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MUZAFFARNAGAR--शीतलहर के प्रकोप में आंदोलन की गरमाहट

गन्ना मूल्य और बकाया भुगतान को लेकर भाकियू टिकैत ने ट्रैक्टर मार्च से घेरा कलेक्ट्रेट, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन, योगी सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप, कहा-अभी तक किसानों को नहीं मिली फ्री बिजली

MUZAFFARNAGAR--शीतलहर के प्रकोप में आंदोलन की गरमाहट
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मुजफ्फरनगर। कड़ाके की सर्दी के बीच किसानों की समस्याओं को लेकर किसान संगठनों के आंदोलन ने कलेक्ट्रेट के माहौल में गरमाहट पैदा कर रखी है। शुक्रवार को पूर्व घोषित कार्यक्रमानुसार भारतीय किसान यूनियन टिकैत के बैनर तले जिले के किसानों ने कलेक्ट्रेट तक ट्रैक्टर मार्च करते हुए घेराव किया। किसान नारेबाजी करते हुए जुलूस के रूप में डीएम दफ्तर पहुंचे और वहां प्रदेश सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गये। बाद में किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन एडीएम प्रशासन को सौंपा और इस बार 500 रुपये प्रति कुंतल का गन्ना भाव घोषित करने की मांग की।

भाकियू टिकैत के केन्द्रीय नेतृत्व के आह्नान पर गन्ना मूल्य, गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान, आवारा पशु और किसानों के हितों को लेकर समस्याओं के समाधान की मांग करते हुए प्रदेशव्यापी आंदोलन की कड़ी में शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया। भाकियू के जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा के नेतृत्व में सवेरे यूनियन के पदाधिकारी किसानों के जत्थे के साथ महावीर चैक स्थित यूनियन कार्यालय पर एकत्र हुए और यहां से लम्बे जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे। किसानों ने डीएम कार्यालय तक ट्रैक्टर मार्च करते हुए घेराव किया। कलेक्ट्रेट में ट्रैक्टर ही ट्रैक्टर नजर आ रहे थे। वहीं किसानों ने डीएम कार्यालय परिसर में धरना शुरू कर दिया।


यहां पर भाकियू जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार किसानों के हितों को लेकर चिंतित नजर ही नहीं आती है। पेराई सत्र के बावजूद भी सरकार न तो बकाया ही दिला पा रही है और न ही नया गन्ना मूल्य घोषित किया जा रहा है। इससे किसान आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान है। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति को हमेशा मजबूत करने और खाद्यान्न की स्थिति को सुधारने व सुचारू रूप से चलन में रखने के लिए सबसे मजबूत अगर कोई आधार है तो वह कृषि है। भारत को कृषि प्रधान देश भी कहा जाता है, लेकिन वर्तमान स्थित और आने वाला भविष्य भारत के किसानों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। विगत 36 वर्षों से भारतीय किसान यूनियन इस भारतीय स्तम्भ और वर्तमान व भविष्य में सरकार की विसंगत नीतियों का दंश झेल रहे किसानों की आवाज को समय समय पर धरना प्रदर्शन व आन्दोलन के माध्यम से सरकार के दरवाजे तक दस्तक देने का काम कर रहा है। किसान परिवारों पर आर्थिक संकट की स्थिति में पालन पोषण करना मील का पत्थर साबित हो रहा है। फसलों के भाव न मिलना बच्चों की शिक्षा पर भारी प्रभाव डाल रहे हैं। प्रदर्शन के दौराना केन्द्र और यूपी सरकारों पर किसानों का शोषण करने के आरोप लगाते हुए नाराजगी प्रकट की गयी।


प्रदर्शन के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक ज्ञापन एडीएम प्रशासन नरेन्द्र बहादुर सिंह को सौंपा गया। इसमें कहा गया कि प्रदेश सरकार ने किसानों से सिंचाई की मुफ्त बिजली का वायदा किया, जिसकी घोषणा बजट पेश करते हुए भी की गयी लेकिन अभी तक किसानों को सिंचाई की मुफ्त बिजली उपलब्ध नहीं करायी गयी। प्रदेश सरकार निजी नलकूपों से मीटर लगवाने की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोके और पूर्व में निजी नलकूप का कनेक्शन लेने पर 300 मीटर विद्युत लाईन विभाग की ओर से किसान को मिलती थी, इसे दोबारा से लागू किया जाए। किसान नेताओं ने कहा कि गन्ने के पेराई सत्र को शुरू हुए 2 माह से भी अधिक का समय हो गया है, लेकिन गन्ने का भाव घोषित नहीं किया गया। जबकि पिछले चार वर्षों में मात्र 25 रुपये प्रति कुंतल बढ़ाकर किसानों को और गरीब बनाने का काम किया गया।


गन्ने की खेती पर बढ़ते हुए खर्च को देखते हुए प्रदेश सरकार 500 रूपये प्रति कुन्तल गन्ने का भाव घोषित करें। गन्ने के भुगतान को डिजीटल प्रणाली भुगतान से आने वाले पेराई सत्र 2023-24 में जोड़ा जाए। कई चीनी मिलों पर आज भी करोड़ों रूपये का गन्ना भुगतान बाकी है जिसे लेकर किसान मिल परिसर में लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का बकाया भुगतान जल्द से जल्द कराया जाए। किसानों के सामने छुट्टा पशुओं को लेकर है। सरकारी परती की जमीनों पर पशुशाला बनाकर समाधान कर ाया जाये। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार किसानों की भूमि को पंूजीवादियों की मिलकियत बनाने की नीति पर काम कर रही है। इसके खिलाफ देशभर में माहौल बन रहा है। उन्होंने बीज का अधिकार भी बड़ी कंपनियों को देने का विरोध करते हुए सभी प्रकार की सब्सिडी सीधे किसानों के खातों में पहुंचाने की व्यवस्था करने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान मुख्य रूप से राष्ट्रीय सचिव ओमपाल मलिक, प्रदेश महासचिव चेयरमैन जहीर फारूकी, मंडल अध्यक्ष युवा विकास शर्मा, जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा, मंडल अध्यक्ष धीरज लाटियान, मंडल महासचिव नवीन राठी, श्यामपाल सिंह चेयरमैन, सरदार अमीर सिंह, प्रताप सिंह, राहुल अहलावत, गुलबहार राव, ब्लाॅक अध्यक्ष विकास चैधरी, सतेन्द्र चैहान, मोनू प्रधान, जोगेन्द्र सिंह, सतेन्द्र सिंह, अहसान त्यागी सहित सैंकड़ों किसान मौजूद रहे।

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