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भाकियू कार्यालय पर पक्के निर्माण को लेकर बखेड़ा

बुढ़ाना के पूर्व प्रमुख विनोद मलिक ने अपनी भूमि पर कराई दीवार, पुलिस ने पहुंचकर रुकवाया निर्माण, भाकियू अध्यक्ष का दावा हमारे पास है भूमि का बैनामा, 83 गज पर है विवाद, कोर्ट के आदेश पर पुलिस वापस लौटी

भाकियू कार्यालय पर पक्के निर्माण को लेकर बखेड़ा
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मुजफ्फरनगर। बुढ़ाना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख विनोद मलिक के द्वारा भारतीय किसान यूनियन के कार्यालय के समीप चौ. महेन्द्र सिंह टिकैत किसान ट्रस्ट एवं अपने आवास के लिए पक्का निर्माण शुरू कराया गया तो बखेड़ा खड़ा हो गया। विवादित भूमि पर निर्माण कर कब्जा करने की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने वीडियोग्राफी कराते हुए निर्माण कार्य को रुकवा दिया, जिसको लेकर भाकियू नेताओं ने पुलिस की कार्यवाही का विरोध करते हुए हंगामा किया। उनका दावा था कि उनके पास भूमि का बैनामा है, जिसका कुछ हिस्सा किसान ट्रस्ट को भी दिया गया है। इसी पर निर्माण किया गया है। जबकि पुलिस ने मामला कोर्ट में विचाराधीन होने की बात कहते हुए निर्माण कार्य रुकवाया और फिर लौट गई।


बता दें कि महावीर चौक स्थित भारतीय किसान यूनियन के कार्यालय की भूमि पर जिले के एक उद्योग घराने ने अपना मालिकाना हक जताया हुआ है। इसी को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। यहां पर किसी भी प्रकार के निर्माण के लिए पूर्व में कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके बावजूद भी आये दिन इस भूमि पर निर्माण कार्य के लिए बखेड़ा खड़ा होता रहा है। सोमवार की सुबह भी ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला। भाकियू कार्यालय के पास खाली पड़ी भूमि पर कई दिनों से निर्माण कार्य किया जा रहा था। इस पर लम्बी और ऊंची दिवार कराकर दो गेट भी लगा दिये गये। इस पर चौ. महेन्द्र सिंह टिकैत किसान ट्रस्ट और दूसरे पर निवास स्थान विनोद मलिक पूर्व ब्लॉक प्रमुख लिखा हुआ है।

इस निर्माण की सूचना मिलने पर सिविल लाइन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर ओमप्रकाश सिंह मय फोर्स मौके पर पहुंचे तो मिस्त्री और मजदूर चिनाई का कार्य तेजी से कर रहे थे। दीवार को सफेद कली से पुतवाया भी जा चुका था। एसएचओ ने कोर्ट में मामला होने के कारण निर्माण कार्य को रुकवाने का प्रयास किया ता वहां पर बखेड़ा हो गया। भाकियू जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा और पूर्व ब्लॉक प्रमुखा विनोद मलिक भी मौके पर सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ आ गये। भाकियू नेताओं की एसएचओ ओमप्रकाश सिंह के साथ काफी देर तक तीखी नोकझौंक भी हुई। एसएचओ ने खुद मौके पर खड़े रहकर अपने मोबाइल फोन से दिवार निर्माण की वीडियो भी बनाई और फोटो भी खींच लिये। उन्होंने निर्माण कार्य रोकने के आदेश दिये। इसको लेकर घंटों हंगामा चलता रहा। एसएचओ ने बताया कि कोर्ट ने इस भूमि पर निर्माण रुकवाने और कार्यवाही करने के लिए अमीन को सीधे निर्देश दिये हैं, अमीन ही इसमें कार्यवाही करेंगे। फिलहाल विनोद मलिक पक्ष ने भी कोर्ट में जवाब दाखिल करने की बात कही है। मौके की भूमि को कोई नक्शा कोर्ट में दाखिल नहीं है। कानून व्यवस्था को देखते हुए मौके पर निर्माण रुकवाया गया है।


वहीं भाकियू जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने बताया कि भाकियू कार्यालय के पास 385 वर्गगज भूमि पर मालिकाना हक विनोद मलिक और चौ. महेन्द्र सिंह टिकैत किसान ट्रस्ट का है। इसमें से 83 वर्ग गज भूमि को लेकर ही कोर्ट में विवाद है। 156 वर्गगज भूमि विनोद मलिक ने किसान ट्रस्ट को दान कर रखी है। पूरी भूमि का बैनामा ट्रस्ट और विनोद मलिक के हक में उनके पास है। ऐसे में बिना जरूरत ही विवाद खड़ा किया जा रहा है। नक्शा लेकर विवादित भूमि का चिन्हिकरण करते हुए हम न्यायालय के आदेश का पालन करने को तैयार हैं। अवैध कब्जा करने के आरोप बेबुनियाद हैं। कोर्ट में जवाब दाखिल करने की तैयारी की जा रही है। अपनी भूमि पर निर्माण कराया जाना किसी भी कानून में गलत नहीं है।

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