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योगी सरकार की योजनाओं से संवर रहा बचपन

स्पान्सरशिप योजना के तहत एक करोड़ सात लाख रुपए राज्य सरकार के द्वारा बच्चों के खातों में पहुंचाया। इस साल प्रदेश के 3000 बच्चों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। स्पान्सरशिप योजना से मिशन शक्ति को भी बढ़ावा मिल रहा है। दो हजार रुपए की मदद से शिक्षा की राह पर बढ़ रहे प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों के बच्चों के कदम।

योगी सरकार की योजनाओं से संवर रहा बचपन
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मुजफ्फरनगर। यूपी में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों के बच्चों के सम्मान, स्वावलंबन और सुरक्षा देने के लिए शुरू की गई स्पान्सरशिप योजना से यूपी के हजारों बच्चों को सीधा लाभ मिल रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस योजना के तहत गरीब तबकों के एकल, दिव्यांग अभिभावकों और अनाथ बेसहारा बच्चों को प्रतिमाह दो हजार रुपए देने का प्रावधान है। महिला एवं बाल विभाग के डिप्टी डायरेक्टर बृजेन्द्र सिंह निरंजन ने बताया कि साल 2020-2021 में प्रदेश में इस योजना के तहत एक करोड़ सात लाख रुपए पात्र लाभर्थियों के खातों में पहुंचाए जा चुके हैं।

विभाग की ओर से साल 2021-2022 में प्रदेश के 3000 बच्चों को इस योजना से जोड़ लाभ दिलाने का लक्ष्य तय किया गया। महिला कल्याण विभाग की ओर से अब तक इस योजना के तहत प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में 1026 बच्चों को इस योजना से लाभ दिलाया जा चुका है। बता दें कि जिला स्तर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी डीपीओ, डीसीपीयू और बाल कल्याण समिति ग्राम पंचायत, ब्लाॅक स्तर से आने वाले आवेदनों को स्वीकृत कर छह माह के भीतर बच्चों तक राशि पहुंचा रही है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्कूल चलो अभियान योजना को भी स्पान्सरशिप योजना से बढ़ावा मिल रहा है। पढ़े बच्चे बढ़े बच्चे के मंत्र को जमीनी स्तर पर साकार करते हुए इस योजना का लाभ 18 साल की उम्र तक के बच्चों को मिलेगा। इस योजना से एक ओर प्रदेश में बाल मजदूरी, बाल अपराधों के मामलों में गिरावट आ रही है वहीं दूसरी ओर दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए पलायन करने वाले परिवारों की संख्या में भी गिरावट आएगी।

स्पान्सरशिप योजना को मिशन शक्ति से जोड़ते हुए डीपीओ सुधाकर शरण पांडे ने बताया कि योगी सरकार के मिशन शक्ति अभियान व स्पांन्सरशिप योजना को बढ़ावा देने के लिए हम लोगों द्वारा सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को शहर के चैराहों, ब्लाक को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। जिसके तहत चाइल्ड लाइन, बाल कल्याण समिति समेत 50 एनजीओ ने राजधानी के 31 चैराहों को गोद लिया। गोद लेने की प्रक्रिया के शुरू होने से संस्थानओं द्वारा चिन्हित बच्चों को योजना का लाभ सीधे तौर पर मिल रहा है।

महिला कल्याण विभाग की ओर से स्पान्सरशिप योजना के तहत लाभार्थियों की आय सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। जिसके तहत इस योजना का लाभ तीन लाख प्रतिवर्ष कमाने वाले पात्र लोगों के बच्चों को मिल सके इसके लिए विभाग की ओर से एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। इस योजना का लाभ ज्यातदा से ज्याजदा गरीब परिवारों के बच्चों को मिल सके ये हमारा लक्ष्य है। स्पान्सरशिप योजना से गरीब परिवार के बच्चों के कदम शिक्षा के पथ पर बढ़ेंगें। इस योजना से मिशन शक्ति को एक ओर बढ़ावा मिलेगा वहीं ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के गरीब परिवारों की बेटियों को आर्थिक मदद मिलने से वो सुरक्षा, स्वाकवलंबन और सम्मान के साथ जीवनयापन कर सकेंगी'

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