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पालिका में खींचतान शुरू, दो धड़ों में बंटे कर्मचारियों ने मीटिंग कर खोला मोर्चा

सभासद की शिकायत पर ईओ पालिका डॉ. प्रज्ञा सिंह के द्वारा कई जांच कराई जा रही है।

पालिका में खींचतान शुरू, दो धड़ों में बंटे कर्मचारियों ने मीटिंग कर खोला मोर्चा
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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में 20 जुलाई की बोर्ड मीटिंग में सभासदा दो धड़ों में बंटकर एक दूसरे के आमने सामने खड़े दिखाई दिये थे, तो अब पालिका के कर्मचारियों में भी कुछ ऐसी ही स्थिति नजर आ रही है। दो धड़ों में बंटे कर्मचारियों ने अब पालिका में अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज को लेकर हो रही शिकायतों के खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू करते हुए आरपार की लड़ाई का मन बना लिया है। पालिका के निर्माण विभाग में एफडीआर प्रकरण हो या फिर गलत ढंग से पदोन्नति पाने और सेवा पुस्तिका कार्यालयों से गायब होने का मामला, इनमें शिकायत करने वाले सभासद के खिलाफ कर्मियों ने मोर्चाबंदी की तो कुछ कर्मचारियों ने इस मीटिंग से खुद को अलग रखा। आरोप लगाया कि झूठी शिकायत कर सभासद पालिका अफसरों पर अनैतिक दबाव बनाकर शोषण कर रहे हैं। ऐसे में पालिका चेयरपर्सन और ईओ के नाम ज्ञापन देकर नियमानुसार शिकायत लेने और किसी भी कर्मचारी का वेतन नहीं रोकने की मांग की गई है। वेतन रोकने पर कर्मियों ने हड़ताल की धमकी भी दी है।

नगरपालिका के वार्ड संख्या 23 के सभासद भाजपा नेता राजीव शर्मा के द्वारा निर्माण विभाग में फर्जी एफडीआर प्रकारण को उठाया, इसके साथ ही उनके द्वारा निर्माण विभाग के लिपिकों के द्वारा मिलीभगत कर भ्रष्टाचार करने के आरोप भी लगाये गये हैं, वहीं सेवा पुस्तिका गायब रहने पर भी वेतन पाने वाले कर्मचारियेां के वेतन पर रोक लगाने, फर्जी नियुक्ति किये जाने और गलत ढंग से पदोन्नति पाने की शिकायत करते हुए जांच की मांग की गई है। सभासद की शिकायत पर ईओ पालिका डॉ. प्रज्ञा सिंह के द्वारा कई जांच कराई जा रही है।

ऐसे में अब कर्मचारियों ने सभासद राजीव शर्मा के साथ ही अन्य शिकायतकर्ताओं के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। बुधवार को दोपहर बाद स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन की एक आकस्मिक बैठक पालिका सभाकक्ष में हुई। इसकी अध्यक्षता संगठन के शाखा अध्यक्ष ब्रजमोहन ने की। मीटिंग में प्रांतीय उपाध्यक्ष और निर्माण विभाग में लिपिक ओमवीर सिंह ने पालिका में हो रही शिकायतों को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई। उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा सभासद राजीव शर्मा द्वारा की गयी शिकायतों को लेकर उन्हें निशाने पर रखते हुए पालिका के अफसरों को भी नसीहत देने में गुरेज नहीं किया।


उनका कहना था कि ईओ द्वारा किसी भी फर्जी और झूठी शिकायत के आधार पर जांच बैठाई जा रही है, जबकि शासन का नियम है कि बिना शपथ पत्र के कोई भी शिकायत सुनवाई योग्य नहीं मानी जायेगी। शिकायतकर्ता को अपने आरोपों की पुष्टि के लिए साक्ष्य भी देने होंगे, लेकिन पालिका में गजब खेल चल रहा है कोई भी चिट्ठी फर्जी आरोपों की आते ही जांच शुरू करा दी जाती है। ओमवीर सिंह ने कहा कि 10 माह से लगातार मेरी व्यक्तिगत रूप से शिकायतें की जा रही हैं, जिसमें मेरे द्वारा समस्त जांच का सामना किया जा रहा है, परन्तु वर्तमान में राजीव शर्मा द्वारा अब पालिका के समस्त कर्मचारियों के खिलाफ अवैध नियुक्ति एवं बिना डीपीसी अथवा योग्यता के आधार पर पदौन्नति अथवा वेतन प्राप्त किये जाने सम्बन्धी भ्रामक सूचना/तथ्यों के आधार पर शिकायत प्रस्तुत की जा रही हैं, इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संगठन के जिलाध्यक्ष मौहम्मद सालिम ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है, कर्मचारी अपनी बात ज्ञापन के माध्यम से चेयरपर्सन और ईओ के सामने रखेंगे और बिना शपथ पत्र के किसी भी शिकायत को सुनवाई योग्य नहीं समझने की व्यवस्था लागू कराने के साथ वेतन पर कोई रोक नहीं लगाने की मांग की जायेगी। ऐसा नहीं हुआ तो हड़ताल का निर्णय लिया जायेगा।

बैठक में संगठन के शाखा महामंत्री विकास शर्मा, सुनील वर्मा, प्रवीण कुमार, फिरोज खाँ, मैनपाल सिंह, राजीव वर्मा, विकास कुमार, गोपी चंद वर्मा, मनोज बालियान, संदीप यादव, मोहन कुमार, विजय जैन, शुभम सिंघल, नितिन कुमार, विवेक बिडला, गगन महेन्द्रा, निपुण कन्नौजिया, अशोक ढींगरा, कैलाश नारायण, अमित गोस्वामी, सतेन्द्र कुमार, मनीष कुमार, संजीव सिंघल, नदीम खाँ, वसीम अहमद, इकबाल आदि कर्मचारी उपस्थित रहे।

बैठक में भले ही कर्मचारियों के एकजुट होने का दावा किया गया, लेकिन इस लड़ाई में कर्मचारी भी भाजपा सभासदों की तरह ही दो फाड़ में बंटे नजर आ रहे हैं। बैठक में काफी कर्मचारी नदारद रहे। दावा किया गया है कि कुछ कर्मचारी केवल एक सभासद के खिलाफ सोची समझी रणनीति के तहत बैठक करने से खुद को पीछे रखने के लिए ही इसमें शामिल नहीं रहे। 20 जुलाई को बोर्ड बैठक में भाजपा के सभासद ही भाजपा सभासदों के खिलाफ सामने डटे नजर आये थे। योगेश मित्तल ने मनोज वर्मा के वार्ड में 15 लाख रुपये की फैंसी लाइट दिये जाने का चेयरपर्सन से विरोध जता दिया था। अब इस नई खींचतान ने पालिका में हलचल पैदा कर दी है।

लिपिक और अधिकारी मिलीभगत से कर रहे पालिका को बदनामः राजीव शर्मा

मुजफ्फरनगर नगरपालिका के कर्मचारियों के मोर्चा खोलने पर सभासद राजीव शर्मा ने कहा कि वो इससे भयभीत होने वाले नहीं है, क्योंकि निर्माण विभाग के लिपिक कुछ अधिकारियों के साथ मिलीभगत करते हुए चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप को फंसाने की साजिश रच रहे हैं। उनकी यह साजिश सफल नहीं होने दी जायेगी। फर्जी एफडीआर में लिपिकों का हाथ है, बॉडी वॉर्न कैमरे गायब कर सम्पत्ति की बंदरबांट की गई। हमें शासन तक ही क्यों न जाना पड़े। जिसने गलत किया है, उसके खिलाफ कार्यवाही कराई जायेगी। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी जी की तरह ही भाजपा की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने पालिका को भ्रष्टाचार मुक्त करने की मुहिम चलाई है, इसके विपरीत कुछ कर्मचारी और अधिकारी साजिश रचने पर उतर आये हैं। वो कहते हैं कि यदि उनकी शिकायत झूठी है तो जांच होने पर कर्मचारी तिलमिला क्यों रहे हैं, क्योंकि इनमें से कुछ कर्मचारियों ने अवैध तरीके से नियुक्ति पाई और फिर बिना नियमों का पालन किये पदोन्नति भी पा ली है। सेवा पुस्तिका कार्यालयों से गायब कर दी गई, जो गंभीर अनियमितता है। सेवा पुस्तिका के बिना ही कर्मचारियों को वेतन जारी किया जा रहा है, जबकि यह शासनादेश के खिलाफ है। हम इस मामले में नगर विकास मंत्री और प्रमुख सचिव नगर विकास से भी मिलेंगे। यदि दोषी कर्मियों को हड़ताल के दबाव में बचाने का प्रयास किया गया तो कानूनी लड़ाई भी लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे, लेकिन यह साफ है कि हम किसी भी सूरत में भाजपा की चेयरपर्सन को फंसाने की हो रही साजिश को सफल नहीं होने देंगे। इसके लिए हम किसी भी स्थिति से लड़ने को तैयार हैं। जनता हमारे साथ है। पालिका में लिपिकों की मोनोपॉली पर भ्रष्टाचार नहीं पनपने दिया जायेगा। पूरा बोर्ड चेयरपर्सन की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस नीति के साथ है।

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