मुजफ्फरनगर। गोपनीय सूचना के आधार पर राज्य कर विभाग की टीम ने 26 अगस्त को बुढ़ाना स्थित करनाल रोड पर संचालित एक रिसाइक्लिंग फर्म पर छापामार कार्रवाई की। जांच के दौरान फर्म के भौतिक सत्यापन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएँ पाई गईं। टीम ने कार्रवाई करते हुए 50.87 लाख जमा कराए।
संयुक्त आयुक्त (वि.अनुशा.) राज्य कर, मुजफ्फरनगर सिद्धेश चन्द्र दीक्षित ने बताया कि जांच के दौरान माल घोषणा की तुलना में कुल रु0 4,22,267 का स्टॉक कम पाया गया। साथ ही बिना वास्तविक माल परिवहन के केवल प्रपत्रों के आधार पर पॉसआन (पास-ऑन) की गई आईटीसी की गहन जांच की गई। इस जांच में फर्जी आईटीसी (RITC) का मामला सामने आया, जिसके चलते विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कुल रु0 50.87 लाख की धनराशि राजकीय कोषागार में DRC-03 के माध्यम से जमा कराई। इस कार्रवाई से स्पष्ट हुआ कि फर्म लंबे समय से फर्जीवाड़े के जरिए सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रही थी। विभागीय सूत्रों के अनुसार, जांच की यह कार्रवाई राज्य कर विभाग की राजस्व संरक्षण की रणनीति का हिस्सा है, ताकि फर्जी बिलिंग और कर चोरी जैसी गतिविधियों पर सख्ती से अंकुश लगाया जा सके।राज्य कर विभाग की इस त्वरित कार्रवाई ने न केवल फर्जी बिलिंग करने वाली फर्मों में खलबली मचा दी है अधिकारियों का कहना है कर चोरी किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भविष्य में भी इस प्रकार की गहन जांचें जारी रहेंगी। उक्त जांच संयुक्त आयुक्त (वि.अनुशा.) राज्य कर, मुजफ्फरनगर सिद्धेश चन्द्र दीक्षित के निर्देशन में की गई। कार्रवाई का नेतृत्व उपायुक्त (वि.अनु.शा.) राज्य कर मुजफ्फरनगर मनोज कुमार शुक्ल ने किया। इस दौरान जांच टीम में सहायक आयुक्त (वि.अनु.शा.) राज्य कर, मुजफ्फरनगर वाई.पी. सिंह, राज्य कर अधिकारी राजेन्द्र शर्मा एवं संतोष कुमार वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहें।