आरटीआई कार्यकर्ता सुमित मलिक की शिकायत के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने की कार्यवाही
मुजफ्फरनगर। जनपद में वायु और जल प्रदूषण को लेकर अक्सर ही फैक्ट्रियों को लेकर लोग आवाज उठाते रहते हैं, लेकिन आरटीआई कार्यकर्ता सुमित मलिक ने किसान दिवस के मौके पर डीएम के समक्ष इस समस्या को उठाया तो उनके द्वारा विशेष जांच दल गठित कर रिपोर्ट मांगी गई, इसमें प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दावा किया है कि जनपद में 17 फैक्ट्रियों की जांच में दो को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया और कुछ फैक्ट्रियों पर गंभीर खामियां पाये जाने पर पर्यावणीय क्षति पहुंचाने के दोष में 52 लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना अधिरोपित किया गया है।
बताया गया कि 20 अगस्त को किसान दिवस के अवसर पर आरटीआई कार्यकर्ता सुमित मलिक निवासी पीनना ने फैक्ट्रियों द्वारा फैलाये जा रहे वायु एवं जल प्रदूषण के साथ ही प्रतिबंधित प्लास्टिक कचरा जलाये जाने को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी गीतेश चन्द्रा ने बताया कि इसके लिए जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा एसडीएम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीम का गठन कर जांच के निर्देश दिये। इस टीम ने भोपा रोड, जानसठ रोड और जौली रोड पर स्थित उद्योगों की जांच की। इसमें 17 फैक्ट्रियों की जांच की गई। बताया कि सरकार ने रिफ्यूज्ड ड्राईव फ्यूल जलाने की अनुमति उद्योगों को दी गई है। बताया कि दो फैक्ट्रियों में खामियां पाये जाने पर उनको कारण बताओं नोटिस दिया गया और कुछ अन्य उद्योगों में मिली गंभीर अनियमितता के कारण पर्यावणीय क्षति पहुंचाने का दोषी पाते हुए 52 लाख 02 हजार 500 रुपये का जुर्माना अधिरोपित किया गया है।







