पालिका में बंद नहीं हो रहा ठेकेदारों का खेल, अब कांवड़ काम के टैंडर हुए फेल
ठेकेदारों ने बिना एफडीआर के डाल दिये कांवड़ कार्यों के टैंडर, निर्माण विभाग ने किये निरस्त, कार्यवाही से इंकार
मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में फर्जी एफडीआर प्रकरण में चल रही जांच और चार ठेकेदारों पर कार्यवाही के बावजूद भी ठेकेदारों का खेल बंद नहीं हो रहा है। अब अति महत्वपूर्ण कांवड़ यात्रा के दौरान होने वाले छह कार्यों के टैंडरों मे भी ठेकेदारों ने खेल करते हुए पालिका प्रशासन को परेशानी में डाल दिया है। इन कामों में ठेकेदारों ने बिना एफडीआर के ही टैंडर डाल दिए, जिस कारण टैंडर रेस्पोंसिव नहीं होने पर पालिका प्रशासन के द्वारा उनको निरस्त करते हुए रि-टैंडर कराने के लिए विवश होना पड़ा। इसमें जो कार्य अभी तक हो जाने चाहिए थे, उनमें और देरी होने की संभावना बढ़ गयी है। कहा जा रहा है कि ठेकेदारों ने ऐसा पालिका प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए किया है, ताकि कांवड़ यात्रा की आवश्यकता को देखते हुए काम में सेटिंग कराई जा सके।
नगरपालिका परिषद् के निर्माण विभाग में ठेकेदारों का खेल चल रहा है। पहले फर्जी एफडीआर लगाने के मामले में पोल खुली तो ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह के द्वारा जांच बैठानी पड़ी। बाद में 102 निर्माण कार्यों के टैंडरों में भी फर्जीवाडा किया गया। इसके लिए चार ठेकेदार फर्मों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए उनको आगामी टैंडरों में प्रतिभागिता से प्रतिबंधित कर दिया गया। लगातार जांच और कार्यवाही के बावजूद भी ठेकेदारों का खेल बंद नहीं हो रहा है। अब ताजा मामला कांवड़ यात्रा के दौरान पालिका द्वारा कराये जाने वाले छह कार्यों के टैंडर में सामने आया है। इन टैंडरों में कई ठेकेदारों की हरकत के कारण पालिका प्रशासन को परेशानी उठानी पड़ रही है। कांवड़ यात्रा शासन और प्रशासन की प्राथमिकता में है। इसके लिए 22 जुलाई से पहले ही तमाम व्यवस्था पूर्ण करने के लिए जिला प्रशासन ने सभी विभागों को निर्देश दिये हैं। पालिका प्रशासन के द्वारा छह कार्य कराये जाने के लिए टैंडर आमंत्रित किये थे। इनमें शिव चौक पर कांवड़ कंट्रोल रूम, खोया पाया केन्द्र की स्थापना, कांवड़ मार्ग पर डिवाइडर पर बेरिकेडिंग और पेंच वर्क के कार्य शामिल हैं। इनमें ठेकेदारों ने टैंडर तो डाले लेकिन अधिकांश में एफडीआर ही नहीं लगाई गई। इसी कारण कांवड़ यात्रा के तीन कार्यों के टैंडरों को निरस्त करना पड़ा।
पालिका के सहायक अभियंता निर्माण अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान पालिका स्तर से मुख्य रूप से बेरिकेडिंग, कंट्रोल रूम, खोया पाया केन्द्र और सड़कों पर पेंच वर्क का कार्य कराया जाना है, जिसके लिए छह अलग अलग कार्यों के लिए टैंडर आमंत्रित किये गये थे। इनको गत दिवस खोला गया तो इनमें से तीन कार्यों के लिए टैंडर रेस्पोंसिव नहीं होने के कारण उनको निरस्त किया गया है। एई श्री सिंह ने बताया कि इनमें सम्बंधित ठेकेदारों के द्वारा दस्तावेज पूरे नहंीं लगाये गये थे। एफडीआर भी नहीं थी। इसी कारणवश इनको निरस्त करते हुए तीनों कार्यों के लिए रि टैंडर कर दिये गये हैं। 18 जुलाई को इनको खोला जायेगा। उन्होंने कार्यवाही के नाम पर कहा कि टैंडर में एफडीआर या दूसरा कोई दस्तावेज नहीं लगाना विभागीय स्तर पर गलती की श्रेणी में नहीं आता है, यह मानवीय भूल मानी जाती है और इसके लिए किसी भी ठेकेदार को विभागीय स्तर पर दंडित नहीं किया जा सकता है।