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MUZAFFARNAGAR-फर्जी मुठभेड़ पर ग्रामीणों ने बुढ़ाना कोतवाली घेरी, जमकर किया हंगामा

सांसद हरेन्द्र मलिक भी धरने पर पहुंचे, रालोद और भाकियू नेताओं ने लगाया फर्जी एनकाउंटर का आरोप, इंस्पेक्टर के खिलाफ दिखा आक्रोश, तीन दिन पहले ग्रामीणों ने पकड़कर दिए थे पुलिस को बदमाश, गुरूवार सुबह जंगल में ले जाकर मार दी पैर में गोली

MUZAFFARNAGAR-फर्जी मुठभेड़ पर ग्रामीणों ने बुढ़ाना कोतवाली घेरी, जमकर किया हंगामा
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मुजफ्फरनगर। बुढ़ाना पुलिस द्वारा गुरुवार सवेरे की गई मुठभेड़ के बाद बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया। ग्रामीणों ने राष्ट्रीय लोकदल एवं भारतीय किसान यूनियन के नेताओं के साथ बुढ़ाना कोतवाली का घेराव कर हंगामा शुरू कर दिया। नेताओं का कहना था कि ग्रामीणों ने तीन दिन पहले ही इन बदमाशों को खुद पकड़कर पुलिस को सौंपा था, लेकिन पुलिस ने गुरूवार को सुबह जंगल में इन बदमाशों से मुठभेड़ दिखाते हुए उनके पैर में गोली मारकर उनको घायल कर दिया। पुलिस की इस फर्जी मुठभेड़ को लेकर ग्रामीणों ने इंस्पेक्टर बुढ़ाना के खिलाफ भारी आक्रोश जाहिर करते हुए उच्च स्तरीय जांच कराये जाने की मांग की है। वहीं ग्रामीणों के हंगामे के बीच सांसद हरेन्द्र मलिक भी बुढ़ाना कोतवाली पहुंच गये थे। उन्होंने कहा कि पुलिस का हर एनकाउंटर फर्जी है। पुलिस घरों से उठाकर लोगों को जंगलो में ले जाने के बाद पैरों में गोली मार रही है। हम अपराधियों के पक्ष में नहीं है, लेकिन फर्जी एनकाउंटर नहीं करने दिये जायेंगे। पुलिस को ग्रामीणों को जवाब देना होगा कि जो सही सलामत बदमाश सौंपे गये थे, वो जंगल में कैसे पहुंचे और उनको गोली क्यों मारी गई।

बुढ़ाना पुलिस द्वारा गुरूवार को लूट की वारदात में शामिल बताये गये बदमाशों के साथ मुठभेड़ दर्शाते हुए बदमाशों को आत्मरक्षा में की गई फायरिंग में गोली लगना बताया गया। पुलिस अभी अपने इस तथाकथित गुडवर्क का मजा भी नहीं ले पाई थी कि ग्रामीणों ने पुलिस की इस मुठभेड़ की कहानी को फर्जी बताते हुए बुढ़ाना कोतवाली का घेराव कर दिया। सैंकड़ों ग्रामीणों के साथ रालोद और भाकियू के नेता और कार्यकर्ता भी कोतवाली पहुंच गये थे। ग्रामीणों ने पुलिस की कार्यवाही को संदेह के घेेरे में लाकर खड़ा कर दिया और बुढ़ाना पुलिस की इस मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुएकोतवाली में जमकर हंगामा किया। ग्रामीणों कोतवाली परिसर में धरना शुरू कर दिया।

इसी बीच सांसद हरेन्द्र मलिक भी ग्रामीणों के बीच पहुंचे और धरने में शामिल हो गये। रालोद और भाकियू नेताओं ने धरने के दौरान आरोप लगाया कि अलीपुर अटेरना के ग्राम प्रधान कलवा व पूर्व प्रधान विकास त्यागी ने तीन दिन पूर्व लूट की वारदात के दो आरोपियों को स्वयं पकड़कर बुढ़ाना पुलिस को सौंपा गया था। आरोप है कि पुलिस द्वारा गुरुवार सुबह फर्जी मुठभेड़ में दोनों आरोपियों के पैर में गोली मारकर घायल कर दिया गया। बुढ़ाना पुलिस ने इन दोनों आरोपियों से मुठभेड़ दिखाई और जंगल में जवाबी कार्यवाही में उनके पैर में गोली लगना बताया गया। ग्रामीणों ने पुलिस की इस पूरी कहानी को फर्जी बताते हुए इसमें शामिल इंस्पेक्टर बुढ़ाना आनंद देव मिश्रा और अन्य पुलिस कर्मियों के विरु( मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है। धरने पर पूर्व प्रमुख विनोद मलिक, भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष अनुज बालियान, तहसील अध्यक्ष संजीव पंवार, ब्लॉक अध्यक्ष सुधीर प्रधान, रालोद नेता सुरेंद्र सहरावत, गज्जू पठान, सत्यपाल सहरावत सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

अपराधियों का दमन सभ्य समाज के लिए जरुरी हैः अशोक बालियान

मुजफ्फरनगर। पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन अशोक बालियान ने गुरूवार को प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि हमें सोशल मीडिया से जानकारी मिली है कि बुढ़ाना पुलिस ने लूट की दो घटनाओं में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया है। इस घटना के बाद बुढ़ाना कोतवाली में कुछ संगठन के नेता व कुछ राजनैतिक दल के नेता लूट के आरोपियों के पक्ष में धरना दे रहे हैं।


उन्होंने कहा कि अमेरिका के क्रिमिनोलॉजिस्ट रिचर्ड क्विनी ने अपराध पर एक दृष्टिकोण विकसित किया था। इनके अनुसार अपराधियों का दमन सभ्य समाज के लिए जरुरी है। उन्होंने कहा है कि सभ्य समाज के लिए यह बात कोई मायने नहीं रखती कि पुलिस ने अपराधियों का दमन कैसे किया है, उसे तो केवल अपराध मुक्त वातावरण चाहिए। भारत में अपराधियों को नेताओं का संरक्ष्ण भी मिलता रहता है, इसीलिए पुलिस को उनका दमन करने में कठिनाई आती है। हमारा मानना है कि अपराधियों का साथ नहीं देना चाहिए, इससे समाज में ग़लत संदेश जाता है और पुलिस का मनोबल गिरता है।

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