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पालिका की किराया नीति से किरायेदार व्यापारी असहमत

नई किराया नियमावली को लेकर टैक्स समिति ने सुनी पालिका मार्किट के व्यापारियों की आपत्ति और सुझाव

पालिका की किराया नीति से किरायेदार व्यापारी असहमत
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की शहरी क्षेत्र में स्थित 17 मार्किट के 509 दुकानों के लिए किरायेदार व्यापारियों और 173 क्वार्टरों में निवास करने वाले किरायेदारों पर नया किराया और प्रीमियम निर्धारण करते हुए वर्षों से लंबित प्रकरणों का निस्तारण करने को लाई गई नियमावली को लागू कराने के लिए गठित टैक्स समिति ने आपत्तियों पर सुनवाई शुरू कर दी। पहली ही बैठक में व्यापारी पालिका के टैक्स विभाग के द्वारा नई नियमावली में लाये गये कई प्रस्तावों का विरोध करते हुए अपनी असहमति व्यक्त की गई। व्यापारियों की आपत्तियों और सुझावों पर सुनवाई के लिए समिति की ओर से अगली तारखी 19 फरवरी तय कर दी गई है।


बता दें कि नगरपालिका परिषद् की मार्किट के किरायेदार व्यापारियों के साथ ही क्वार्टरों में रह रहे परिवारों के किराया और नामांतरण सम्बंधी प्रकरण कई दशकों से लंबित चल रहे हैं। कुछ प्रकरणों में तो नगरपालिका को कोर्ट की कार्यवाही का भी सामना करना पड़ रहा है। पिछले बोर्ड में इसका हल तलाशने का प्रयास किया गया, लेकिन यह विरोध के कारण अधर में लटक गया। अब चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने पालिका की आय को बढ़ाने और व्यापारियों के हितों को देखते हुए इन प्रकरणों का निस्तारण करने के लिए नई नियमावली लाकर समाधान की पहल की है। पालिका की 01 अक्टूबर 2024 को सम्पन्न हुई बोर्ड बैठक में टैक्स विभाग की ओर से प्रस्ताव संख्या 402 के अन्तर्गत इस नियमावली को लागू करने की सहमति प्राप्त की गई। इस नई नियमावली में पालिका की संपत्तियों में अवैध किरायेदारों का विनियमितीकरण करने के लिए नामांतरण शुल्क के साथ किराये में 01 सितम्बर 1977 को जारी शासनादेश को आधार बनाते हुए 50 प्रतिशत की वृद्धि करने का प्रस्ताव है। इसके बाद इसका प्रचार प्रसार करते हुए आपत्ति मांगी गई। आपत्तियों का निस्तारण करने के लिए चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने समिति का गठन किया गया, जिसमें सभासद राजीव शर्मा, देवेश कौशिक और बबीता वर्मा के साथ ही कर निर्धारण अधिकारी दिनेश यादव को शामिल किया गया।


सोमवार को नई नियमावली पर गठित समिति ने पहली बैठक करते हुए आपत्तियों पर सुनवाई की और सुझाव भी मांगे। इस दौरान पालिका मार्किट के व्यापारियों ने पूरी एकजुटता दिखाई और इसमें शामिल कई प्रस्तावों का मुखर विरोध दर्ज कराया। बैठक के दौरान नामांतरण, शिकमी किरायेदारी, वारिसान प्रकरण एवं अन्य बिन्दुओं पर किराये में सर्किल रेट के अनुसार 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी के प्रस्ताव को व्यापारियों ने खारिज करते हुए मांग की है कि यह बढ़ोतरी 25 फीसदी की जानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने वारिसान वाले प्रकरणों में किराया वृद्धि का प्रस्ताव खारिज कर बिना वृद्धि के ही प्रकरणों का निपटारा करने, बघरा तांगा स्टैण्ड वाली मार्किट को बाजार में दर्ज न करते हुए मौहल्ला कुन्दनपुरा में दर्ज कर आवासीय सर्किल रेट मानने की अपनी मांग को रखा। कर निर्धारण अधिकारी दिनेश यादव ने बताया कि कमेटी ने शासनादेश की व्यवस्था के विपक्ष में व्यापारियों से तथ्यात्मक साक्ष्य और आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए कहा है। उन्होंने जो सुझाव और आपत्ति दर्ज कराई है, उस पर विचार करने के लिए कमेटी ने 19 फरवरी को फिर से सुनवाई आयोजित की है। इसके बाद 20 फरवरी को अंतिम सुनवाई होगी और कमेटी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगी। समिति की सुनवाई के दौरान आपत्ति और सुझाव दर्ज कराने वाले व्यापारियों में शिशुकांत गर्ग एडवोकेट, भानुप्रताप, प्रवीण जैन चीनू, किरण पाल, संदीप कुमार, प्रतीक, प्रदीप कुमार, पंकज वाधवा, दीपक कुमार, राम नारंग, संजय नारंग, मौहम्मद मजहर, वीरेन्द्र अरोरा, राजीव अरोरा, विजय तनेजा, जसप्रीत सिंह आदि शामिल रहे।

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