मुजफ्फरनगर के फुलत के मौलाना की धर्मपरिवर्तन मामले में गिरफ्तारी सेेेेेेेेेे हडकंप
मेरठ के लिसाड़ी गेट इलाके से एटीएस ने उन्हें हिरासत में लिया। पुलिस की टीम उन्हें लेकर मेरठ से लखनऊ के लिए रवाना हो गई। उन पर हवाला के जरिए धर्मपरिवर्तन के लिए पैसे उपलब्ध कराने का आरोप है।
लखनऊ। धर्मपरिवर्तन मामले में एटीएस द्वारा मुजफ्फरनगर के मौलाना कलीम सिद्दीकी फुलत वाले हिरासत में लिए गए हैं। मेरठ के लिसाड़ी गेट इलाके से एटीएस ने उन्हें हिरासत में लिया। पुलिस की टीम उन्हें लेकर मेरठ से लखनऊ के लिए रवाना हो गई। उन पर हवाला के जरिए धर्मपरिवर्तन के लिए पैसे उपलब्ध कराने का आरोप है। उनसे लखनऊ में पूछताछ की जाएगी। उमर गौतम सहित कई लोगों की पहले ही इस मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है।
मुजफ्फरनगर के खतौली क्षेत्र के फुलत निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी और तीन मौलाना व ड्राइवर सलीम को मंगलवार रात सुरक्षा एजेंसी ने उठा लिया था। मौलाना कलीम सिद्दकी मेरठ एक विवाह समारोह में गए थे। वहाँ से एटीएस ने गिरफ्तारी की। रात भर लखनऊ एटीएस ने इन चारों मौलानाओं से पूछताछ की। फुलत के मौलाना कलीम सिद्दीकी का नाम इस्लामिक विद्वानों में शुमार है। वह फुलत के मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया के निदेशक भी हैं। सात सितंबर को मुंबई में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के द्वारा आयोजित राष्ट्र प्रथम और राष्ट्र सर्वाेपरि कार्यक्रम में भी मौलाना कलीम शामिल हुए थे। एटीएस ने लखनऊ में मौलाना कलीम सिद्दीकी को लेकर प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। 64 साल के मौलाना कलीम सिद्दीकी मंगलवार शाम सात बजे साथी अन्य मौलानाओं के साथ मेरठ के लिसाड़ीगेट में हूमायुंनगर की मस्जिद माशाउल्लाह के इमाम शारिक के आवास पर एक कार्यक्रम में आए थे। रात नौ बजे इशा की नमाज के बाद वह अपने साथियों के साथ गाड़ी से वापस फुलत के लिए रवाना हो गए। इस दौरान परिजनों ने उन्हें कॉल की, लेकिन मोबाइल बंद मिला। परिजनों ने जानकारी मेरठ में इमाम शारिक को दी। परिजनों और परिचितों ने तलाश शुरू की, लेकिन जानकारी नहीं मिली। इसके बाद लोगों की भीड़ लिसाड़ीगेट थाने पर जुट गई। देर रात तक हंगामा चलता रहा। कुछ समय बाद जानकारी मिली कि मौलाना को एटीएस ने हिरासत में ले लिया है।
बताया गया है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी धर्मांतरण कराने के शक में एटीएस ने रास्ते से उठा लिया। संदिग्ध गतिविधि के चलते इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दीकी सुरक्षा एजेंसी के निशाने पर थे। मौलाना के मेरठ आने की जानकारी एजेंसी को पहले से थी। यही वजह है कि जांच एजेंसी ने वापसी के दौरान उन्हें पकड़ लिया।