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योगी सरकार ने गन्ना किसानों को किया शत प्रतिशत भुगतान

उत्तर प्रदेश में 2017 के बाद से ही गन्ना किसानों के लिए राज्य सरकार ज्यादा संवेदनशील नजर आयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संकल्प को गन्ना मंत्री सुरेश राणा के प्रयासों ने पूर्णतः की ओर ले जाने का काम किया, आज यूपी में गन्ना किसानों का रिकार्ड भुगतान हो पा रहा है।

योगी सरकार ने गन्ना किसानों को किया शत प्रतिशत भुगतान
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कराने में यूपी सरकार नित्य नये रिकाॅर्ड की ओर अग्रसर हो रही है। यूपी में भारतीय किसान यूनियन के साथ ही अन्य किसान संगठनों के द्वारा गन्ना मूल्य के बकाया भुगतान को लेकर किये जाने वाले आंदोलन को लेकर सरकार सतर्क है। भाकियू के आंदोलन के बाद राज्य सरकार की ओर से किसानों के लिए गन्ना मूल्य भुगतान में हासिल की गयी उपलब्धि को सार्वजनिक किया है। इसमें किसानों को शत प्रतिशत भुगतान का दावा किया गया है।

मंगलवार को राज्य के गन्ना एवं चीनी विभाग के द्वारा प्रदेश में गन्ना किसानों को गन्ना आपूर्ति के सापेक्ष किये गये भुगतान का लेखा जोखा जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री सुरेश राणा के मार्गदर्शन में गन्ना विकास विभाग द्वारा गन्ना किसानों के हितों को लेकर संवेदनशील होकर काम किया जा रहा है। सरकार के इन्हीं प्रयासों के फलस्वरूप पेराई सत्र 2018-19 के देय गन्ना मूल्य के सापेक्ष शत-प्रतिषत गन्ना मूल्य भुगतान प्रदेष के गन्ना किसानों को सुनिश्चित हुआ। इस संबंध में जानकारी देते हुए आयुक्त, गन्ना एवं चीनी उद्योग संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग कोरोना महामारी की इस देशव्यापी विभीषिका के दौरान भी गन्ना किसानों के आर्थिक हितों की रक्षा हेतु प्रतिबद्ध है।

प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2018-19 के देय गन्ना मूल्य रू. 33,048 करोड़ के सापेक्ष शत-प्रतिषत गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को कर दिया गया है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पूर्व के पेराई सत्रों के भुगतान सहित अब तक रू.1,03,719 करोड़ का भुगतान प्रदेष के गन्ना किसानों को कराया जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि लाॅकडाउन की अवधि के दौरान जब प्रदेश एवं देष के अधिकतर उद्योग बन्द रहे, तब केवल उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें अनवरत संचालित रहीं तथा चीनी की बिक्री नगण्य होने के बावजूद भी विभाग द्वारा चीनी मिल के सभी उत्पादों एवं उप उत्पादों के विक्रय मूल्य को गन्ना मूल्य भुगतान हेतु टैगिंग करने के कारण ही लगभग रू. 5,954 करोड़ का भुगतान लाॅकडाउन की अवधि में गन्ना किसानों को कराना सम्भव हो सका। इस भुगतान में एथनाॅल एवं सेनिटाइजर के विक्रय मूल्य को गन्ना मूल्य हेतु टैग करने का निर्णय महत्वपूर्ण रहा।

यह भी उल्लेखनीय है कि प्रदेश की चीनी मिलों द्वारा विगत 03 वर्षाें में रिकार्ड 3,262 लाख टन गन्ना पेराई एवं रिकार्ड 365 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है। वर्तमान पेराई सत्र 2019-20 के दौरान भी 1,118 लाख टन गन्ना पेराई एवं 126 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है, यह भी प्रदेष के इतिहास में एक रिकार्ड है।

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