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मनमर्जी व्यवस्था-नियम ताक पर रख दूसरे के नाम कर दी पालिका की भूमि

अग्निशमन विभाग ने रूकवाया पालिका के एमआरएफ सेंटर का निर्माण, तो खुली गड़बड़ी की पोल

मनमर्जी व्यवस्था-नियम ताक पर रख दूसरे के नाम कर दी पालिका की भूमि
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मुजफ्फरनगर। सीमा विस्तार में नगरपालिका परिषद् के हिस्से में आए वार्डों में सुविधा और विकास कराने के लिए तो पालिका पर दबाव पहले ही दिन से बनना शुरू हो गया था, लेकिन एसडीएम सदर की ओर से सीमा विस्तार में पालिका क्षेत्र में शामिल हुए 11 गांवों की सरकारी भूमि को पालिका को करीब दो साल बाद भी पूरी तरह से हस्तांतरित नहीं किया गया है, गजब यह है कि पालिका की एनओसी के बिना ही तहसील प्रशासन मनमाने ढंग से सीमा विस्तार में मिले गांवों की सरकारी भूमि को दूसरे विभागों को देकर बंदरबांट करने में लगा हुआ है। ऐसी ही सरकारी भूमि पर पालिका ने अपना एमआरएफ सेंटर बनाना प्रारम्भ किया तो उस भूमि पर अपना अधिकार बताते हुए अग्निशमन विभाग ने निर्माण कार्य रूकवा दिया। इसको लेकर पालिका ईओ ने एसडीएम सदर को पत्र लिखकर कड़ी नाराजगी जताते हुए खतौनी में पालिका की एनओसी और बोर्ड की अनुमति के बिना ही अग्निशमन केन्द्र के लिए भूमि दिये जानेकी कार्यवाही को निरस्त करने के लिए कहा है।

शासन द्वारा नगरपालिका परिषद् का सीमा विस्तार करते हुए कूकड़ा, सूजडू, वहलना, खांजापुर, अलमासपुर, मंधेडा, शहाबुदीनपुर, सरवट सहित 11 गांव को पालिका क्षेत्र में शामिल किया गया था। इसके लिए नगर विकास विभाग द्वारा 29 सितम्बर 2022 को अधिसूचना जारी कर दी थी। इसके बाद इन क्षेत्रों का समावेश करते हुए पालिका विकास कार्य करा रही है, लगातार इन गांवों की सरकारी भूमि को पालिका अपने अधिकार क्षेत्र में लेने के लिए एसडीएम सदर को पत्राचार करती रही है, लेकिन तहसील से कोई भी सकारात्मक सहयोग नहीं मिल पा रहा है। अब ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें पालिका की अनुमति और एनओसी लिये बिना ही पालिका क्षेत्र में शामिल हुए गांव बीबीपुर में सरकारी भूमि तहसील प्रशासन ने अग्निशमन केन्द्र के नाम करते हुए अग्निशमन विभाग को खतौनी में नाम दर्ज कर दे दी है। जबकि इस भूमि पर पालिका प्रशासन के द्वारा एमआरएफ सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है। निर्माण कार्य शुरू होने के बाद अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर काम रूकवा दिया है और खतौनी में उक्त भूमि अपने नाम दर्ज बताई है।

इसको लेकर ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने एसडीएम सदर को पत्र लिखकर कड़ी नाराजगी जताई है। ईओ ने अपने पत्र में कहा कि खसरा संख्या-101 मौजा ग्राम बीबीपुर की भूमि पर भू-राजस्व अभिलेख खतौनी में अग्निशमन केन्द्र का नाम दर्ज करा दिया गया है। ईओ ने कहा कि यह गांव और भूमि नगर विकास विभाग के द्वारा सीमा विस्तार के लिए 29.09.2022 को जारी अधिसूचना के तहत पालिका की सीमा में सम्मिलित हो चुका है। इस खसरा नं0 101 की भूमि पर पालिका प्रशासन द्वारा एमआरएफ सैन्टर का निर्माण प्रारम्भ किया गया था। कार्य स्थल पर अग्निशमन अधिकारी द्वारा उक्त भूमि पर अग्निशमन विभाग का नाम दर्ज करने सम्बन्धी खतौनी को प्रस्तुत कर पालिका द्वारा किये जा रहे निर्माण को रुकवाया गया है, जिससे शासन की महत्वपूर्ण योजना अधर में लटक गयी है। ईओ ने कहा कि यह ग्राम बीबीपुर सीमा विस्तार की अधिसूचना के अनुसार 29 सितम्बर 2022 को नगर पालिका सीमा में सम्मिलित हो चुका है, जबकि अग्निशमन विभाग का नाम राजस्व अभिलेख खतौनी में 28 अगस्त 2024 में दर्ज हुआ है। पालिका से इस सम्बन्ध में कोई लिखित सहमति या बोर्ड प्रस्ताव भी तहसील सदर के द्वारा प्राप्त नहीं किया गया है जबकि नगर पालिका परिषद की सीमा में सम्मिलित किसी भी सार्वजनिक भूमि को पालिका की एनओसी और बोर्ड स्वीकृति के बिना किसी को नहीं दिया जा सकता है। ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि एसडीएम सदर से उक्त भूमि के राजस्व अभिलेख खतौनी में दर्ज अग्निशमन विभाग का नाम निरस्त करने का अनुरोध किया गया है।

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