नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सौ साल पूरे होने पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में सरसंघचालक मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने साफ किया कि वह 75 वर्ष की आयु में न तो खुद रिटायर होंगे और न ही संगठन में किसी को रिटायर होने के लिए कहेंगे।
कार्यक्रम के दौरान जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया, तो उन्होंने कि दरअसल उन्होंने अपने बयान में मोरोपंत पिंगले का ज़िक्र किया था। पिंगले जी बेहद हंसमुख और मजाकिया स्वभाव के थे। उन्होंने एक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि 70 साल की उम्र में पिंगले जी को एक ऑल इंडिया कार्यकर्ता सम्मेलन में संघ के सरकार्यवाह एच.वी. शेषाद्रि ने सम्मानित करते हुए शॉल भेंट किया और मंच से कुछ कहने का आग्रह किया। उस समय उनका मजाकिया अंदाज सबके चेहरे पर मुस्कान ले आया।