MUZAFFARNAGAR-चकबंदी विभाग ने नापतौल में गायब कर दिया 40 साल पुराना मंदिर
खामपुर में होलिका दहन की कम भूमि देने और मंदिर की भूमि को अस्पताल में दर्शाये जाने पर रोष, ग्रामीणों ने डीएम से शिकायत कर जताई नाराजगी
मुजफ्फरनगर। चकबंदी प्रक्रिया के बाद होलिका दहन के लिए सरकारी स्तर पर छोड़ी गई भूमि कम बताते हुए ग्रामीणों ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कार्य बताकर गुरूवार को डीएम कार्यालय आकर प्रदर्शन किया और होलिका दहन के लिए डीएम उमेश मिश्रा से पर्याप्त भूमि दिलाये जाने की मांग की है। इसके साथ ही ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि चकबंदी के दौरान विभागीय अफसरों और कर्मचारियों ने बड़ी गंभीर लापरवाही बरतते हुए चार दशकों पुराना मंदिर ही साफ कर दिया है। मंदिर चकबंदी में हटाये जाने के कारण ग्रामीणों में रोष है और कार्यवाही की मांग की है।
तहसील सदर के छपार थाना क्षेत्र के गांव खामपुर निवासी ग्रामीण सुबह कलेक्ट्रेट पहंुचे और डीएम उमेश मिश्रा से मिलकर उन्होंने चकबंदी विभाग की शिकायत करते हुए एक प्रार्थना पत्र दिया। इसमें ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम खामपुर में पिछले दिनांे चकबंदी का कार्य पूर्ण किया गया, जिसमें होलिका दहन हेतु भूमि आवंटित की गई, लेकिन जो भूमि दी गई वो बेहद कम है और वहां पर होलिका दहन हो पाना मुश्किल है। जबकि इस भूमि से सम्पूर्ण ग्राम की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हुई है। बताया कि भूमि पट्टी रूप में दी गई है, जिसमें भूमि का रकबा खसरा नम्बर 631/5 के तहत लगभग 150 मीटर है, जो होली दहन हेतु पर्याप्त भूमि नहीं है। भूमि को चकोर एवं आयताकार रूप में करने और भूमि का रकबा बढ़ाया जाना अति आवश्यक है। ग्रामीणों ने कहा कि त्रुटि चकबन्दी विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्राम के दबंग व्यक्तियों के दबाव व मिलिभगत से की गई जिससे ग्राम में तनाव पूर्ण स्थिति बनी हुई है। बताया कि ग्राम खामपुर में लगभग 20 प्रतिशत हिन्दू आबादी है। उन्होंने प्रकरण को दृष्टिगत रखते हुए सम्पूर्ण जांच कराकर होली की भूमि का नक्शा दुरूस्त कराने हेतू भूमि प्रबन्धक समिति खामपुर को प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आदेशित करने की मांग की है।
इसके साथ ही खामपुर के ग्रामीणों ने डीएम उमेश मिश्रा से शिकायत करते हुए कहा कि चकबंदी के दौरान विभागीय अफसरों और कर्मचारियों ने गंभीर लापरवाही बरतते हुए गांव में स्थिता 40 साल पुराना मंदिर ही साफ कर दिया है। खसरा नम्बर 631 के अन्तर्गत मंदिर की भूमि को चकबंदी प्रक्रिया में अस्पताल की भूमि में दर्शा दिया गया है। ग्रामीणों ने कहा कि इस मंदिर से गांव की करीब 20 प्रतिशत हिन्दू आबादी की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हैं और इसकी भूमि को खत्म करने से आक्रोश है। ग्रामीणों ने डीएम से प्रकरण में जांच कराकर मंदिर का खाता संख्या एवं नक्शे में दर्ज कराते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। शिकायत करने वालों में सतपाल, श्रीचन्द, रवि कुमार, धर्मवीर सिंह, सुशील, योगेश, मिन्टू, आकाश, चमनलाल, हरफूल, सुरेन्द्र, मनोज आदि ग्रामीण शामिल रहे।