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जीएसटी की छापामारी कार्यवाही से दवा कारोबारी आहत

मुजफ्फरनगर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की मीटिंग में उठा उत्पीड़न का मुद्दा, नए पोर्टल की खामियों पर भी चर्चा

जीएसटी की छापामारी कार्यवाही से दवा कारोबारी आहत
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मुजफ्फरनगर। जनपद के दवा व्यापारियों ने जीएसटी के द्वारा की जाने वाली छापामार कार्यवाही को उत्पीड़न बताते हुए इस खुला विरोध किया है। उनका कहना है कि दवा कारोबार बिल के बिना नहीं किया जाता है, ऐसे में भी जीएसटी विभाग के अफसर दवा कारोबारियों को निशाना बनाकर छापों का भय दिखाकर खुला शोषण कर रहे हैं। इसके साथ ही दवा कारोबार के लिए भारत सरकार के नए पोर्टल में सामने आ रही समस्याओं को लेकर भी विचार विमर्श किया गया।

मुजफ्फरनगर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की एक आवश्यक बैठक जिला परिषद् मार्किट में आयोजित की गई। इसमें पदाधिकारियों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर चर्चा की। सुभाष चौहान ने बताया कि मीटिंग के दौरान भारत सरकार द्वारा लांच किये गये नए पोर्टल में आर रही कुछ प्रमुख समस्याओं के बारे में विचार विमर्श हुआ। नए पोर्टल में दवा गोदाम का कोई भी विकल्प नहीं है। ना ही उसके रिटेंशन का ही कोई विकल्प है। विभाग से आग्रह किया गया कि इसका कुछ ना कुछ समाधान निकाला जाए। और इस पोर्टल को सुलभ बनाया जाये। कहा कि फर्जी अस्पताल एवं फर्जी मेडिकल स्टोर पर एक्सपायरी में नकली दवाई बिकने के कारण दवा व्यापारियों को व्यापार में बहुत दिक्कत आ रही है।

इन पर स्वतः कार्रवाई की जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विभाग से यह मांग भी रखी कि नए ड्रग लाइसेंस सिर्फ व्यावसायिक प्रयोग वाली संपत्ति पर ही जारी किए जाएं, आवासीय संपत्ति पर न जारी किया जाएं। मीटिंग में जीएसटी विभाग के प्रति कड़ी नाराजगी देखने को मिली। कहा गया कि जीएसटी विभाग द्वारा लगातार दवा व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है, जिसका भी दवा व्यापारी विरोध करते हैं, क्योंकि दवा व्यापार एक बिल से माल लेना और बिल से बेचने का व्यापार है। इसमें किसी तरीके का बिना बिल का कोई काम नहीं होता और इस संबंध में लाखों रुपए का जीएसटी दवा व्यापारी जमा करते हैं। इसके बाद भी अगर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। मीटिंग में सुभाष चौहान, प्रमोद मित्तल, आरके गुप्ता, सुधीर मटरोजा, पंकज तनेजा, रविंद्र छाबड़ा, दिव्य प्रताप सोलंकी, सतीश तायल, संदीप चौहान, हरीश गुप्ता, कुलदीप शर्मा, सचिन त्यागी सभी उपस्थित रहे।

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