ ही कोरोना काल में विधानसभा की कार्यवाही को देखेंगे। ऐसे में विधानमंडल का यह सत्र कोरोना काल की अपूर्णीय क्षति की तस्वीर भी पेश करेगा। इस सत्र में यूपी सरकार के दो मंत्री चेतन चौहान और कमल रानी वरूण अपनी सीट पर नजर नहीं आयेंगे। इनका कोरोना संक्रमण से निधन होने के कारण यूपी विधानसभा में भाजपा का संख्याबल घटा है। जिस समय यूपी विधानसभा का सत्र शुरू होगा, सदन की सात सीटें खाली नजर आयेंगी। इनमें चार विधायकों का निधन हो चुका है। यूपी में जिन सात सीटों को रिक्त घोषित किया गया है, इनमें से पांच सीटें भाजपा और दो सीट समाजवादी पार्टी के कब्जे में थीं। इनमें से कई सीटों पर भाजपा वर्षों के अंतराल के बाद मोदी लहर में जीती थी। जबकि कुछ सीटों पर सपा ने मोदी लहर को पछाड़ते हुए विजय प्राप्त की थी।
पिछले दिनों कोरोना संक्रमण से पीड़ित होने के बाद योगी आदित्यनाथ के कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान आखिरकार जिंदगी की जंग हार गए। इससे पहले योगी सरकार में मंत्री रहीं कमल रानी वरुण की भी कोरोना से मौत हुई थी। चेतन चैहान कोरोना से 36 दिन तक संघर्ष करने के बाद कोरोना संक्रमण से जीवन की जंग हार गये थे। वह मुजफ्फरनगर के भी प्रभारी मंत्री रहे। उत्तर प्रदेश विधानसभा में रिक्त हुई सात विधानसभा सीटों में फिरोजाबाद जिले की टुण्डला, उन्नाव में बांगरमऊ, रामपुर में स्वार, बुलंदशहर जिले में बुलंदशहर सदर, जौनपुर में मल्हनी, कानपुर नगर में घाटमपुर और अमरोहा में नौगावां सादात सीट शामिल हैं। इनमें टूंडला भाजपा के एसपी बघेल द्वारा त्यागपत्र देने से, जबकि बांगरमऊ व स्वार सीटें कोर्ट के हस्तक्षेप से रिक्त हुईं। इनके अलावा मल्हनी, बुलंदशहर, घाटमपुर व नौगावां सादात निर्वाचित विधायकों के निधन से रिक्त हुई हैं।
अमरोहा जिले की नौगावां सीट भाजपा के विधायक और सरकार में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के निधन के चलते रिक्त हुई है। 2017 में चेतन चौहान सपा के जावेद आबदी को करारी मात देकर मुख्यमंत्री योगी सरकार के कैबिनेट का अहम हिस्सा बने थे। ऐसे ही भाजपा के दूसरे विधायक वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन के चलते अब बुलंदशहर विधानसभा सीट रिक्त हो गई है। 2017 में वीरेंद्र सिरोही ने बसपा के हाजी अलीम खान को 32 हजार मतों से हराया था, भाजपा ने कई चुनाव के बाद इस सीट पर वापसी की थी। जनपद कानपुर की सुरक्षित घाटमपुर विधानसभा सीट से भाजपा की विधायक रहीं कमल रानी वरुण के कोरोना से निधन हो जाने के चलते खाली हुई है। कमल रानी ने 2017 के चुनाव में बसपा की सरोज कुरील को हराया था। भाजपा ने सपा से यह सीट छीनी थी। ऐसे ही जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट से सपा के विधायक रहे परसनाथ यादव का निधन हो गया। उनके निधन हो जाने से खाली हुई इस सीट पर भी राजनीतिक विरासत की तलाश है। 2017 में भाजपा की लहर के बावजूद परसनाथ ने निषाद पार्टी के बाहुबली नेता धनंजय सिंह को मात दी थी। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता बांगरमऊ से विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। इसके चलते बांगरमऊ विधानसभा सीट खाली हो गई है। इस सीट पर उपचुनाव होगा, लेकिन अभी उपचुनाव का ऐलान नहीं हुआ है। सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली की अदालत ने 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी, जिसके चलते उनकी सदस्यता रद्द की गई है। उत्तर प्रदेश के रामपुर से समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। विधानसभा चुनाव के दौरान जन्म से जुड़े गलत दस्तावेज मुहैया करवाने के चलते हाई कोर्ट ने 16 दिसंबर 2019 को अब्दुल्ला आजम के निर्वाचन को रद्द कर दिया था, जिसके चलते विधानसभा से उनकी सदस्यता रद्द की गई है।
अब्दुल्ला आजम ने भाजपा की लहर में रिकार्ड जीत दर्ज की थी। उन्होंने भाजपा की उम्मीदवार लक्ष्मी सैनी को 50 हजार से ज्यादा मतों से हराया था, जबकि बसपा के नवाब काजिम अली तीसरे नंबर रहे थे। नवाब काजिम इस सीट से लगातार तीन बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने हैं। उन्होंने 2002, 2007 और 2012 में कांग्रेस के टिकट पर स्वार से चुनाव जीता था, लेकिन 2017 में जब वो बसपा के टिकट पर लड़े तो अब्दुल्ला आजम ने उन्हें रिकार्ड तोड़ मतों से मात दी। फिरोजाबाद जिले की टुण्डला विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में भाजपा के एसपी सिंह बघेल ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बघेल के सांसद बन जाने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। यह सीट खाली हुए करीब एक साल से ज्यादा हो गया है, लेकिन हाई कोर्ट में इस सीट की चुनाव याचिका विचाराधीन है। इस नाते निर्धारित समयावधि के भीतर इस रिक्त सीट पर उपचुनाव नहीं हो पाया था।
उत्तर प्रदेश विधानसभा के कुल 403 सदस्यों में से सात सदस्यों के स्थान वर्तमान में रिक्त होने से अब सदन का कुल संख्याबल घटकर 397 रह गया है। मौजूदा समय में भाजपा के 305, समाजवादी पार्टी के 48, बसपा के 18, अपना दल ;एसद्ध 9, कांग्रेस के 07, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 04, राष्ट्रीय लोकदल और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल का एक-एक, निदर्लीय 03 विधायकों का संख्याबल होने के साथ ही एक नामित सदस्य हैं।